-
Advertisement
देख लीजिए सीएम साहब! आपके हिमाचल प्रदेश की ये है हालत
कुल्लू। देश को आजाद हुए 75 साल हो गए हैं। हिमाचल (Himachal) को पूर्ण राज्य का दर्जा मिले 50 साल। देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है। राज्य सवर्णिम महोत्सव। लेकिन राजधानी शिमला से करीब 200 किलोमीटर दूर कुल्लू में स्वास्थ्य व्यवस्था (Health) पीठ पर है, विभाग में नींद सुस्ता रहा है। और सरकार (Government) अमृत पीकर खुद के द्वारा किए हुए विकास के स्वर्णिम सपने को देख रही है।
यह भी पढ़ें: हिमाचल: आठ किलोमीटर पीठ पर लाद कर गर्भवती को पहुंचाया अस्पताल
सैंज की हाल बदहाल
लेकिन जिला कुल्लू की सैंज घाटी के ग्रामीणों को अभी तक मूलभूत सुविधाएं नसीब नहीं हुई हैं। घाटी की ग्राम पंचायत गाड़ापारली का एक भी गांव अभी तक सड़क से नहीं जुड़ पाया है। सोमवार को पंचायत के मेल गांव की गर्भवती महिला मथुरा देवी को प्रसव पीड़ा के बीच डंडों पर कुर्सी बांधकर पैदल चलकर आठ किलोमीटर दूर निहारनी सड़क तक पहुंचाना पड़ा। आपको यह पढ़कर हैरानी होगी, लेकिन सैंज घाटी के लोगों की यह रोजमर्रा की कहानी है।
सड़क पर ही देना पड़ा
इस बार बरसात में संकरे रास्ते में महिला को ले जाने में छह घंटे लग गए। नौबत यहां तक आ गई कि महिला की प्रसव पीड़ा बीच रास्ते में अधिक हो गई। वह दर्द से छटपटाने लगी। तभी बीच रास्ते में ही परिजनों ने प्रसुता का प्रसव सड़क पर ही करवाया।
जच्चा बच्चा दोनों सुरक्षित हैं
वहीं, प्रसव के बाद जच्चा-बच्चा को उप स्वास्थ्य केंद्र सैंज ले जाया गया, जहां दोनों का स्वास्थ्य ठीक है। मामले पर ग्राम पंचायत प्रधान यमुना देवी ने कहा कि सोमवार को मथुरा देवी को प्रसव पीड़ा होने पर डंडों पर उठाकर उपचार के लिए ले जाना पड़ा है। उन्होंने बताया कि प्रशासन और सरकार से सड़क के निर्माण की मांग की जाती रही है, लेकिन स्थिति आज भी सदियों पुरानी वाली ही है। उन्होंने कहा कि पिछले ढाई हफ्तों में तीन महिलाओं को उपचार के लिए उठाकर ले जाना पड़ा है।
हिमाचल और देश-दुनिया की ताजा अपडेट के लिए Subscribe करें हिमाचल अभी अभी का Telegram Channel…