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सरकार बनाने का जादुई आंकड़ा-एक क्लिक पर समझे पूरा माजरा
हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव (Himachal Vidhan Sabha Election 2022) होने जा रहे हैं। हमें सबसे पहले हिमाचल के बारे में ये समझना जरूरी है कि इस पहाड़ी राज्य में कितनी सीट,कितने मतदाता है। आज की इस कड़ी में हम आपको इन सब बातों के बारे में विस्तार से बताने जा रहे हैं कि चुनाव के उपरांत सरकार बनाने के लिए कितनी सीटें चाहिए बगैरा-बगैरा। इस प्रदेश में कुल 68 विधानसभा क्षेत्र (Assembly Constituency) हैं और सरकार बनाने के लिए 35 सीटें जीतने की दरकार होती है। राज्य में लोकसभा की कुल 4 सीटें हैं और प्रत्येक लोकसभा में 17-17 विधानसभा सीटें शामिल रहती हैं। हिमाचल में 17 विधानसभा सीटें अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हैं। वहीं 3 विधानसभा क्षेत्र अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित हैं। राज्य में 48 विधानसभा सीटों पर सामान्य वर्ग से कोई भी चुनाव लड़ सकता है।
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हिमाचल प्रदेश के चंबा (Chamba) जिले में 5 विधानसभा सीटें हैं। कांगड़ा (Kangra) में सबसे ज्यादा 15 विधानसभा सीटें हैं, यही से जो भी राजनीतिक दल ज्यादा सीटे जीतता है,सरकार बना जाता है। हमीरपुर जिले में 5 विधानसभा सीटें हैं। उना व बिलासपुर जिलों में 4-4 विधानसभा सीटें हैं। कुल्लू में 4 विधानसभा, मंडी जिले में 10 विधानसभा क्षेत्र हैं। सिरमौर में 5 विधानसभा सीटें, सोलन में 4 विधानसभा क्षेत्र और शिमला में 8 विधानसभा सीटें हैं। लाहुल-स्पीति और किन्नौर में 1-1 विधानसभा सीट है।
हिमाचल प्रदेश वर्ष 2017 के चुनाव में कुल 25,68,761 पुरुष मतदाता (Voter) पंजीकृत थे। वहीं महिला मतदाताओं की संख्या 24,27,166 थी। जबकि कुल वोटरों की संख्या 50,25,941 थी, जो मतदान के लिए पंजीकृत थे। इस बार के चुनाव में यह मतदाता संख्या बढ़ गई है। हर पांच साल में हिमाचल में करीब 3 से 5 लाख नए मतदाता जुड़ जाते हैं। मतदान प्रतिशत की बात करें यहां औसतन 70 फीसदी से ज्यादा मतदान होता है। हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव में क्षेत्रफल के हिसाब से लाहुल-स्पीति सबसे बड़ा विधानसभा क्षेत्र है लेकिन वोटरों के हिसाब से यहां सबसे कम मतदाता हैं। मतदाताओं के हिसाब से दूसरा सबसे बड़ा विधानसभा क्षेत्र जिला कांगडा का सुलह है। हिमाचल में अब तक कांग्रेस (Congress)
व बीजेपी (BJP) के बीच ही मुकाबला रहा है। इस बार आम आदमी पार्टी (AAP) भी चुनाव मैदान में है।