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वात्सल्य स्कीम के आउटसोर्स कर्मियों को राहत, बर्खास्तगी पर लगी रोक
शिमला। हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट (Himachal High Court) से वात्सल्य स्कीम (Vatsalya Scheme) के तहत लगे आउटसोर्स कर्मियों (Outsourced Workers) को बड़ी राहत मिली है। कोर्ट ने इनकी सेवा समाप्ति पर फिलहाल रोक लगा दी है। किशोर न्याय (बाल देखरेख और संरक्षण) अधिनियम, 2015 के अंतर्गत नियुक्त किए गए काउंसिलर, सुपरवाइजर और हेल्पर को हाईकोर्ट से अंतरिम राहत (Interim Relief) मिली।
न्यायाधीश रंजन शर्मा ने 33 प्रार्थियों की याचिका की सुनवाई के दौरान उनकी सेवाओं को बनाए रखने के आदेश जारी किए हैं। याचिका में दिए तथ्यों के अनुसार प्रार्थियों को वात्सल्य स्कीम के अंतर्गत नियुक्त किया गया है। ये कर्मी लंबे समय से महिला एवं बाल विकास सामाजिक न्याय एवं कल्याण विभाग के अधीन अपनी सेवाएं दे रहे हैं। 11 अक्टूबर 2023 को केंद्र सरकार (Central Govt) द्वारा जारी आदेशों के तहत उनकी सेवाओं को 31 अक्टूबर 2023 से समाप्त करने के आदेश जारी किए गए हैं।
केंद्र का निर्णय गैरकानूनी
प्रार्थियों के अनुसार केंद्र सरकार का यह निर्णय कानून की दृष्टि से बिल्कुल गलत है। प्रदेश हाईकोर्ट ने प्रथम दृष्टया पाया कि केंद्र सरकार द्वारा पारित किया गया निर्णय भारतीय संविधान (Indian Constitution) के अनुच्छेद 14 व 16 का सरासर उल्लंघन है। प्रदेश हाईकोर्ट ने प्रतिवादियों को आदेश जारी किए कि उक्त पदों पर नई भर्ती करने से पूर्व कोर्ट से अनुमति ली जाए। जब तक इन पदों को भरने के लिए कानूनी तौर पर वात्सल्य स्कीम के अंतर्गत भर्ती प्रक्रिया को अंजाम नहीं दिया जाता, तब तक प्रार्थियों को उक्त पदों पर कार्य करने की इजाजत दी जाए।