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सुंदरनगर। सुधार सभा सुंदरनगर और हिमाचल पेंशनर फेडरेशन ने प्रदेश में बिजली के स्मार्ट मीटर लगाने की योजना को उपभोक्ताओं से लूट करार दिया है। सुधार सभा सुंदरनगर के अध्यक्ष निरंजन सिंह वर्मा, हिमाचल पेंशनर फेडरेशन मंडी के जिला संयुक्त सचिव रमन गुप्ता, हिमाचल पेंशनर फेडरेशन सुंदरनगर के प्रधान लक्ष्मण सिंह और वरिष्ठ उप प्रधान विनोद स्वरूप ने मीडिया से बातचीत में कहा कि इसे प्रदेश के दो जिलों में शुरू किया जा रहा है, फिर पूरे प्रदेश में शुरू होगा।
मीटर 14 प्रतिशत सर्विस टैक्स खपत के मूल्य पर लगना चाहिए, जबकि विभाग इसे फ्लैट रेट प्रति मीटर बसूल रहा है, जोकि सही नहीं है। उन्होंने कहा कि विद्युत विभाग ने पहले भी इलेक्ट्रॉनिक मीटर लगाएं, फिर डिजिटल मीटर लगा लिए, जिसका भार उपभोक्ताओं के उपर पड़ा है। उन्होंने कहा कि यह मीटर सफलतापूर्वक प्रदेश में कार्य कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में बिजली की कोई चोरी नहीं होती है। उपभोक्ता सामान्य रूप से तीन सौ और चार सौ यूनिट बिजली से अधिक खर्च भी नहीं करते हैं।
उन्होंने कहा कि स्मार्ट मीटर लगाने में शुरू में भले ही सरकार योगदान दे रही हो, लेकिन बाद में खराबी आने उपभोक्ता के अपने खर्च से मरम्मत व मीटर बदलना होगा। मरम्मत करने व दोबारा मीटर बदलने व लगाने के लिए प्रति मीटर तीन हजार की राशि वसूली जाएगी। उपभोक्ता तीन हजार की राशि खर्च नहीं कर सकता। उन्होंने मांग उठाई है कि सरकार इस पर विचार करे और तुरंत प्रभाव से इस फैसले को वापस लिया जाए। नहीं तो उपभोक्ता सड़कों पर उतरकर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करने से गुरेज नहीं करेंगे।
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