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रविन्द्र चौधरी, फतेहपुर। मछली (Fish) खाने का शौक रखने वालों का लंबा इंतजार अब खत्म होने वाला है। कल यानी रविवार से लोगों को बाजार में मछली मिलना शुरू हो जाएगी। पहले कोरोना (Corona) के चलते मछली पकड़ने का कार्य बंद था उसके बाद दो माह तक सरकारी प्रतिबंध लगा था, जो कि कल यानी रविवार से हट जाएगा। हिमाचल के कांगड़ा जिला की पौंग झील (Pong Lake) में मछुआरे मत्स्य आखेट के लिए पुरी तरह से तैयार हैं। रविवार से लोग पौंग झील की मछली का स्वाद ले पाएंगे। बता दें इस बार मछली खाने के शौकिनों को पहले कोरोना ने रोके रखा और 24 मार्च से 15 जून तक मछली का शिकार नहीं कर पाए। उसके बाद दो माह तक हर साल की तरह मत्स्य आखेट पर सरकारी प्रतिबंध लग गया, जिसके चलते बाजारों में करीब पिछले छह माह से मछली की बिक्री नहीं हुई है।
बता दें कि 15 जून से 15 अगस्त तक का समय मछली प्रजनन का होता है, जिस कारण मछली के शिकार पर प्रतिबंध रहता है। लेकिन प्रतिबंध हटते ही मछुआरे पूरी तरह से तैयार हैं। शनिवार को मछुआरों ने अपनी नावों की रिपेयर कर या नई नावें बनवा कर पौंग झील में पहुंचा दी हैं। शाम होते ही मछुआरे (Fisherman) शिकार के लिए कुच कर गए हैं। दो माह के बाद पौंग झील में किश्तियां पहुंचने से झील एक बार फिर से गुलजार हो उठी है। आज शाम मछुआरे झील में जाल डाल देंगे तथा 16 अगस्त को मत्स्य सोसायटी में मछली पहुंच जाएगी। मछुआरों के साथ.साथ पौंग झील की मछली खाने के शौकीनों को भी मछली का स्वाद चखने को मिलेगा। बता दें कि पौंग झील में करीबन 2300 मछुआरे मछली पकड़ने का कार्य कर अपने परिवार का पालन-पोषण करते हैं। दो माह तक मत्स्य आखेट प्रतिबंधित होने के कारण मछुआरों को परिवार के पालन-पोषण में मुशिकलों का सामना करना पड़ता है। इस समय में उनको दिहाड़ी इत्यादि लगाकर गुजारा करना पड़ता है।
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