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शिमला। ग्रामीण से कांग्रेस विधायक विक्रमादित्य सिंह (Congress MLA Vikramaditya Singh) दिल्ली के हालात को ध्यान में रखते हुए शिमला को लेकर चिंतित हैं, उन्हें आशंका है कि कहीं उद्योग और व्हीकुलर ट्रैफिक के कारण यहां भी हालात देश की राजधानी जैसे ना हो जाए। इसके लिए उन्होंने एक ऑनलाइन सिग्नेचर कैंपेन (Online signature campaign) शुरू करने जा रहे हैं। जिसका उद्देश्य शिमला को भविष्य के खतरों से बचना है। इसके लिए उन्होंने प्रस्ताव दिया है कि शिमला में सभी प्रशासनिक सचिवों और विभागाध्यक्षों और दूसरे प्रशासनिक अधिकारियों जिनको सरकारी गाड़ियां अलॉट हुई हैं, उनके लिए आवास से दफ्तर आने-जाने के लिए इलेक्ट्रॉनिक बस सुविधा की शुरूआत की जाए।
विक्रमादित्य सिंह कहना है कि इस बस सुविधा की शुरूआत करने से जहां गाड़ियों की संख्या कम होगी, वहीं इससे होने वाले प्रदूषण से भी शहर वासियों को निजात मिलेगी। उन्होंने कहा कि आज शहर के अन्दर तकरीबन 70,000 गाड़ियां चलती हैं जिसमें से तकरीबन 30 से 35 प्रतिशत सरकारी गाड़ियां हैं। इसके साथ ही इन गाड़ियों के चलने से सरकारी कोष पर भी बहुत वित्तीय बोझ पड़ता है। इन सभी चीजों को ध्यान में रखते हुए शुरूआती तौर पर हम केवल सरकारी क्षेत्र में कार पुलिंग का प्रस्ताव कर रहे हैं और अगर इसका परिणाम अच्छा रहा तो हम इसे निजी क्षेत्र में भी सरकार से लागू करने का निवेदन करेंगें। विक्रमादित्य ने शहरवासियों से निवेदन किया है कि दलगत राजनीति से उपर उठकर शहर के हित में इस महत्वपूर्ण कार्य के लिए अपना बहुमूल्य योगदान दें।
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