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जैव विविधता बोर्ड की उपलब्धि, BMC के गठन में 100 फीसदी लक्ष्य किया हासिल
Last Updated on January 5, 2020 by Deepak
शिमला। हिमाचल प्रदेश राज्य जैव विविधता बोर्ड (HP State Biodiversity Board) ने हिमाचल में जैव विविधता प्रबंधन समितियों (BMC) के गठन में उपलब्धि हासिल की है। बोर्ड ने बीएमसी (BMC) के गठन में 100 फीसदी लक्ष्य हासिल कर लिया है। यह खुलासा बोर्ड की समीक्षा बैठक में हुआ है। बैठक बोर्ड के सदस्य सचिव की अध्यक्षता में हुई। बैठक में खुलासा हुआ है कि शहरी विकास और पंचायती राज एवं ग्रामीण विकास विभाग के सहयोग से बोर्ड ने प्रदेश की सभी 3370 स्थानीय निकायों में जैव विविधता समितियां गठित कर ली हैं। बैठक में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) के आदेशों के अनुसार बीएमसी के गठन में हुई प्रगति और लोगों के जैव विविधता रजिस्टर तैयार करने को लेकर भी चर्चा हुई।
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बता दें कि जैव विविधता अधिनियम, 2002 के अंतर्गत प्रत्येक स्थानीय निकाय को बीएमसी (BMC) का गठन करना जरूरी है। साथ जैव विविधता रजिस्टर बनाने को लेकर भी तैयारी करें। रजिस्टर को तैयार करने में बोर्ड जैव विविधता प्रबंधन समितियों (BMC) की सहायता करेगा। रजिस्टर को नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के निर्देश पर तैयार किया जाना है। यह एक एक कानूनी दस्तावेज़ है। इसमें क्षेत्र विशेष के जैविक संसाधनों एवं संबध पारंपरिक ज्ञान की जानकारी मिलेगी। एनजीटी (NGT) के आदेशों के अनुसार जो समिति जैव विविधता रजिस्टर तैयार करने और लोगों के जैव विविधता रजिस्टर की धनराशि तकनीकी सहायता समूहों को स्थानांतरित करने में विफल रहती है या जैव विविधता रजिस्टर बनाने में अवरोध पैदा करती है तो उन पर प्रति माह 10 लाख रुपए का जुर्माना लगाया जाना प्रस्तावित है। बैठक में लिए निर्णय के अनुसार लोगों के जैव विविधता रजिस्टर तैयार करने में शामिल सभी संस्थाएं 6 महीनों के अंदर इस कार्य को पूरा करेंगी। यह भी निर्णय लिया गया है कि रजिस्टर तैयार करने में जिला परिषदों, खंड समितियों के अध्यक्ष और पंचायत प्रधान अपनी-अपनी बीएमसी में इन संस्थानों को रजिस्टर तैयार करने के कार्य में सहयोग देंगे।