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Bad Result : गफूर खान/धर्मशाला। हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड द्वारा घोषित मैट्रिक के परीक्षा परिणाम में सरकारी स्कूलों के निराशाजनक प्रदर्शन पर शिक्षा विभाग सख्त हो गया है। मैट्रिक में प्रदेश भर के 33 स्टूडेंटस ने मैरिट में स्थान हासिल किया था, जिनमें से अधिकतर निजी स्कूलों के स्टूडेंटस शामिल हैं,जबकि सरकारी स्कूल का मात्र एक स्टूडेंटस मैरिट में जगह बना पाया है। ऐसे में अब शिक्षा विभाग सोचने को मजबूर हो गया है कि आखिर कमी कहां रह रही है। इसी कड़ी में शिक्षा विभाग ने पत्र जारी करके सभी स्कूलों से 9वीं से 12वीं तक के रिजल्ट की रिपोर्ट मांगी है, जिसके आधार पर पिछले वर्ष सामने आई कमियों को दूर करके भविष्य में सरकारी स्कूलों के रिजल्ट के सुधार की दिशा में कार्य किया जा सके।
सरकारी स्कूलों में व्यापक आधारभूत ढांचे के बावजूद दसवीं का परीक्षा परिणाम संतोषजनक न होने पर शिक्षा विभाग जिला कांगड़ा ने ऐसे स्कूलों व संबंधित शिक्षकों पर कार्रवाई का मन बना लिया है। शिक्षा विभाग की मानें तो 25 फीसदी से कम परिणाम देने वाले स्कूलों की एसीआर में पूअर या नॉट सेटिसफेक्टरी लिखा जा सकता है। वहीं, विषयवार 25 फीसदी से कम रिजल्ट देने वाले शिक्षकों की इंक्रीमेंट पर भी स्टॉप लग सकता है। जिला कांगड़ा के सरकारी स्कूलों का मैट्रिक के परीक्षा परिणाम में प्रदर्शन ठीक नहीं रहा है। शिक्षा विभाग के अधिकारियों की मानें तो खराब रिजल्ट पर संबंधित शिक्षकों पर जुर्माना भी लगाया जा सकता है। विभाग द्वारा एसीआर व इंक्रीमेंट की कार्रवाई से पहले संबंधित शिक्षकों को कारण बताओ नोटिस भी जारी किया जाएगा। जिला कांगड़ा उच्च शिक्षा विभाग ने मई माह तक सभी स्कूलों से रिपोर्ट एकत्रित करने का लक्ष्य निर्धारित किया है।
शिक्षा विभाग को मिलने वाली रिपोर्ट डिप्टी डायरेक्टर कार्यालय को मिलने के बाद इसकी विस्तृत रिपोर्ट तैयार की जाएगी, जिसे आगामी कार्रवाई के लिए जून माह में निदेशालय को भेजा जाएगा। उच्च शिक्षा उपनिदेशक जिला कांगड़ा केके गुप्ता ने इस बारे में बताया कि जिला के समस्त सीनियर सेकेंडरी व हाई स्कूलों के प्रिंसिपलों व मुख्याध्यापकों को 9वीं से 12वीं तक के परीक्षा परिणाम की समीक्षा करने के निर्देश दिए गए हैं। स्कूलों को कमेटी बनाकर कम परिणाम के कारणों की रिपोर्ट बनाकर डिप्टी डायरेक्टर कार्यालय में प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं। स्कूल का परिणाम कम रहने पर संबंधित मुख्याध्यापकों व प्रिंसिपल तथा विषय बार रिजल्ट कम होने पर संबंधित शिक्षक का स्पष्टीकरण कार्यालय को प्रेषित करना होगा। उनका कहना है कि सरकारी स्कूलों के निराशाजनक प्रदर्शन से विभाग निराश है। भविष्य में इस तरह का परीक्षा परिणाम न रहे इसके लिए अभी से प्रयास किये जाएंगे।
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