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शिमला। सीएम जयराम ठाकुर (CM Jai Ram Thakur) ने कहा है कि अब तक भारी बारिश (Heavy Rain) से प्रदेश में 490 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। वहीं, पिछले 24 घंटे में 20 से अधिक लोगों की मौत हुई है। सबसे ज्यादा मौतें शिमला जिला में हुई हैं। सरकार ने प्रशासन को अलर्ट पर रखा है। अगर कहीं हेलीकॉप्टर की जरूरत महसूस हुई तो हेलीकॉप्टर को भी रेस्क्यू (Rescue) के काम में लाया जाएगा। बता दें कि हिमाचल में भारी बारिश ने तबाही मचा दी है। प्रदेश में सभी नदियां व नाले उफान पर हैं और जगह-जगह लैंड स्लाइड (Landslide) हुआ है। प्रदेश में बीते 24 घंटे में बिलासपुर के श्री नैनादेवी में 360 मिलीमीटर बारिश हुई है, जोकि बारिश है। पूरे प्रदेश में 102.5 मिलीमीटर रिकॉर्ड बारिश दर्ज की गई है, जोकि 2011 के बाद 24 घंटे में सबसे जयादा बारिश है।
शिमला जिला की बात करें तो भारी बारिश से हुए भूस्खलन और पेड़ गिरने से अभी तक शिमला में 10 की मौत की पुष्टि हो चुकी है। वहीं करीब 8 लोग जिंदगी और मौत से जंग लड़ रहे हैं। एक व्यक्ति की मौत हाटकोटी में ट्रक पर चट्टानों के गिरने से हुई, जबकि दूसरा साथी जख्मी है। एक मौत सेमेट्री में घर में मलबा आने से हुई, जबकि अन्य एक व्यक्ति अस्पताल में दाखिल है। 3 मौतें शिमला के आरटीओ ऑफिस (RTO Office) के पास लैंडस्लाइड से हुई हैं।
जहां दो बेटियों सहित एक मां घर पर गिरे पेड़ व मलबे की भेंट चढ़ गई, जबकि पिता आईजीएमसी में गंभीर हालत में है। एक महिला की मौत जुब्बड़हट्टी में पशुशाला में पशुओं के घास डालने के दौरान आए लैंडस्लाइड से हुई। जबकि ठियोग (Theog) में नाला पार करते हुए दो नेपाली महिलाओं की बहने से मौत हो गई है। इसी के साथ नारकंडा में घर पर पेड़ गिरने से दो नेपाली व्यक्तियों की मौत हो गई, जबकि 5 घायल हो गए। चंबा (Chamba) की बात करें तो दादा और पोती सहित तीन की मौत हुई है।
शिमला में जगह-जगह भूस्खलन व पेड़ गिरने से अधिकतर सड़कें बंद हैं। शिमला में भूस्खलन व पेड़ गिरने से दर्जन भर गाड़ियां चपेट में आई हैं। दो बसें भी बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई हैं। एक निजी बस पर जिस वक्त पेड़ गिरा, उस वक़्त उसमें 7 लोग सवार थे। गनीमत रही कि बस को ही नुकसान हुआ, बाकी किसी को कोई चोट नहीं आई। बारिश के चलते कई सड़कें बह गई हैं। कई घरों को खतरा उत्पन्न हो गया है। रोहड़ू की पब्बर नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। चौपाल की खड्डों में जलस्तर बढ़ने से बाढ़ जैसे हालात है।
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