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शिमला। महाशिवरात्रि पर्व की आज छुट्टी थी पर प्रदेश सरकार व्यस्त थी। व्यस्तता यह थी कि बीजेपी सांसद अनुराग ठाकुर कोर्ट में चल रहे मामलों में बाहर आमजन में कुछ और ही संदेश देकर उलझाने का प्रयास कर रहे हैं। प्रदेश सरकार ने भी अपने इरादे स्पष्ट करते हुए कहा है कि वीरवार को जो मामला अनुराग ठाकुर से संबंधित सुप्रीम कोर्ट में रद हुआ है, इस मामले की सच्चाई यह है कि इस मामले में अनुराग के व्यक्तिगत संलिप्त होने का सबूत न मिल पाया।
सरकारी प्रवक्ता की तरफ से कहा गया है कि प्रदेश सरकार इस संदर्भ में आवश्यक कदम उठाएगी, जो वक्तव्य सरकार की तरफ से आया है, उसमें कहा गया है कि गंभीर आरोपों के अन्य लंबित पड़े विजिलेंस मामलों को वीरवार वाले मामले से उलझाया जा रहा है। गंभीर आरोपों को ध्यान में रखते हुए हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने एचपीसीए द्वारा विजिलेंस मामले को खारिज करने की अपील को रद कर दिया था, जिसके फलस्वरूप एचपीसीए ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी। मामले की सुनवाई 29 मार्च, 2017 को होनी है। सरकार की तरफ से कहा गया है कि जो मामला वीरवार को सुप्रीम कोर्ट में रद हुआ है, वह विजिलेंस मामला नहीं था।
एचपीसीए के खिलाफ विजिलेंस द्वारा दर्ज किया गया मामला अभी भी सुप्रीम कोर्ट में लंबित है, जिसे हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने रद कर दिया था। जबकि, हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट में दो अन्य मामले भी लंबित हैं। सुप्रीम कोर्ट द्वारा वीरवार को रद किया गया मामला कांगड़ा जिला पुलिस द्वारा देखा जा रहा था, जो सरकारी भूमि के अधिग्रहण से संबंधित था।
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