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मंडी। चंडीगढ़-मनाली नेशनल हाईवे पर डयोड़ के पास हो रहे हल्के भूस्खलन ने तीन परिवारों से उनका आशियाना छीन लिया है। डीसी मंडी ऋग्वेद ठाकुर ने मौके पर पहुंच कर जिला प्रशासन को सेंसर और फ्लड लाइट्स लगाने के निर्देश दिए हैं ताकि यहां मौजूद खतरे को भांपा जा सके। डयोड़ के पास पहाड़ी में बड़ी-बड़ी दरारें आ गई हैं और पहाड़ी के दरकने से तबाही मचने की आशंका बनी हुई है।
फोरलेन निर्माण (Four lane construction) के लिए की जा रही कटिंग के कारण यह स्थिति उत्पन्न हुई है। कटिंग के बाद पहाड़ी की पकड़ ढीली हो गई जिस कारण हल्की बारिश में ही पहाड़ी खिसकने लग गई। वहीं पहाड़ी दरकने के कारण इसके उपर रह रहे तीन परिवारों के 21 सदस्य घर से बेघर हो गए हैं।
लोगों ने प्रशासन के आदेशों के बाद अपने घरों को खाली कर दिया है और गौशालाओं में शरण ले ली है। गौशाला (cowshed) में एक तरफ पशु बंधे हैं और दूसरी तरफ इंसान रह रहे हैं। तीन घरों में बड़ी-बड़ी दरारें आ गई हैं और जमीन पर भी चौड़ी दरारें गांव के लोगों को डरा रही हैं। यदि यह मलबा गिरता है तो फिर इन तीन परिवारों के साथ सड़क से नीचे की तरफ रह रहे लोगों को भी भारी नुकसान (huge loss) झेलना पड़ सकता है। प्रभावित गुलजार, रफीक और रजिया ने बताया कि उन्हें डर के साए में रातें काटनी पड़ रही हैं। इन्होंने प्रशासन व सरकार से इनके रहने की उचित व्यवस्था करने की गुहार लगाई है।
वहीं, मामले की गंभीरता को देखते हुए डीसी मंडी ऋग्वेद ठाकुर पूरे दलबल के साथ मौके पर पहुंचे और स्थिति का जायजा लिया। उनके साथ एएसपी मंडी पुनीत रघु और एसडीएम सदर सन्नी शर्मा सहित आईआईटी के विशेषज्ञ भी मौजूद रहे। डीसी मंडी (DC mandi) ने तीनों परिवारों के पास जाकर उनसे बात की और उनकी स्थिति को जाना।
डीसी ने मौके पर सेंसर और फ्लड लाइट्स लगाने के निर्देश दिए। ऋग्वेद ठाकुर ने बताया कि यदि पहाड़ी खिसकने लगेगी तो सेंसर इसकी चेतावनी पहले ही दे देंगे और फ्लड लाइट्स (Flood Lights) रात के समय निगरानी के लिए काम आएंगी। उन्होंने बताया कि प्रभावित परिवारों को अस्थाई शेड बनाकर दिए जाएंगे ताकि वह वहां पर सुरक्षित रह सकें। वहीं पुलिस को भी मौके पर 24 घंटे तैनात रहने के निर्देश दे दिए गए हैं।
इस पूरे मामले से इलाके में तो दहशत है ही साथ ही यहां से गुजरने वाले वाहन चालक भी खुद को सुरक्षित महसूस नहीं कर रहे हैं। प्रशासन के लिए सड़क को बंद कर पाना भी संभव नहीं क्योंकि मनाली के लिए यही एक सड़क है जहां से सारे टूरिस्ट आ-जा रहे हैं। फिलहाल स्थाई समाधान नजर नहीं आ रहा और प्रशासन के लिए यह एक चुनौती बनता जा रहा है।
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