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Basant Panchami पर शान से निकली भगवान रघुनाथ की रथ यात्रा, होली उत्सव का हुआ आगाज
Last Updated on January 30, 2020 by Deepak
कुल्लू। बसंत पंचमी के मौके पर कुल्लू के ऐतिहासिक मैदान में भगवान रघुनाथ की भव्य रथयात्रा निकाली गई। इसी के साथ कुल्लू (Kullu) में होली उत्सव का आगाज हो गया है। लिहाजा कुल्लू में आज से 40 दिनों तक रघुनाथ की नगरी में होली मनाई जाएगी और भगवान रघुनाथ को हर दिन गुलाल लगाया जाएगा। साथ ही ब्रज की होली के गीत भी गूंजेंगे। बसंत पंचमी (Basant Panchami) पर भगवान रघुनाथ सुलतानपुर स्थित अपने मंदिर से पालकी में बैठकर ढोल नगाड़ों, वाद्य यंत्रों की थाप पर ढालपुर स्थित रथ मैदान तक पहुंचे। जहां से वे रथ पर सवार होकर हजारों लोगों की मौजूदगी में अस्थाई शिविर तक पहुंचे।
हालांकि पूरे देश में अभी होली के पर्व को 40 दिन शेष है लेकिन भगवान रघुनाथ की नगरी कुल्लू में यह त्योहार 40 दिन पहले से ही शुरू हो गया है। भगवान रघुनाथ (Lord Raghunath) की इस रथयात्रा के दौरान राम-भरत मिलन आकर्षण केंद्र रहा। राम भरत मिलन का यह दृश्य भाव विभोर करने वाला था।
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इस दौरान अधिष्ठाता को देव विधि से गुलाल फेंका गया। होली के ठीक 8 दिन पूर्व यहांहोलाष्ठक पर्व शुरू हो जाएगा और होली से एक दिन पूर्व होली मनाई जाती है। रथयात्रा के शुरू होने से पूर्व हनुमान अपने केसरी रंग के साथ लोगों के बीच जाता है।
लोगों का केसरी नंदन के साथ स्पर्श हो, इसके लिए लोग उसके पीछे भागते हैं। मान्यता है कि जिन लोगों को हनुमान का केसरी रंग लगता है तो उनकी मन्नतें पूरी मानी जाती है। इस दिन अधिकतर स्त्रियां पीले व सफेद वस्त्र पहनकर आती है। रथयात्रा में अधिष्ठाता रघुनाथ के छड़ीबरदार महेश्वर सिंह सहित राजपरिवार के सभी सदस्यमौजूद रहे। रथ यात्रा के बाद रघुनाथ को पालकी में बैठाकर उनके मूल मंदिरसुल्तानपुर ले जाया गया।