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हिमाचल ने केंद्र से क्यों मांगी धर्मशाला और मनाली के लिए सीधी फ्लाइट
Update: Tuesday, September 11, 2018 @ 11:40 AM
शिमला। केंद्र सरकार की उड़ान-टू योजना में हिमाचल में पवन हंस हवाई सेवा कंपनी रोड़ा बनती नजर आ रही है। इसके लिए राज्य सरकार ने केंद्र से राहत मांगी है। यह राहत तय रूटों पर हेलीपोर्ट न बनने के कारण धर्मशाला और मनाली के लिए सीधी फ्लाइट सेवा शुरू करने के लिए मांगी गई है। इसके मद्देनजर प्रदेश सरकार ने केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्रायल को पत्र लिख कर प्रदेश के लिए सीधी उड़ान शुरू करने की मांग की है। केंद्र सरकार ने पवन हंस को प्रदेश में उड़ान-टू योजना के लिए तय रुटों पर हेलीपोर्ट बनाने की डीपीआर तैयार करने का काम सौंपा है। इसके लिए पवन हंस को जुलाई तक का समय दिया गया।

पवन हंस कंपनी इस तय समय अवधि में हेलीपोर्ट की डीपीआर तैयार नहीं कर सकी और इसकी वजह से प्रदेश में उड़ान दो योजना शुरू नहीं हो पाई है। यह
हेलीपोर्ट बद्दी और मंडी में बनाए जाने हैं। हेलीपोर्ट के निर्माण के लिए पैसा केंद्र सरकार ने ही जारी करना है। एक हेलीपोर्ट के निर्माण के लिए केंद्र सरकार ने दस करोड़ का बजट तय किया है। इसकी परियोना रिपोर्ट तैयार करने के लिए केंद्र ने आवेदन मांगे थे। इसमें पंवन हंस को डीपीआर तैयार करने का काम सौंपा गया। लेकिन, पवन हंस कंपनी तय समय अवधि के भीतर यह काम नहीं कर सकी और यह परियोजना अधर में लटक गई। राज्य सरकार ने डीपीआर न बनने की वजह से उड़ान-टू योजना को प्रदेश में शीघ्र शुरू करने की मांग की है। इसके लिए चंडीगढ़ से सीधी फ्लाइट शुरू करने का आग्रह किया है, ताकि लोगों को इसका लाभ मिल सके।
इन रुटों पर शुरू होनी है उड़ान-टू

उड़ान-टू योजना के तहत हेलीकॉप्टर की यह उड़ाने चंडीगढ़-बद्दी-शिमला-मंडी और धर्मशाला के लिए प्रस्तावित है। लेकिन, इसके लिए पहले बद्दी में हेलीपोर्ट का बनना जरूरी है। इसके बीना यह उड़ान असंभव है। तय शर्तों के अनुसार इस रुट पर हेलीकॉप्टर बद्दी में लैंड करने के बाद अपनी अगली उड़ान भरेगा। इसी तरही इसी रूट पर मंडी में हेलीपोर्ट बनाया जाना है। लेकिन, पंवन हंस ने इसकी डीपीआर तैयार ही नहीं की, इसलिए यह रूट पर हेलीपोर्ट के बिना प्रभावित हो रहा है। दूसरी उड़ान शिमला-मंडी-कुल्लू और मनाली के बीच तय की गई है। यहां पर भी मंडी में हेलीपोर्ट की शर्त को अनिवार्य किया गया है।
शिमला-रामपुर-झाकड़ी को इस योजना में शामिल किया गया है, लेकिन इस रुट पर भी हेलीपोर्ट की डीपीआर तैयार नहीं की गई है। अतिरिक्त मुख्य सचिव पर्यटन राम सुभग सिंह का कहना है कि उड़ान-टू योजना के लिए प्रदेश में हेलीपोर्ट के लिए पवन हंस समय पर डीपीआर तैयार नहीं कर पाया है। केंद्र को पत्र लिख कर इसमें राहत मांगी गई है। केंद्र से प्रदेश के लिए सीधी उड़ानें शुरू करने का आग्रह किया गया है।