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highcourt order : शिमला। हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने शिमला जिला के कोटखाई क्षेत्र में देवदार के पेड़ों को काटे जाने की खबर पर संज्ञान लेते हुए 8 मई तक राज्य सरकार से स्पष्टीकरण मांगा है। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजय करोल व न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान की खंडपीठ ने समाचार पत्रों में छपी खबर पर संज्ञान लेते हुए उपरोक्त आदेश पारित किए। खबरों के अनुसार 20 मार्च को कोटखाई के साथ लगते जंगल में लगभग 5 हेक्टेयर वन क्षेत्र में वन माफियाओं द्वारा हरे देवदार के पेड़ों को काटा गया था।
इन पेड़ों को वन विभाग की नाक के नीचे से काट दिया गया और विभाग अभी तक मौन धारण किए हुए है। सेबों के फलों व बगीचों के लिए मशहूर इस इलाके में बड़ी संख्या में पेड़ों को काटा जाना दुःखद है। हाटू, कलाला व बाघी के बीच फोरेस्ट गेस्ट हाउस के आसपास इन पेड़ों को काटा गया। खबर के अनुसार पेड़ों को काटने के बाद जंगलों में जानबूझ कर आग भी लगाई जा रही है। वन विभाग ने अभी तक किसी भी आरोपी पर कोई कार्रवाई नहीं की है। कोर्ट ने मामले की गंभीरता को देखते हुए राज्य सरकार से 8 मई तक स्पष्टीकरण मांगा है।
उत्तर रेलवे के वरिष्ठ मंडलीय अभियंता तलब
प्रदेश हाईकोर्ट ने कोर्ट के समक्ष दिए वक्तव्य के मुताबिक कार्य न करने पर उत्तर रेलवे के वरिष्ठ मंडलीय अभियंता को तलब किया है। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजय करोल व न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान की खंडपीठ ने यह आदेश कोर्ट मित्र द्वारा कोर्ट को दी इस जानकारी के बाद पारित किए कि उनके द्वारा कोर्ट के समक्ष दायर शपथ पत्र से यह प्रतीत होता है कि वह कोर्ट के दिए वक्तव्य से बचने की कोशिश कर रहे हैं। 14 अगस्त 2016 को उत्तर रेलवे के इस अधिकारी ने यह वक्तव्य दिया था कि वह ओल्ड बस स्टैंड के नजदीक उनकी खाली भूमि पर दो मंजिला पार्किंग बना देंगे, लेकिन अभी तक इस बाबत कोई कदम नहीं उठाया गया है। मामले पर सुनवाई 15 मई को होगी।
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