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हिमाचल : डॉक्टरों ने दो घंटे बंद रखा काम, मरीजों की लग गई लाइनें
Last Updated on June 28, 2021 by saroj patrwal
हिमाचल अभी अभी। हिमाचल प्रदेश मेडिकल ऑफिसर एसोसिएशन ने आज से अपनी मांगों को लेकर प्रदेशभर में दो घंटे के लिए पेन डाउन स्ट्राइक (Pen Down Strike) की। शिमला जिला अस्पताल में चिकित्सक सुबह 9:30 से 11:30 बजे तक वह पेन डाउन स्ट्राइक पर रहे। चिकित्सक ओपीडी में नहीं बैठे और चाइल्ड, मेडिसन, ऑर्थो सर्जरी ओपीडी में चिकित्सक नहीं बैठे और बाहर मरीजों की भीड़ लगी रही। एसोसिएशन के महासचिव डॉ. पुष्पेंद्र वर्मा ने बताया कि उनकी मुख्य मांगों में एक पंजाब पे कमीशन (Punjab Pay Commission) की सिफारिशों को लेकर है जिसमें सिफारिश की गई है कि चिकित्सकों का प्रेक्टिसिंग अलाउंस 25 से 20 प्रतिशत कर दिया जाए और साथ में उसको बेसिक वेतन से डी लिंक कर दिया जाए। इसका पूरे प्रदेश के चिकित्सकों ने एक मत से विरोध किया। इसे लेकर बीते सप्ताह बैठक भी की गई थी। बैठक में फैसला किया गया कि हिमाचल प्रदेश चिकित्सक संघ पंजाब मेडिकल ऑफिसर्स संघों के साथ मिलकर इसके प्रति अपना विरोध जताता रहेगा, जब तक कि इन सिफारिशों को ठीक नहीं किया जाएगा। उनका कहना था कि कोरोना की दूसरी लहर कम हो गई है, लेकिन कोई यह नहीं कहता कि चिकित्सकों (Doctor) ने मेहनत की और लहर कम हो गई है बल्कि इसका श्रेय कोई और ही ले रहा है। डॉक्टरों का कहना है कि जब तक हमारी मांगे पूरी नहीं होती है, तब तक रोजाना दो घंटे के लिए पेन डाउन स्ट्राइक करेंगे।
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डॉ. पुष्पेंद्र वर्मा ने कहा कि डेंटल मेडिकल ऑफिसर संघ, आयुर्वेदिक मेडिकल ऑफिसर संघ, वेटनरी ऑफिसर संघ के साथ मिलकर एक मजबूत योजना बनाई जाएगी और इन सिफारिशों का पुरजोर विरोध किया जाएगा। उनका कहना है कि दूसरा ज्वलंत मुद्दा मीटिंग में प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा मेडिकल ऑफिसर इंचार्ज के साथ दुर्व्यवहार का और उनके परिवारों को मानसिक तनाव देने का रहा जिसमें चंबा जिला के ज्वलंत उदाहरण को शामिल किया गया। इसमें सभी ने एकमत से अपनी सहमति जताई कि इस पर सरकार के प्रशासनिक अधिकारियों को कठोर से कठोर संदेश दिया जाना चाहिए, ताकि भविष्य में इस तरह से कोई भी मेडिकल ऑफिसर पद की गरिमा और व्यक्तिगत स्वाभिमान को ठेस पहुंचाने की हिम्मत ना करें। सभी ने एकमत से यह पारित किया कि सरकार को यह प्रार्थना की जाएगी वह तुरंत इन प्रशासनिक अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करें।
ऊना। पंजाब पे-कमिशन की सिफारिशों के विरोध में सोमवार को क्षेत्रीय अस्पताल ऊना (Regional Hospital Una) के सभी चिकित्सकों ने दो घंटे के लिए पेन डाउन स्ट्राइक की। सुबह साढ़े 9 से लेकर साढ़े 11 बजे तक सभी चिकित्सक ओपीडी में भी नहीं बैठे, जिसके चलते मरीजों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। केवल एजरजेंसी में ही चिकित्सक अपनी ड्यूटी पर रहे। इसके अलावा सभी डॉक्टरों ने दो घंटे तक हड़ताल जारी रही। इससे पहले सभी चिकित्सकों ने अपनी मांगों को लेकर बैठक भी की। चिकित्सक रजीत ने बताया कि जब तक हमारी मांगे पूरी नहीं होती है, तब तक रोजाना दो घंटे के लिए पेन डाउन स्ट्राइक रखेंगे। हिमाचल प्रदेश डेंटल एसोसिएशन के मुख्य सलाहकार डॉक्टर कपिल भरवाल ने कहा कि कोरोना काल में चिकित्सकों ने फ्रंटलाइन वर्कर्स के रूप में काम कर रही है, लेकिन दुख की बात है कि हिमाचल प्रदेश ही नहीं, बल्कि पंजाब सहित अन्य राज्य में नए पे कमीशन लागू करने जा रही है। उन्होंने कहा कि इससे चिकित्सकों को दिए जाने वाला भत्ता 20 से 25 प्रतिशत कर दिया गया है, जो कि चिंता का विषय है। हम सभी चिकित्सक एक साथ अपनी आवाज को बुलंद करेंगे और सरकार से बातचीत करेंगे।
बिलासपुर। ज़िला अस्पताल बिलासपुर के डॉक्टरों ने अपनी मांगों को लेकर पेन डाउन स्ट्राइक की। इसकी वजह से अस्पताल मे दूरदराज के क्षेत्रों से आए मरीजो को इलाज करवाने के लिए काफी समस्या उठानी पड़ी तथा इलाज करवाने के लिए डॉक्टरों का काफी इंतजार भी करना पड़ा। डॉक्टरों की स्ट्राइक 11:30 बजे तक रही उसके बाद कार्य शुरू किया गया। चिकित्सा अधिकारी महासंघ के अध्यक्ष डॉक्टर सतीश शर्मा ने बताया कि जब तक उनकी मांगों को नहीं मान लिया जाता तब तक विरोध जारी रहेगा।
हिमाचल मेडिकल एसोसिएशन के निर्देशों पर होगी आगामी रणनीति
कुल्लू। जिला कुल्लू में भी डॉक्टरों ने 2 घंटे पेन डाउन स्ट्राइक की। डॉक्टर सत्यव्रत वैद्य ने कहा कि प्रदेश में भी डॉक्टरों की मांग की है कि गलत है जिससे डॉक्टरों के वेतनमान कम नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि आज सिर्फ 2 घंटे की स्ट्राइक की है और आगामी समय में हिमाचल मेडिकल एसोसिएशन के जो निर्देश आएंगे उनको फॉलो किया जाएगा।