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हिमाचल में बदला शास्त्री और भाषा अध्यापक का पदनाम, जारी हुई नोटिफिकेशन
शिमला। हिमाचल सरकार ने अध्यापकों (Teachers) की लंबे समय से चली आ रही मांग को पूरा कर दिया है। सरकार ने बीएड डिग्री धारक और टैट पास शास्त्री और भाषा अध्यापक का पदनाम (Designation) बदल दिए हैं। अब इन्हें टीजीटी संस्कृत और टीजीटी हिंदी का पदनाम मिला है। इस बारे नोटिफिकेशन भी जारी कर दी गई है। बता दें कि शास्त्री और भाषा अध्यापक (Shastri and language Teacher) का पदनाम बदलने की मांग लंबे अरसे से उठाई जा रही थी। हिमाचल प्रदेश शिक्षक संघ ने भी मांग का समर्थन किया था। जिसके चलते हाल ही में सीएम जयराम ठाकुर (CM jai Ram Thakur) ने शास्त्री और भाषा अध्यापक का पदनाम बदलने का भरोसा दिया था। अब इसके बारे में नोटिफिकेशन (Notification) जारी कर दी गई है। इसके साथ ही शास्त्री और भाषा अध्यापकों की लंबे समय से चली आ रही मांग पूरी हो गई है।
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वहीं अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ (All India National Education Federation) हिमाचल सरकार का भाषा अध्यापक और शास्त्री को टीजीटी हिंदी और टीजीटी संस्कृत का दर्जा देने के लिए सीएम जय राम ठाकुर, शिक्षामंत्री गोविंद ठाकुर, प्रधान शिक्षा सचिव देवेश कुमार का आभार व्यक्त किया है। अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के हिमाचल इकाई के प्रधान पवन कुमार, महामंत्री डॉ मामराज पुंडीर, संगठन मंत्री विनोद सूद, सी एंड वी उपाध्यक्ष श्री तीर्था नन्द, सभी जिलों के अध्यक्ष, महामंत्री, प्रदेश व जिला कार्यकारिणी के सदस्यों ने सरकार का आभार व्यक्त किया है।
प्रान्त महामंत्री डॉ मामराज पुंडीर ने कहा कि पिछले 25 वर्षों से शिक्षक यह मांग कर रहे थे। परन्तु जय राम सरकार ने इसे पूरा कर 15 हजार से ज्यादा अध्यापको को फायदा पहुंचाने काम किया है। पिछले वर्ष आठ अगस्त को मुख्यमंत्री द्वारा मंडी के कन्सा चौक में टीजीटी बनाने की घोषणा की थी। बाद में शैक्षिक महासंघ के आग्रह को बजट में शामिल किया था। डॉ मामराज पुंडीर ने कहा कि कर्मचारियों के हितैषी मुख्यमंत्री कौन हैं इसका उदाहरण सभी के सामने है।
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