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Kullu में खूब उड़ा गुलाल, मंडी में कोरोना के खौफ से फीके दिखे रंग
Last Updated on March 9, 2020 by Deepak
कुल्लू/मंडी। जिला में भगवान रघुनाथ की नगरी रंगों से सरोबार हो गई है। कुल्लू में बड़ी होली में खूब गुलाल उड़ रहा है। जिला प्रशासन के कर्मचारियों ने डीसी कुल्लू ऋचा वर्मा संग होली मनाई। जिला कुल्लू (Kullu) के मुख्यालय ढालपुर, सरवरी, अखाड़ा बाजार व सुल्तानपुर में सुबह से ही लोग टोलियों में निकल पड़े और एक दूसरे को रंग लगाकर होली की शुभकामनाएं दीं। हालांकि कुल्लू में होली के 8 दिन पहले से ही वैरागी समुदाय (महंत) के लोग होली खेलने के साथ होली गीत गाते हैं। कुल्लू जिला में होली का इतिहास रघुनाथ के कुल्लु आने के साथ ही शुरू हुआ था। रघुनाथ के साथ महंत समुदाय के लोग कुल्लू आए थे और उस समय से ही होली का प्रचलन कुल्लु जिला में शुरू हो गया था।
मुट्ठी भर लोग निकले होली का जश्न मनाने, अधिकतर दुबके रहे घरों में
कोरोना वायरस का लोगों में ऐसा खौफ देखने को मिल रहा है कि होली जैसा रंगीन त्यौहार भी वीराने में तबदील हो गया। छोटी काशी मंडी में एक दिन पहले होली का त्यौहार मनाने की रिवायत रही है। यह प्रथा सदियों से चली आ रही है और जिला प्रशासन भी इस उपलक्ष्य पर स्थानीय अवकाश घोषित करता है, लेकिन इस बार लोगों में होली के त्यौहार को लेकर कोई खास उत्साह देखने को नहीं मिला। कोरोना वायरस के कारण ऐतिहासिक सेरी मंच पर आयोजित होने वाली डीजे पार्टी को भी आयोजकों ने न करने का निर्णय लिया था, जिस कारण भी अधिकतर लोग होली मनाने घरों से बाहर नहीं निकले। लोग अपने गली मुहल्लों तक ही सीमित होकर रह गए। ऐतिहासिक सेरी मंच अधिकतर सुनसान ही नजर आया। कुछ युवा और लोग यहां होली मनाने जरूर पहुंचे, लेकिन पहले वाला मंजर देखने को न मिलने के कारण घरों की तरफ लौट गए। वहीं, मंडी शहर के अधिष्ठाता राज माधव राय मंदिर में भी रंग लगाने वालों का कम ही जमावड़ा देखने को मिला। हालांकि राज माधव राय की पालकी उसी शान-ओ-शौकत के साथ निकली। लोगों ने नाच गाकर पालकी को पूरे शहर में घुमाया और राज माधव राय पर गुलाल फेंका गया। इस पूरे महोत्सव के दौरान मंडी शहर के मुट्ठी भर लोग ही आनंद उठाते हुए नजर आए।