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शिमला। ऊना क्षेत्र के निकटवर्ती पेखुवेला गांव में शराब माफिया पर कार्रवाई के दौरान पुलिस टीम पर ही हमले (Attack police team) के मामले में कांग्रेस विधायक सतपाल रायजादा के पीएसओ और चालक की संलिप्ता के बाद सियासत भी गरमा गई है।
एक तरफ जहां बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष सतपाल सिंह सत्ती (BJP state president Satpal Singh Satti) ने विधायक के संरक्षण में ऊना में शराब, खनन माफिया और नशे का कारोबार चलने का आरोप जड़ा है, वहीं कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष कुलदीप राठौर (Congress state President Kuldeep Rathore) विधायक सतपाल रायजादा के बचाव में उतर आए हैं। दूसरी तरफ कांग्रेस विधायक सतपाल रायजादा ने मामले को लेकर उनके खिलाफ जानबूझकर साजिश रचने के आरोप लगाए हैं।
बीजेपी अध्यक्ष सतपाल सिंह सत्ती ने आरोप लगाते हुए कहा कि ऊना में लंबे समय से कांग्रेस (Congress) के लोग शराब, खनन माफिया और नशे के कारोबार में संलिप्त हैं। विधायक के संरक्षण में कारोबार चल रहा है। अब तक जितने लोग पकड़े गए हैं, उसमें अधिकतर कांग्रेस के लोग हैं।
शराब पंजाब (Punjab) से अवैध रूप से लाई जा रही है। सत्ती ने कहा कि ऊना (Una) में पुलिस ने अवैध शराब पकड़ी, लेकिन तस्करों को बचाने के लिए विधायक की गाड़ी में पीएसओ (PSO) और चालक ने पुलिस के साथ मारपीट की है। नशा माफिया के तार कहा तक जुड़े हैं और कहां-कहां बात करते हैं, इसकी जांच होनी चाहिए। अगर विधायक भी इसमें संलिप्त हैं तो उसके खिलाफ भी कार्रवाई होनी चाहिए। उन्होंने विधायक सतपाल रायजादा के फोन की जांच करने और विधायक के पीएसओ को सस्पेंड करने की मांग की है।
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कुलदीप राठौर ने विधायक सतपाल रायजादा का बचाव करते हुए कहा कि बीजेपी जनता का ध्यान भटकाने के लिए कांग्रेस के विधायक पर नशा तस्करों को संरक्षण देने के झूठे आरोप लगा रही है, जोकि सरासर गलत हैं। ऊना सदर के कांग्रेस विधायक सतपाल रायजादा ने पहले भी नशा व खनन तस्करों के खिलाफ आवाज उठाई थी और तस्करों के विरोध में ऊना के पुलिस अधीक्षक का घेराव भी किया था। कुलदीप राठौर ने कहा कि उनकी मामले को लेकर विधायक से बात हुई है और विधायक हर पुलिस जांच करवाने के लिए तैयार हैं। बीजेपी के आरोप निराधार हैं।
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