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पुंछ में शहीद Hamirpur के लाल को नम आंखों से विदाई, चचेरे भाई ने दी मुखाग्नि
Last Updated on August 1, 2020 by Deepak
हमीरपुर। कोरोना संकंट के बीच जिला हमीरपुर के गलोड़ क्षेत्र का सैनिक रोहिन कुमार ( Sainik Rohan kumar) जम्मू कश्मीर में आतंकियों से लोहा लेते हुए शहीद( martyr) हो गया। गलोड़ खास के 24 वर्षीय रोहिन कुमार पुत्र रसील सिंह ने पुंछ नियंत्रण रेखा पर पाकिस्तान द्वारा की गई गोलीबारी में शहादत पाई है। वतन पर कुर्बान होने वाले देवभूमि हिमाचल के लाल रोहिन कुमार को आज उनके पैतृक गांव गलोड़ खास में सैन्य सम्मान के साथ अश्रुपूर्व विदाई दी गई। रोहिन कुमार के पार्थिव शरीर को उनके चचेरे भाई मोहित कुमार ने मुखाग्नि दी। कैप्टन रूपेश राठौर के नेतृत्व में सेना की टुकड़ी ने सैन्य परंपराओं के अनुसार शहीद को सलामी देते हुए अंतिम विदाई दी। शहीद रोहिन कुमार की पार्थिव देह सेना के हेलीकॉप्टर में एनआइटी हमीरपुर के परिसर में पहुंची। यहां से सेना की गाड़ी में पार्थिव देह सैनिक के पैतृक गांव खास गलोड़ पहुंचाया गया। जहां पर उनका अंतिम संस्कार किया गया। राजपाल बंडारू दत्तात्रेय, सीएम जयराम ठाकुर ने शहीद रोहिन के आत्मा की शांति का कामना करते हुए उनके के परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त की है। इस दौरान बड़सर पूर्व विधायक एवं जिला बीजेपी अध्यक्ष बलदेव शर्मा, हिमाचल प्रदेश कौशल विकास निगम के संयोजक नवीन कुमार, जिला बीजेपी महामंत्री हरीश शर्मा, एसपी अर्जित सेन ठाकुर, अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी जितेंद्र सांजटा, एसडीएम नादौन विजय कुमार, तहसीलदार मीना ठाकुर सहित हजारों लोगों ने भी रोहिन कुमार को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की।
प्राप्त जानकारी के अनुसार शुक्रवार को देर रात पाकिस्तानी सेना ने बालाकोट सेक्टर में नियंत्रण रेखा पर संघर्ष विराम का उलंघन करते हुए भारतीय सेना की चैकियों के साथ ही रिहायशी इलाकों को निशाना बना कर मोर्टारों से गोलीबारी शुरू कर दी। इस गोलीबारी का भारतीय सेना की तरफ से भी मुंह तोड़ जवाब दिया गया। इस बीच शनिवार तड़के पाकिस्तानी गोलीबारी में अग्रिम चौकी पर तैनात रोहिन कुमार के पास एक मोर्टार आ गिरा जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गए और मौके पर ही शहीद हो गए।
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बताया जा रहा है कि इसी साल अक्टूबर में रोहिन का विवाह होना था और घरवाले उसी की शादी की तैयारियों में जुटे हुए थे।लेकिन इसी बीच उसकी शहादत की खबर ने परिजनों को झकझोर कर रख दिया है। बेटे की शहादत की खबर सुन कर परिजनों में कोहराम मच गया। वह 2016 में पंजाब रेजिमेंट में भर्ती हुए थे। उनके पिता रसील सिंह हलवाई हैं व उनकी एक बहन की पहले ही शादी हो चुकी है। दस दिन पहले ही उनकी सगाई हुई थी । शहीद रोहिन कुमार के पिता रसील सिंह ने बताया कि बचपन से ही फौज में जाने का सपना मन में पाले हुए थे और आज बेटे की शहादत पर बहुत गर्व है। उन्होंने कहा कि बेटे की शहादत की खबर सुनते ही परिवार सदमे में है। रोहिन के चाचा अनिल वर्मा ने कहा कि इस शहादत से बहुत बड़ी क्षति पहुंची है और पूरा परिवार सदमे में है । उन्होंने कहा कि सरकार आर पार की लड़ाई की बात करती है लेकिन ऐसा नहीं करके आए दिन कहीं न कही के बेटे शहीद हो रहे है।