-
Advertisement
हिमाचल हाईकोर्ट: जिला कांगड़ा के दो एसडीएम कार्यालय डिनोटिफाई मामले की सुनवाई टली
शिमला। हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट (Himachal High Court) में नई सरकार द्वारा विभिन्न कार्यालयों को डिनोटिफाई (Denotify) करने और जसवां-परागपुर विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत चुनावों से पूर्व खोले गए एसडीएम कार्यालय (SDM offices) कोटला बेहड़ और रक्कड़ सहित डाडासीबा ब्लॉक को बंद करने के आदेशों को चुनौती देने से जुड़े मामले में सुनवाई टल गई है। नई सरकार की ओर से पिछली सरकार द्वारा कार्यालयों को डिनोटिफाई करने के आदेशों को भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सुरेश कश्यप (Suresh Kashyap) और जसवां-परागपुर विधानसभा क्षेत्र से विधायक बिक्रम ठाकुर ने चुनौती दी है। प्रार्थीयों ने बिना कैबिनेट बनाए ही पूर्व सरकार के फैसलो को रद्द करने को गैरकानूनी ठहराने की गुहार लगाई है। सरकार की ओर से महाधिवक्ता द्वारा प्रार्थी की जनहित याचिका दायर करने की योग्यता पर सवाल उठाते हुए याचिका को गुणवताहीन बताया।
यह भी पढ़ें:लोक सेवा आयोग के चेयरमैन-सदस्यों को बिना पेंशन काटे मिलेगी पूरी सेलरी: हिमाचल हाईकोर्ट
याचिकाकर्ताओं की ओर से याचिकाओं में पाई गई त्रुटियों को दूर करने और कुछ संशोधन करने की अनुमति मांगी गई थी। मुख्य न्यायाधीश अमजद ए सैयद व न्यायाधीश ज्योत्स्ना रिवाल दुआ की खंडपीठ ने यह अनुमति देते हुए मामले पर सुनवाई सर्दियों की छुट्टियों के बाद निर्धारित की है। कोर्ट ने जरूरत पड़ने पर मामले में सुनवाई छुट्टियों के दौरान बैठने वाली बेंच के समक्ष करने की छूट भी दी है। प्रार्थीयों की ओर से याचिका में आरोप लगाया गया है कि नई सरकार ने बिना कैबिनेट बनाए ही पूर्व सरकार द्वारा नए कार्यालयों को डिनोटिफाई करने का फैसला ले लिया। जबकि कैबिनेट के फैसले को कैबिनेट ही रद्द करने की शक्ति रखती है।
हिमाचल हाईकोर्ट ने 6 जिला में लीगल एंड डिफेंस काउंसिल ऑफिस के किए उद्घाटन
हिमाचल हाईकोर्ट ने शिमला, सिरमौर, सोलन, कांगड़ा, कुल्लू व ऊना जिला में लीगल एंड डिफेंस काउंसिल ऑफिसज (Legal and Defense Council Offices) का वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से उद्घाटन किया। हाईकोर्ट के न्यायाधीश सबीना, न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान, न्यायाधीश विवेक सिंह ठाकुर, न्यायाधीश अजय मोहन गोयल, न्यायाधीश संदीप शर्मा, न्यायाधीश ज्योत्स्ना रिवाल दुआ, न्यायाधीश सत्येन वैद्य, न्यायाधीश सुशील कुकरेजा व न्यायाधीश विरेंदर सिंह भी इस अवसर पर उपस्थित थे। शुरुआत में देश की 12 जगहों पर पायलट प्रोजेक्ट बेसिस पर डिफेंस काउंसिल सिस्टम का शुभारंभ किया गया है। इसके पश्चात 22 राज्यों में 365 जगहों पर लीगल एड डिफेंस काउंसिल सिस्टम को लागू किया जाना है। इन प्रोजेक्टों का मुख्य उद्देश्य गरीब व जरूरतमंद लोगों को कानूनी सहायता मुहैया करवाना है।