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Himachal Transport Mazdoor Sangh : धर्मशाला। हिमाचल पथ परिवहन निगम के अधिकारी, निगम कर्मियों की समस्याओं को नजरअंदाज करते जा रहे हैं, जबकि इन अधिकारियों को इन समस्यायों का समाधान करना चाहिए। एचआरटीसी धर्मशाला की बात करें तो यहां के अधिकारियों ने खुद को परिवहन मंत्री के दरबार में हाजिरी लगाने तक सीमित कर रखा है।
यह आरोप हिमाचल परिवहन मजदूर संघ के प्रदेशाध्यक्ष शंकर सिंह ठाकुर ने शनिवार को धर्मशाला में लगाए। शंकर सिंह ठाकुर ने आरोप लगाया कि निगम कर्मियों के रिटायर होने पर बैनवोलेंट फंड से 20 हजार रुपए का चैक निगम प्रबंधन द्वारा दिया जाता है, लेकिन शनिवार को धर्मशाला डिपो से रिटायर हुए परिचालक को ऐसा कोई चैक नहीं दिया गया, जबकि निगम प्रबंधन फंड न होने का हवाला दे रहा है। उन्होंने कहा कि बेनवोलेंट फंड के लिए हर माह कर्मचारी के वेतन से 150 रुपए काटे जाते हैं, लेकिन देने के नाम पर निगम प्रबंधन फंड की कमी का हवाला देकर अपनी जिम्मेदारी से इतिश्री कर रहा है। शंकर सिंह ने कहा कि निगम में भ्रष्टाचार चरम सीमा पर पहुंच गया है। प्रबंधन ने निगम में व्याप्त भ्रष्टाचार के खिलाफ कोई कदम नहीं उठाया है। यही नहीं संघ द्वारा अपनी मांगों को लेकर सौंपे गए पत्र पर भी वार्ता के सभी द्वार बंद कर दिए गए हैं।
निगम में भर्तियों में भी भाई-भतीजावाद बरता जा रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि परिवहन मंत्री द्वारा सेवानिवृत्त चहेतों को अवैध ढंग से दोबारा रोजगार बांटे जा रहे हैं, जबकि यह रोजगार योग्य व क्षमतावान युवाओं को दिया जाना चाहिए। शंकर सिंह ने कहा कि अपनी मांगें मनवाने के लिए संघ के पास निगम मुख्यालय के घेराव के अलावा कोई दूसरा रास्ता नहीं है, जिसके चलते 16 मई को परिवहन संघ द्वारा शिमला में एचआरटीसी मुख्यालय का घेराव किया जाएगा। उन्होंने निगम में सेवारत व सेवानिवृत्त कर्मियों से 16 मई को शिमला पहुंचने का आग्रह किया है, क्योंकि एचआरटीसी मुख्यालय घेराव के दौरान निगम में चल रहे भ्रष्टाचार का पर्दाफाश किया जाएगा। इस बारे में एचआरटीसी के मंडलीय प्रबंधक विजय सपेहिया का कहना है कि रिटायरमेंट पर कर्मियों को चैक दिया जाता है, जिसकी स्वीकृति शिमला मुख्यालय से आती है। धर्मशाला से आज सेवानिवृत हुए कर्मियों के मामले में स्वीकृति आई है या नहीं, इसकी जानकारी उन्हें नहीं है।
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