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सात बार जीत करवाने वाला जख्मी शेर-इस बार है आजाद-गड़बड़ा रहे समीकरण
हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिला के तहत आने वाली पच्छाद सीट (Pachhad Assembly Seat) पर इस मर्तबा कांग्रेस के माथे पर परेशानी के बल है। इसी सीट से सात बार जीत दर्ज करवाने वाले गंगू राम मुसाफिर आजाद जो हैं। कांग्रेस (Congress) ने गंगू राम की सात जीत के बाद तीन हार को देखते हुए उन्हें टिकट से आजाद कर दिया। नाराज गंगू राम ने निर्दलीय ताल ठोक दी। कांग्रेस ने उन्हें पार्टी से भी बाहर कर दिया। अब वह बिल्कुल आजाद होकर चुनाव मैदान में हैं। कांग्रेस ने 2019 उपचुनाव के दौरान बीजेपी से नाराज होकर कांग्रेस में आई दयाल प्यारी को इस बार अपना कैंडिडेट बनाया है। अब दयाल प्यारी (Dayal Pyari) की राह में गंगू राम मुसाफिर रोडा बनकर खडे हो गए हैं। बीजेपी ने यहां से उपचुनाव में जीत दर्ज करवाने वाली रीना कश्यप को ही दोबारा से टिकट दी है। यानी अभी तक ये सीट बीजेपी के कब्जे में हैं। रीना कश्यप (Reena Kashyap) यहां से विधायक हैं।
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पच्छाद की बात करें तो वर्ष 2017 में यहां से बीजेपी (BJP) के सुरेश कश्यप ने जीत दर्ज करवाई थी। सुरेश कुमार कश्यप को 30,243 वोट मिले थे, उन्होंने 2,808 वोटों के मार्जिन से कांग्रेस के कैंडिडेट गंगू राम मुसाफिर को हराया था इससे पहले वर्ष 2012 में भी बीजेपी के सुरेश कुमार को 25,448 वोट और कांग्रेस के गंगू राम मुसाफिर को 22,683 वोट मिले थे। मतलब जीत सुरेश कश्यप को ही मिली थी। इससे पहले वर्ष 2007 में कांग्रेस के गंगू राम मुसाफिर को 25,383 वोट और बीजेपी के सुरेश कुमार कश्यप को 22,674 वोट मिले थे। उस वक्त गंगू राम मुसाफिर यहां से विजयी घोषित हुए थे। वर्ष 2003 में कांग्रेस के गंगू राम मुसाफिर 21,671 वोट और बीजेपी के राम प्रकाश को 20,385 वोट, वर्ष 1998 में कांग्रेस के गंगू राम मुसाफिर को 24,208 और बीजेपी के कालीदास कश्यप को 9,832 वोट, वर्ष 1990 में कांग्रेस के गंगूराम मुसाफिर को 17,006 वोट और बीजेपी के काली दास को 11,835 वोट, वर्ष 1985 में कांग्रेस के गंगू राम को 17,485 और बीजेपी के शिव राम को 5,280 वोट ही मिल सके थे। इससे पहले वर्ष 1982 में गंगू राम मुसाफिर (Gangu Ram Musafir) ने बतौर निर्दलीय चुनाव लड़ा था और पहली मर्तबा जीत दर्ज करवाई थी।
खैर इस सीट पर वर्ष 2019 में उपचुनाव भी हुआ। चूंकि वर्ष 2017 में जीत दर्ज करवाने वाले बीजेपी के सुरेश कश्यप (Suresh Kashyap) लोकसभा का चुनाव जीत गए थे। उपचुनाव में बीजेपी ने रीना कश्यप को टिकट दिया और वह जीत गई। उस वक्त कांग्रेस ने उनके सामने गंगू राम मुसाफिर को टिकट दिया था पर उन्हें हार का सामना करना पडा। अब 2022 के चुनाव में रीना कश्यप बीजेपी से हैं तो गंगू राम निर्दलीय (independent) मैदान में हैं। जबकि कांग्रेस से दयाल प्यारी चुनाव लड रही हैं। देखना होगा कि इस बार पच्छाद में ऊंट किस करवट बैठता है।
वर्ष पार्टी विजेता
1977 जनता पार्टी श्री राम जख्मी
1982 निर्दलीय गंगू राम मुसाफिर
1985 कांग्रेस गंगू राम मुसाफिर
1990 कांग्रेस गंगू राम मुसाफिर
1993 कांग्रेस गंगू राम मुसाफिर
1998 कांग्रेस गंगू राम मुसाफिर
2003 कांग्रेस गंगू राम मुसाफिर
2007 कांग्रेस गंगू राम मुसाफिर
2012 बीजेपी सुरेश कश्यप
2017 बीजेपी सुरेश कश्यप
2019 (उपचुनाव) बीजेपी रीना कश्यप