-
Advertisement
नकली दवाओं का मामला: 2 दवा कारोबारियों की जमानत याचिकाएं खारिज
शिमला। प्रदेश हाईकोर्ट ने दो दवा कारोबारियों की जमानत याचिकाएं (Bail Application Rejected) खारिज कर दी हैं। कथित तौर पर नकली दवाइयों का कारोबार करने के आरोपी अंकित सिंगला और अंकुश सिंगला ने कोर्ट से अग्रिम जमानत की गुहार लगाई थी। न्यायाधीश सुशील कुकरेजा ने अपने निर्णय में कहा कि प्रार्थियों के खिलाफ गंभीर आरोप लगे है। दोनों आरोपियों के खिलाफ नकली दवाइयों के कारोबार में संलिप्त होना (Indulge In Fake Medicine Business ) प्रथम दृष्टया प्रतीत होता है। इस कारण फिलहाल उन्हें जमानत पर छोड़ा जाना कानूनी तौर पर न्यायोचित नहीं होगा।
अभियोजन पक्ष की ओर से स्टेटस रिपोर्ट के माध्यम से कोर्ट को बताया गया कि प्रार्थीगण केसी ओवरसीज फार्मा कंपनी के निदेशक पद पर कार्यरत हैं। इस कंपनी से कथित तौर पर नकली दवाइयों का जखीरा बरामद किया गया है। कोर्ट को बताया गया कि 8 मई 2023 को गुप्त सूचना के आधार पर औषधि निरीक्षकों (Drug Inspectors) की टीम ने मेसर्स पिनाकल लाइफ साइंसेज प्राइवेट लिमिटेड, मानपुरा, बद्दी, जिला सोलन (Solan) के परिसर का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान गुजरात की मैसर्स जेआरएस फार्मा और माइक्रोवैक्स पी लिमिटेड कंपनियों के लेबल पाए गए। जांच के दौरान पाया गया कि संदिग्ध नकली दवाओं की आपूर्ति मेसर्स केसी ओवरसीज ने की थी।
यह भी पढ़े:हाईकोर्ट: केसीसी बैंक को कर्मचारी की ग्रैच्युटी अदा करने के आदेश
की थी नकली दवाओं की आपूर्ति
अगले दिन 9 मई 2023 को औषधि निरीक्षकों की टीम ने गांव मैसा टिब्बा स्थित मैसर्स लोगोस फार्मा परिसर का निरीक्षण किया। इस परिसर में पाई गई नकली दवाइयों की आपूर्ति भी मेसर्स केसी ओवरसीज ने ही की थी। 10 मई को औषधि निरीक्षकों की टीम ने मैसर्स अल्ट्रा ड्रग्स प्राइवेट लिमिटेड बद्दी का निरीक्षण किया, जहां पाई गई नकली दवाइयों की आपूर्ति भी मेसर्स केसी ओवरसीज ने ही की थी। कोर्ट को बताया गया कि मामले की जांच अभी जारी है। प्रार्थियों को यदि अग्रिम जमानत पर रिहा करने के आदेश दिए जाते है तो उस स्थिति में वे साक्ष्यों से छेड़छाड़ कर सकते हैं।