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मानसून सत्र: जनजातीय क्षेत्रों के बजट में नहीं होगी कटौती, लाहुल को 10 करोड़ की राहत
Last Updated on August 3, 2021 by Sintu Kumar
शिमला। हिमाचल की जयराम सरकार जनजातीय क्षेत्रों (Tribal Areas) को ट्राइबल एरिया डेवलपमेंट प्रोग्राम के तहत मिल रहे बजट में कटौती नहीं करेगी। यह बात शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज (Minister Suresh Bhardwaj) ने मंगलवार को विधानसभा में बीजेपी के मुख्य सचेतक बिक्रम जरियाल द्वारा नियम.130 के तहत लाए गए प्रस्ताव के जवाब में कही। जरियाल ने इस प्रस्ताव के माध्यम से सरकार से मांग की थी कि ट्राइबल सब प्लान के तहत हर साल जारी होने वाले बजट में से दो फीसदी हिस्सा प्रदेश के गैर-जनजातीय क्षेत्रों में रह रही जनजातीय आबादी पर खर्च करने के लिए जारी किया जाए। मंत्री के जवाब से संतुष्ट बिक्रम जरियाल (Bikram Jaryal) ने यह प्रस्ताव वापस ले लिया। सुरेश भारद्वाज ने कहा कि जनजातीय क्षेत्रों में आबादी में हो रही वृद्धि के फलस्वरूप जनजातीय क्षेत्र विकास कार्यक्रम के तहत आबंटित 9 फीसदी राशि का दो फीसदी हिस्सा गैर जनजातीय क्षेत्रों में रह रहे लोगों को आबंटित नहीं किया जा सकता।
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लाहुल घाटी में राहत कार्य के लिए 10 करोड़
जनजातीय जिला लाहुल-स्पीति (Lahaul Spiti) में हाल ही में बादल फटने और बाढ़ आने की घटनाओं में हुए नुकसान की भरपाई के लिए प्रदेश सरकार ने 10 करोड़ रुपए तुरंत जारी करने की घोषणा की है। यह घोषणा सीएम जयराम ठाकुर (CM Jai Ram Thakur) ने मंगलवार को विधानसभा में एक विशेष वक्तव्य के माध्यम से की। सीएम ने सड़कें बंद होने के कारण किसानों की नकदी फसलों को मंडियों तक पहुंचाने में आ रही दिक्कतों के चलते परिवहन अनुदान की भी घोषणा की। सीएम की घोषणा के अनुसार उदयपुर-तिंदी से सिसु तक प्रति पिकअप 2500 से 3000 रुपए परिवहन अनुदान दिया जाएगा। इसका भुगतान संबंधित विभागों द्वारा किया जाएगा। यह परिवहन अनुदान घाटी में सड़क सुविधा (Road facility) सुचारू होने तक जारी रहेगा।
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जरूरत पड़ी तो बदली जा सकती है एनएच 707 में टूटे हिस्से की अलाइनमेंट
सीएम जयराम ठाकुर ने कहा है कि एनएच 707 पर काली ढांक के पास भूस्खलन (Landslide) से सड़क के टूटे हिस्से को इंजीनियर स्टडी कर रहे हैं और यदि जरूरत पड़ी तो इसकी अलाइनमेंट (Alignment) भी बदली जा सकती है। उन्होंने कहा कि भू वैज्ञानिक इसका अध्ययन कर रहे हैं और उनकी रिपोर्ट के बाद कोई कदम उठाया जाएगा। वे आज विधानसभा में कांग्रेस सदस्य हर्षवर्धन चौहान द्वारा नियम 62 के तहत उठाए गए इस मामले का जवाब दे रहे थे। जयराम ठाकुर ने कहा कि हिमाचल पहाड़ी राज्य है और बारिश (Rain) के कारण कई जगह भूस्खलन होता है और कई जगह नालों में पानी बढ़ने से नुकसान होता है। उन्होंने कहा कि इस बरसात में जान-माल का भारी नुकसान हुआ है। कांगड़ा के शाहपुर के बोह में बारिश से नुकसान हुआ और 10 लोगों की मौत हो गई, जबकि 5 को बचाने में सफल रहे। वहीं,किन्नौर के सांगला के बटसेरी में अचानक भूस्खलन हुआ। वहां पर तो बारिश भी नहीं हुई थी और भूस्खलन की चपेट में एक गाड़ी आ गई जिसमें 9 लोगों की मौत हो गई। वहीं एक पुल भी टूट गया। इसी प्रकार की स्थिति लाहुल.स्पीति में भी हुईए जहां बरसात में बारिश नहीं होती। वहां पर 10 लोगों के मलबे की चपेट में आए और इनमें से 7 के शव बरामद हुए और तीन अभी भी लापता हैं।
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