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हिमाचल हाईकोर्ट ने लगाई निचली अदालत के फैसल पर मुहर, शराब तस्करी के अरोपी किए बरी
शिमला। हिमाचल हाईकोर्ट (Himachal HighCourt)ने निजी वॉल्वो बस के चालक और परिचालक (Volvo Bus Drivers and Conductor) को शराब की तस्करी के आरोप से बरी कर दिया है। न्यायाधीश सत्येन वैद्य ने राज्य सरकार द्वारा दायर अपील को ख़ारिज करते हुए जिला एवं सत्र न्यायाधीश कुल्लू के फैसले पर अपनी मुहर लगा दी है। मामले के अनुसार मनाली स्थित आलू मैदान के समीप पुलिस और आबकारी एवं कराधान विभाग ने नाका लगाया था और इस दौरान दिल्ली नंबर की वॉल्वो बस में चेकिंग के दौरान बस की डिक्की से 36 बोतलें व्हस्की, 36 बोतलें बियर और 32 बोतलें रम की बरामद की गई। पुलिस के अनुसार चालक और परिचालक के पास शराब को ले जाने का लाइसेंस नहीं था। पुलिस ने अनिल कुमार चालक, संतोष सिंह परिचालक और मनोज चौधरी के विरुद्ध मामला दर्ज किया और प्रारंभिक जांच के पश्चात् न्यायिक दंडाधिकारी मनाली की अदालत में अभियोग चलाया।
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अभियोजन पक्ष ने तीनों कथित आरोपिओं के विरुद्ध अभियोग साबित करने के लिए 6 गवाहों के ब्यान दर्ज करवाए। न्यायिक दंडाधिकारी मनाली की अदालत (Court) ने दोनों पक्षों को सुनने के पश्चात् तीनों कथित अरोपियो को 6-6 महीने की सजा सुनाई। न्यायिक दंडाधिकारी मनाली के इस निर्णय को कथित आरोपिओं ने अपील के माध्यम से जिला एवं सत्र न्यायाधीश कुल्लू (Kullu Court) के समक्ष चुनौती दी। जिला एवं सत्र न्यायाधीश कुल्लू ने मामले से जुड़े रिकॉर्ड का अवलोकन करने के पश्चात् तीनों आरोपिओं को बरी कर दिया। इस निर्णय को राज्य सरकार ने हाई कोर्ट के समक्ष अपील के माध्यम से चुनौती दी थी।
हाई कोर्ट ने मामले से जुड़े तमाम रिकॉर्ड का अवलोकन करने के पश्चात् राज्य सरकार (Himachal Govt) की अपील को ख़ारिज करते हुए अपने निर्णय में कहा कि अभियोजन पक्ष ने स्वंत्र गवाह के रूप में किसी के ब्यान दर्ज नहीं करवाए, जबकि बस के भीतर काफी सवारियां सफ़र कर रही थी। इसके अलावा आलू मैदान के आस पास भी काफी भीड़ रहती है, लेकिन अभियोजन पक्ष ने किसी स्वंत्र गवाह को जांच में शामिल नहीं करवाया, जिससे अभियोजन पक्ष की कहानी संदेह के घेरे में आती है। अदालत ने कहा कि अभियोजन पक्ष अनिल कुमार चालक, संतोष सिंह परिचालक और मनोज चौधरी के विरुद्ध अभियोग साबित करने में नाकाम रहा है।