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शिमला। अपने अद्भुद प्राकृतिक सौंदर्य, अलग रिति-रिवाज और भव्य संस्कृति के लिए हिमाचल दुनिया भर में विख्यात है। हिमाचली टोपी राज्य की शान मानी जाती है। हाल ही में सोशल मीडिया पर #पहाड़ी_टोपी चैलेंज खूब छाया रहा, जिसमें लाखों लोगों ने हिमाचली टोपी में अपनी फोटो शेयर की। एक ठंडा प्रदेश होने की वजह से हिमाचल में पहाड़ी टोपी ठंड से बचने के लिए पहनी गई। राज्य के कुछ क्षेत्रों में तापमान -20°c तक नीचे चला जाता है। ऐसे में राज्य के लोगों को खुद को गर्म रखने के लिए कवर करने की जरूरत रहती है। नरम-मुलायम ऊन, पशम और मखमल से बनी हिमाचली टोपी राज्य के परिधान का अभिन्न अंग है। पहाड़ी टोपी में मूल रूप से तीन प्रकार की टोपियां प्रचलन में है।
बुशहरी, किन्नौरी और कुल्लूवी, इसके अलावा कुल्लुवी, भरमौरी, सिरमौरी, लाहुली, नेहरू, चम्बायाली और ठियोगी टोपियां भी कई तरह के अलग अलग रंगों व डिजाइनों में पूरे हिमाचल में प्रचलित हैं।
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