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शिमला। हिमाचल को एनीमिया फ्री बनाने की दिशा में आयुष विभाग ने कमर कस दी है। आयुष विभाग ने इसके लिए पहले चरण में तीन ब्लाकों का चयन किया है।इसकी 45 पंचायतों में पहले साल में ग्रामीण और शहरी इलाकों में हर घर में पहुंचकर एनीमिया से पीड़ित व्यक्ति की पहचान होगी और उसका ट्रीटमेंट किया जाएगा। यही नहीं, इन ब्लाकों में लोगों को एनीमिया से बचने के लिए क्या करना चाहिए, इसे लेकर भी जागरूकता अभियान चलेगा।
एनीमियी फ्री हिमाचल के पहले चरण में शिमला जिले के बसंतपुर, कांगड़ा जिले के बैजनाथ और कुल्लू जिले के बंजार ब्लाक को लिया गया है। इन ब्लाकों की कुल 45 पंचायतों को पहले फेज में लिया है और इन पंचायतों में यह विशेष अभियान चलेगा और इसके इस माह के अंत या फिर अगले माह शुरू होने की संभावना है। इस अभियान में बसंतपुर की 11, बैजनाथ ब्लाक की 19 और बंजार की 15 पंचायतों को लिया जा रहा है। इस अभियान के तहत ग्रामीण ही नहीं शहरी इलाकों को भी कवर किया जाएगा और इसमें एनीमिया के रोगियों की पहचान की जाएगी।
एनीमिया, यानी खून की कमी की समस्या ज्यादा महिलाओं और लड़कियों में ज्यादा पाई जाती है। ऐसे में इन पर खास फोक्स रखा जाएगा। इसके अलावा ग्रामीण इलाकों में पुरुषों में भी खून की पाई जाती है। इसे देखते हुए आयुर्वेद विभाग ने आयुष के तहत विशेष अभियान चलाने का निर्णय लिया है और इसका पूरा कार्यक्रम बनाया है। इस कार्यक्रम में शिक्षा विभाग को भी साथ जोड़ा गया है क्योंकि स्कूली बच्चों में और खासकर छात्राओं में खून की कमी की ज्यादा समस्या है। आयुर्वेद विभाग के ओएसडी डॉ. दिनेश शर्मा ने कहा कि राज्य के अनीमिया फ्री हिमाचल के पहले चरण में तीन ब्लाकों में अभियान चलेगा। इसके तहत सर्वे कर खून की कमी वाले लोगों की पहचान की जाएगी और फिर उनका ट्रीटमेंट किया जाएगा। उनका कहना था कि खून की कमी वाले लोगों को आयुर्वेदिक दवाएं दी जाएगी और उनका फिऱ फालोअप भी होगा। इस अभियान के सफल रहने के बाद दूसरे चरण का अभियान शुरू होगा।
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