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हमीरपुर। हिमाचल दिवस पर सीएम जयराम ठाकुर ने आज कोरोना योद्धाओं के लिए प्रोत्साहन राशि की घोषणा की। इसमें अनदेखी को लेकर हिमाचल प्रदेश मेडिकल ऑफिसर संघ (Himachal Pradesh Medical Officers Association) खफा है। हिमाचल प्रदेश मेडिकल ऑफिसर संघ का कहना है कि सरकार ने कोरोना योद्धाओं की श्रेणी से बाहर रखकर पूरे प्रदेश के चिकित्सकों को हतोत्साहित किया है। संघ के महासचिव डॉ पुष्पेंद्र वर्मा ने कहा है कि सरकार के इस रुख से लगता है कि उन्होंने चिकित्सकों को कोरोना योद्धा मानने से ही एक तरह से इनकार कर दिया है।
उन्होंने कहा कि यह फर्क नहीं पड़ता कि कितनी प्रोत्साहन राशि चिकित्सकों को दी जाए, चाहे 1 रुपए ही प्रोत्साहन राशि के रूप में चिकित्सकों को घोषित की जाती लेकिन घोषणा जरूर की जानी चाहिए थी। पिछले एक साल से हमारे चिकित्सक दिन-रात एक करते हुए इस महामारी से लड़ रहे हैं, लेकिन लगातार हमारे हितों पर कुठाराघात किया जा रहा है पहले हमारे नवनियुक्त अनुबंध पर लगे चिकित्सकों का ग्रेड पे मानदेय जो कि सरकार के प्रत्येक अनुबंधित कर्मचारी (Contract worker) को मिलता है उसको काटा गया जो कि उनके वेतन का 22% बनता था। उसके बाद जनवरी 2021 में जो नवनियुक्त चिकित्सक मेडिकल कॉलेज टांडा और मंडी मेडिकल कॉलेज में कोविड में ड्यूटी देते रहे उनको ढाई महीने तक वेतन का भुगतान नहीं किया गया।
ड्यूटी करने के एवज में उनको किसी भी तरह आर्थिक और शैक्षणिक इंसेंटिव (Economic and educational incentives) नहीं दिया गया और इस बार तो सरकार ने हद ही कर दी। चिकित्सकों को करोना वॉरियर्स की श्रेणी से ही बाहर कर दिया है। संघ ने कहा कि संघ का प्रत्येक सदस्य यह पूछना चाहता है कि क्या सरकार को चिकित्सकों की भूमिका के बारे में इस महामारी के दौरान कोई संदेह है? उनको क्यों इस मानदेय से दूर रखा गया? संघ ने कहा कि हमें मालूम है कि प्रदेश की आर्थिक स्थिति क्या है, लेकिन सवाल यह है कि जब आप हजारों अन्य कर्मचारियों को यह मानदेय घोषित कर सकते हैं तो हमारे चंद चिकित्सकों को इससे क्यों दूर रखा गया? संघ ने सीधा-सीधा सरकार से सवाल किया है।
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