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Himachal: भाषा व शास्त्री शिक्षकों को मिले TGT का दर्जा, नियमित हों SMC Teacher
Last Updated on April 23, 2021 by Sintu Kumar
शिमला। हिमाचल प्रदेश शिक्षक महासंघ (Himachal Pradesh Teachers Federation) ने भाषा अध्यापकों (Language Teacher) एवं शास्त्री अध्यापकों (Shastri Teacher) को टीजीटी (TGT) दर्जा दिया जाने और एसएमसी शिक्षकों के लिए तर्क संगत नीति बनाकर नियमित करने की मांग सहित अन्य मांगें सरकार से उठाई हैं। इस बारे हिमाच प्रदेश शिक्षक महासंघ के एक प्रतिनिधिमंडल ने सीएम जयराम ठाकुर (CM Jai Ram Thakur) को एक मांग पत्र सौंपा है। इस अवसर पर हिमाचल शिक्षक महासंघ के प्रांत अध्यक्ष पवन कुमार, प्रांत संगठन मंत्री पवन मिश्रा और प्रांत उपाध्यक्ष डॉ. मामराज पुंडीर उपस्थित रहे। महासंघ ने भाषा अध्यापकों एवं शास्त्री अध्यापकों को टीजीटी दर्जा दिया जाने और जो अध्यापक योग्यता पूरी करते हैं उन्हें तुरंत आरएंडपी (R&P) में सुधार कर टीजीटी बनाए जाने की मांग उठाई है। कहा कि जो योग्यता पूरी करना चाहते हैं उन्हें पांच वर्ष में योग्यता पूरी करवाने का प्रावधान किया जाए, जो फिर भी योग्यता पूरी नहीं करते उन्हें डाइंग कैडर (Dying Cadre) घोषित करें।
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एसएमसी अध्यापकों (SMC Teacher) के लिए तर्क संगत नीति बनाकर नियमित किया जाए, जिन अध्यापकों को आठ वर्ष का कार्यकाल इस नीति के तहत को गए हैं, उन्हें नियमित किया जाए तथा वर्तमान में इनके नियुक्ति स्थान पर अन्य अध्यापक ना भेजा जाए। एक जनवरी 2004 से पूर्व की पेंशन योजना बहाल की जाए। प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय के अधीन प्रशिक्षित स्नातक कैडर को उच्च शिक्षा निदेशालय (Directorate of higher education) के अधीन किया जाए, क्योंकि अशिकांश प्रशिक्षित स्नातक उच्च शिक्षा निदेशालय के अधीन ही काम करते हैं। डाइड मं सभी अध्यापक प्रवक्ता हैं जोकि उच्च शिक्षा निदेशालय के अधीन आते हैं। डाइड (DIET) का नियंत्रण भी उच्च शिक्षा निदेशालय के अधीन हो।
2010 से पहले नियुक्त टीजीटी को पदोन्नति में पहले की तरह मुख्याध्यापक व प्रवक्ता की पदोन्नति के दोनों ऑप्शन बहाल किए जाएं। 2012 से पूर्व जेबीटी से पदोन्नत हुए हेड मास्टर को पदोन्नति वेतन वृद्धि दी जाए, क्योंकि 2012 के बाद पदोन्नत हुए हेड मास्टर को यह मिल रही है। मुख्याध्यापक, प्रधानाचार्य तथा खंड प्रारंभिक शिक्षा अधिकारी (Block Elementary Education Officer) की पदोन्नति पर तीन महीने का प्रशिक्षण अनिवार्य किया जाए तथा मुख्याध्यापकों, प्रधानाचार्यों तथा खंड प्रांरभिक शिक्षा अधिकारियों के लिए मोटिवेशनल वर्कशॉप (Motivational Workshop) का भी आयोजन होना चाहिए। प्रेरणादायी प्रसंग या ऐसे विद्यालय जहां उत्कृष्ट कार्य हुए हो वहां गतिविधि विवरण या कार्यकलाप दिखा उन्हें प्रेरित करें। कभी कभी विद्यालय में बच्चों से बातचीत के लिए विषय विशेषज्ञ या मनोवैज्ञानिक विद्यालय में आमंत्रित करने चाहिए। नए वेतनमान की सिफारिशें लागू की जाएं। प्रवक्त न्यू के स्थान पर प्रवक्ता पद ना किया जाए व 1896 के आरएंडपी बहाल किए जाएं। सेवानिवृत्ति की आयु 62 वर्ष की जाए। वोकेशनल ट्रेनर्स (Vocational Trainers) के लिए ग्रीष्मकालीन व शीतकालीन अकवाश संवेतन किया जाएं और शिक्षा मंत्रालय द्वारा स्वीकृत वेतन 20 हजार प्रति माह दिया जाए।
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