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लेखराज धरटा/शिमला। विधानसभा की कार्रवाई विधानसभा अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई है। इससे पहले विधानसभा अध्यक्ष डॉ. राजीव बिंदल (Vidhan Sabha Speaker Dr. Rajeev Bindal) ने कहा कि हिमाचल प्रदेश विधानसभा मानसून सत्र ऐतिहासिक रहा है। 5 वर्ष का डेटा सदन ने निकाला है।
डेटा के आधार पर 2019 का मानसून सत्र ऐतिहासिक रहा है। 2019 में पहली बार मानसून सत्र की कार्यवाही में सदन में सबसे ज्यादा कुल 763 प्रश्न सरकार के समक्ष उठाए गए, जिसमें 527 तारांकित और 236 अतारांकित प्रश्न थे। कुल 47 घंटे 43 मिनट सदन की कार्यवाही चली। मानसून सत्र में इस बार सबसे ज्यादा 11 बैठकें आयोजित की गईं। सदन में कुल 10 विधेयक पेश हुए जिसमें से 9 पास हुए, जबकि एक विधेयक को विधानसभा चयन समिति को भेजा गया है। नियम 130 के तहत 7 मुद्दों पर चर्चा के लिए प्रस्ताव लाए गए।
नियम 61 तहत मानसून सत्र में सबसे ज्यादा 12 मुद्दों को लेकर सदन में चर्चा की गई। जबकि नियम 62 के तहत 11 मुद्दों को लेकर विधायकों ने सदन में ध्यानाकर्षण प्रस्ताव चर्चा के लिए लाए। नियम 67 के तहत सदन में 4 स्थगन प्रस्ताव भी लाए गए। नियम 130 के लाए गए प्रस्तावों में 14 घंटे 15 मिनट चर्चा 43 सदस्यों ने चर्चा में भाग लिया। जनमंच के सवाल के जवाब में रिकॉर्ड 15 सौ पृष्टों उत्तर सदन में दिया गया। 24 शिक्षण संस्थानों के 794 बच्चों ने भी विधानसभा की कार्यवाही को देखा। विधानसभा अध्यक्ष ने बताया कि अगली बार सदन की कार्यवाही को लोगों तक और बेहतर ढंग से पहुंचाने के लिए प्रेस गैलेरी में 24 लैपटॉप और सभी के लिए हैडफ़ोन की सुविधा उपलब्ध करवाई जाएगी।
सीएम जयराम ठाकुर (CM Jai Ram Thakur) ने कहा कि विपक्ष ने भी काफी अच्छा सहयोग सदन को चलाने में दिया है। पहली बार प्रस्तावों और विधेयक पर विधायकों ने सदन में चर्चा में खुल कर भाग लिया और सार्थक चर्चा हुई है। सीएम ने कहा कि सदन में पूर्व सीएम वीरभद्र सिंह (Former CM Virbhadra Singh) की लगातार सदन में उपस्थित रहना हम सबके लिए प्रेरणा और आशीर्वाद जैसा रहता है। वीरभद्र सिंह का विशेष आभार जताते हुए सीएम जयराम ठाकुर (CM Jai Ram Thakur) ने कहा कि वीरभद्र सिंह सुबह से शाम तक बैठे रहना सभी को ऊर्जा देने वाला होता है। इस सत्र में विपक्ष ने हालांकि काफी हंगामा विरोध किया, लेकिन ये विपक्ष का अधिकार है लोकतंत्र के लिए ज़रूरी भी है।
सदन समाप्ति पर नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री (Leader of Opposition Mukesh Agnihotri) ने कहा कि 11 दिन के सत्र में कई बार विपक्ष हमलावर रहा, लेकिन किसी का इरादा व्यक्तिगत नहीं रहा। सदन में सार्थक चर्चा कई मायनों में रही, इस सत्र में देखने को मिला कि सदस्यों ने नियम 61 के तहत सवाल पूछने की परंपरा शुरू हुई है जो सकारात्मक है। नियम 101 के तहत सवालों को बांटने पर सदन में सुझाव भी दिए। मुकेश ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष का संरक्षण विपक्ष को मिलता रहा और भविष्य में भी मिलता रहे ये आशा हमेशा रहती है। विपक्ष का बाहर जाना , वॉकआउट करना विपक्ष का सरकार के खिलाफ दबाव बनाने का तरीका है।
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