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कुल्लू। भगवान रघुनाथ नगरी कुल्लू में अल सुबह पांच बजे होलिका दहन का गया। इससे पहले यहां पर भगवान रघुनाथ की विधिपूर्वक पूजा-अर्चना की गई और फिर उसके बाद रूपी पैलेस के बाहर मैदान में दो स्थानों पर सजाई गई होलिका के चारों ओर परिक्रमा करने के उपरांत उसका दहन किया गया। इस दौरान भगवान नरसिंह की भी पूजा-अर्चना की गई।
होलिका दहन में राज परिवार के प्रमुख महेश्वर सिंह और अन्य सदस्य मौजूद रहे तथा महंत समुदाय के लोगों ने पारंपरिक होली गीत भी गाए। होलिका दहन के उपरांत यहां सैंकड़ों की संख्या में पहुंचे श्रद्धालु लकड़ी और राख को अपने घरों में ले गए।
मान्यता है कि लकड़ी व राख को घर में ले जाने से बुरी शक्तियों का नाश हो जाता है। बैरागी समुदाय से जुड़े प्रेम महंत ने कहा कि कहा कि यहां पर दो स्थानों पर होलिका दहन होता है, इनमें एक भगवान रघुनाथ की और दूसरी भगवान नरसिंह की होलिका। होलिका दहन में झाड़ियों के बीच में एक ध्वजा होती है। कहते हैं कि उस ध्वजा को पहले हाथ लगाने से मनोकामना पूरी होती है। होलिका दहन पर जो आग जलती है उसकी आग की चिगांरी घर ले जाना शुभ माना जाता है और उससे उस घर में बरकत रहती है। इसके अलावा पूरे जिला में होली की खूब धूम रही और लोगों ने एक- दूसरे को खूब गुलाल लगाया।
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