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हाईकोर्ट: गोविंद सागर झील में फोरलेन के मलबे की डंपिंग पर रोक जारी
शिमला। हाईकोर्ट ने किरतपुर-मनाली फोरलेन निर्माण के मलबे को गोविंद सागर झील (Govind Sagar Lake) में ठिकाने लगाने पर उपायुक्त बिलासपुर (Bilaspur) को प्रतिवादी बनाते हुए झील में मलबा डालने पर अपनी स्थिति स्पष्ट करने के आदेश दिए हैं। अदालत ने अपने आदेशों में स्पष्ट किया कि झील में किसी भी तरह की डंपिंग करने पर रोक बनी रहेगी।
मुख्य न्यायाधीश एमएस रामचंद्र राव और न्यायाधीश अजय मोहन गोयल की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई 26 जून को निर्धारित की है। मामले की सुनवाई के दौरान एनएचएआई (NHAI) और ठेकेदार ने अदालत को बताया कि उनका फोरलेन का निर्माण अनुबंध पूरा हो गया है। उनकी ओर से झील में किसी भी तरह की डंपिंग नहीं की रही है। याचिकाकर्ता की ओर से अदालत को बताया गया कि गाेविंद सागर झील में अदालत की रोक के बावजूद भी अवैध डंपिंग (Illegal Dumping) का सिलसिला नहीं थम रहा है। अदालत को इस बारे में छपी खबरों और फोटो से अवगत करवाया गया। इससे साफ जाहिर हो रहा है कि झील में अवैध डंपिंग हो रही है। अदालत ने डीसी बिलासपुर से इसकी विस्तृत रिपोर्ट तलब की है।