-
Advertisement
कैग रिपोर्ट में बड़ा खुलासा, संदेह के घेरे में हिमाचल सरकार का वित्त विभाग
शिमला। हिमाचल विधानसभा (Himachal Vidhan Sabha) के मानसून सत्र के आज आखिरी दिन भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (Comptroller and Auditor General) (कैग) ने हिमाचल के वित्त विभाग की कार्रवाई पर सवाल खड़े किए। सीएम जयराम ठाकुर (CM Jai Ram Thakur) द्वारा सदन में पेश की गई कैग रिपोर्ट हिमाचल सरकार द्वारा वित्त वर्ष 2021-21 में खर्च 3557.83 करोड़ रुपए की राशि पर सवाल खड़े कर दिए। कैग रिपोर्ट के अनुसार प्रदेश सरकार ने 2800 करोड़ रुपए के काम के यूटिलाइजेशन सर्टिफिकेट (यूसी) नहीं दिए, जबकि सभी सरकारी कार्यों में पारदर्शिता के लिए यूटिलाइजेशन सर्टिफिकेट (Utilization Certificates) जमा करवाना जरूरी होता है। लेकिन सरकार द्वारा यूसी जमा नहीं करवाने से कहीं ना कहीं सरकारी पैसे के दुरुपयोग की आशंका जताई है।
यह भी पढ़ें:CM जयराम के साथ बैठक में OPS पर नहीं बनी सहमति, कर्मचारी संघ ने किया क्रमिक अनशन का ऐलान
मानसून सत्र (Monsoon Session) के आज आखिरी दिन पेश की गई कैग रिपोर्ट (CAG Report) के अनुसार सरकार के पास वास्तव में खर्च या उपयोग की गई 3,557,83 करोड़ रुपए की राशि का सही जवाब नहीं था। 31 मार्च, 2021 तक कुल 2799 यूसी लंबित थी। जिसके चलते पैसे के दुरुपयोग की आशंका काफी बढ़ जाती है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि 227.65 करोड़ रुपए की राशि, उपवाउचर और अन्य सहायक दस्तावेज वास्तविक व्यय के प्रमाण के रूप में प्रधान महालेखाकार को प्रस्तुत नहीं किए गए। 227.65 करोड़ रुपए की राशि को व्यय के रूप में नहीं माना गया और इसे शीर्ष सस्पेंस पब्लिक अकाउंट के तहत रखा गया है। लेखापरीक्षक ने यह भी पाया कि आहरण एवं वितरण अधिकारी (डीडीओ) कोषागार से आकस्मिक प्रकृति के अग्रिमों को आहरित करने के लिए उसी प्रपत्र का उपयोग कर रहे थे, जैसा कि व्यय की अन्य सभी नियमित प्रकृति के लिए किया जाता है। कैग ने आगाह किया कि अग्रिम आहरित और निगरानी नहीं की गई और उसका हिसाब नहीं दिया गया। इससे भी दुरुपयोग और दुर्विनियोजन की संभावना बढ़ जाती है।
हिमाचल और देश-दुनिया की ताजा अपडेट के लिए join करें हिमाचल अभी अभी का Whats App Group