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सुंदरनगर। हिमाचल प्रदेश विज्ञान अध्यापक संघ ने विज्ञान अध्यापकों का प्रायोगिक भत्ता 150 रुपए से बढ़कार 1000 रुपए करने की मांग उठाई है। इसके अलावा उन्होंने हिमाचल प्रदेश में कार्यरत प्रशिक्षित स्नातक अध्यापकों को 15 वर्ष के कार्यकाल के उपरांत एक अतिरिक्त वार्षिक वेतन वृद्धि की भी मांग की है। अपनी मांगों को लेकर हिमाचल प्रदेश विज्ञान अध्यापक संघ ( Himachal Pradesh Science Teachers Association) का प्रदेश स्तरीय प्रतिनिधिमंडल आज शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज ( Education Minister Suresh Bhardwaj ) से सचिवालय में मिला। इस दौरान संघ के प्रदेश अध्यक्ष नरेंद्र सिंह ठाकुर की अध्यक्षता में आए प्रतिनिधिमंडल ने शिक्षा मंत्री को अपनी मांगों बारे अवगत करवाया। शिक्षा मंत्री ने विज्ञान अध्यापक संघ की समस्त मांगों को ध्यानपूर्वक सुना और स्थितियां अनुकूल होते ही उनकी समस्याओं को चरणबद्ध तरीके से हल करने का आश्वासन दिया। शिक्षा मंत्री ने बताया कि संघ ने विज्ञान अध्यापकों का प्रायोगिक भत्ता 150 से 1000 रुपए करने की मांग की है, क्योंकि वर्ष 2002 से आज तक इसमें एक रुपए की भी वृद्धि नहीं हो पाई है।
वहीं संघ ने बताया कि हिमाचल प्रदेश में कार्यरत प्रशिक्षित स्नातक अध्यापकों को 15 वर्ष के कार्यकाल के उपरांत एक अतिरिक्त वार्षिक वेतन वृद्धि की भी मांग की गई है। इसका कारण यह है कि 90 प्रतिशत अध्यापक एक ही पद पर रह कर सेवानिवृत्त हो रहे हैं। उन अध्यापकों की पदोन्नति नहीं हो रही है। इसके अलावा हिमाचल प्रदेश में सभी माध्यमिक पाठशाला में मुख्य अध्यापक के पद आरटीई के अंतर्गत सृजित किए जाने की भी मांग की गई है। हिमाचल प्रदेश में प्रारंभिक शिक्षा को पूरी तरह से लागू किया जाए। मुख्य अध्यापक से प्रधानाचार्य एवं प्रवक्ता से प्रधानाचार्य के 60.40 के अनुपात के साथ किसी भी प्रकार की छेडख़ानी ना की जाए। उन्होंने भर्ती एवं पदोन्नति नियम से नियुक्त अनुबंध अध्यापकों को नियुक्ति की तिथि से वरिष्ठता दी जाए। वर्ष 2008 में हिमाचल प्रदेश में नियुक्त टीजीटी अनुबंध अध्यापकों को उच्च न्यायालय के फैसले एलपीए 54 को लागू करके उन्हें नियुक्ति की तिथि से नियमित किया जाए सहित अन्य मांगे उठाई हैं।
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