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![Himachal high-court](https://himachalabhiabhi.com/wp-content/uploads/2023/06/Shimla-high-court.jpg)
हिमाचल में भिखारियों की जमीनी डीटेल दे सरकार: हाईकोर्ट
शिमला। हाईकोर्ट ने प्रदेश में भिक्षावृत्ति (Begging) रोकने के लिए उचित कदम न उठाने पर सरकार को कड़ी फटकार लगाई है। मुख्य न्यायाधीश एम एस रामचंद्र राव और न्यायाधीश अजय मोहन गोयल की खंडपीठ ने सरकार को शपथपत्र के माध्यम से प्रदेश में भिखारियों की जमीनी डीटेल (Ground Data Of Beggars In HImachal) से अवगत करवाने के आदेश दिए हैं। कोर्ट ने 43 साल पहले बनाए भिक्षावृति निवारण अधिनियम के प्रावधानों पर अमल को लेकर दायर स्टेट्स रिपोर्ट पर असंतुष्ट होते हुए सरकार को भिखारियों की जमीनी स्थिति कोर्ट के सामने रखने के आदेश दिए हैं।
कॉलेज छात्रा ने लगाई है याचिका
एक कॉलेज छात्रा की जनहित याचिका में बताया गया है कि शिमला शहर में जगह-जगह भिखारी नजर आते हैं। उनके साथ नंगे पांव, बिना कपड़ों के छोटे-छोटे बच्चे होते हैं, जिनके रहन सहन के लिए राज्य सरकार की ओर से कोई कदम नही उठाये गए है। सर्वोच्च न्यायालय (Supreme Court) ने इस तरह के लोगों के रहन-सहन के इंतजाम के लिए दिशा-निर्देशों जारी कर रखे हैं। प्रार्थी ने इस बारे में निदेशक महिला एवं बाल विकास को प्रतिवेदन भेजा था। मगर उनकी ओर से इस बारे में कोई विशेष कदम नहीं उठाया गया। 12 से 18 महीने के बच्चों को फुटपाथ पर बिना घर के रोलर स्केटिंग रिंक, लक्कड़ बाजार, लोअर बाजार और अन्य उपनगरों में देखा जा सकता है। यह सर्वोच्च न्यायालय द्वारा जारी दिशा-निर्देशों की उल्लंघना को दर्शाता है। मामले पर सुनवाई 20 नवम्बर को निर्धारित की गई है।
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