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मंडी। हिमाचल प्रदेश में 406 पीएमजीएसवाई के तहत बनने वाले कार्य लटके पड़े हैं। केंद्र सरकार ने हिमाचल को 2965 करोड़ के कार्यों की मंजूरी दी है, जिसमें 2473 करोड़ की धनराशि 30 सितंबर 2016 तक जारी की जा चुकी है। यह खुलासा लोकसभा सांसद रामस्वरुप शर्मा के द्वारा नियम 377 के तहत अधीन उठाए गए मामले के संदर्भ में केंद्रीय ग्रामीण विकास पंचायती राज और पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने अपने जवाब में दी है। सांसद रामस्वरूप शर्मा ने लोकसभा में जानना चाहा था कि हिमाचल प्रदेश में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत सड़क बनाने के लिए विशेष धनराशि अवमुक्त जारी करें और राज्य में सड़कों की खराब गुणवत्ता और योजना की धीमी गति के बारे में पूछा था।
केंद्रीय मंत्री ने जानकारी दी कि 31 मार्च 2016 तक मंत्रालय द्वारा राज्य सरकार को कुल 2965 करोड़ रुपए के कार्यों की मंजूरी दी गई है, जिसमें से 2473 करोड़ रुपए की धनराशि 30 सितंबर 2016 तक मंत्रालय द्वारा जारी की जा चुकी है। इसके अतिरिक्त मंत्रालय ने राज्य सरकार के 649.48 करोड़ रुपए की लागत के 190 नए कार्यों को मई 2016 में मंजूरी दे दी थी। अब तक राज्य सरकार द्वारा 2550 कार्यों में से 2081 कार्य पूर्ण किए जा चुके हैं तथा 406 कार्य विभिन्न स्तरों पर अपूर्ण है। इसके अलावा राज्य सरकार द्वारा 63 कार्य अवार्ड किए जाने हेतु शेष हैं। राज्य सरकार ने अवगत करवाया है कि कुछ कार्य वन विभाग की मंजूरी और निजी भूमि की अनुपलब्धता की वजह से भी लंबित है और उन्हें पूरा करने के प्रयास किए जा रहे हैं। इस संबंध में राज्य सरकार के 25 अक्तूबर 2016 के पत्र की प्रति भी संलग्र की जा रही है। पीएमजीएसवाई के तहत कुल्लू जिला में 136 कार्यों का गुणवता निरीक्षण एनक्यूएम द्वारा किया गया जिसमें से 17 कार्य असंतोषजनक पाए गए। मंडी लोकसभा क्षेत्र में मंडी और कुल्लू जिलों में सित बर 2016 तक कुल 2485 कि.मी. लंबाई की कुल 404 सडक़ों का निर्माण किया जा चुका है। इनमें से 203 कि.मी. सडक़ों का पिछले 6 साल से नियमित रूप से रखरखाव किया जा रहा है।
प्रधानमंत्री ग्राम सडक़ योजना के तहत निॢमत सडक़ों के रखरखाव की भौतिक और आॢथक जि मेदारी राज्य सरकार की है। केंद्रीय मंत्री ने सांसद रामस्वरुप शर्मा को आश्वासन दिया कि वर्तमान वित्तीय वर्ष में हिमाचल को माकूल सहायता दी जाएगी तथा मंत्रालय ने बेहत्तर प्रदर्शन करने वाले राज्यों को अतिरिक्त धनराशि प्रदान करके प्रोत्साहित करने का निर्णय लिया है। इस अतिरिक्त धनराशि का नियतकालिक अनुरक्षण के लिए इस्तेमाल किया जा सकेगा।
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