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विज्ञान विषयः अध्याय-11… मानव नेत्र तथा रंग-विरंगा संसार
प्रश्न 1. नेत्र की समंजन क्षमता से क्या अभिप्राय है? (H.P. 2014, Set-A)
अथवा
हम पास की और दूर की वस्तुओं को देखने योग्य कैसे बनते हैं? (H.P. 2013 Set-B)
उत्तर-नेत्र के लैंस की वह क्षमता जिसके कारण वह अपनी फोकस दूरी को समायोजित कर लेता है, समंजन कहलाती है। इसी के कारण नेत्र अल्पतम दूरी और दूर-बिंदु को नियोजित कर पाता है। सामान्य अवस्था में नेत्र की समंजन क्षमता 4 डायोप्टर होती है।
प्रश्न 2. निकट दृष्टिदोष का कोई व्यक्ति 1.2 m से अधिक दूरी पर रखी वस्तुओं को सुस्पष्ट नहीं देख सकता। इस दोष को दूर करने के लिए प्रयुक्त संशोधन लैंस किस प्रकार का होना चाहिए?
उत्तर-अवतल लैंस।
प्रश्न 3. मानव नेत्र की सामान्य दृष्टि के लिए दूर बिंदु तथा निकट बिंदु नेत्र से कितनी दूरी पर होते हैं?
(H.P. Dec. 2008, 2011, Set-B)
उत्तर-किसी वस्तु को निकट की वस्तु को आराम से सुस्पष्ट देखने के लिए वस्तु को नेत्रों से कम-से-कम 25 cm दूर रखना होगा। एक सामान्य नेत्र 25 cm से अनंत दूरी तक रखी सभी वस्तुओं को सुस्पष्ट देख सकता है।
प्रश्न 4. अंतिम पंक्ति में बैठे किसी विद्यार्थी को श्यामपट्ट पढ़ने में कठिनाई होती है। वह विद्यार्थी किस दृष्टिरोग से पीड़ित है? इसे किस प्रकार संशोधित किया जा सकता है?
(H.P. Model Q. Paper 2009)
उत्तर-इस अवस्था में विद्यार्थी निकट दृष्टि रोग (मायोपिया) से पीड़ित है। उसे उचित क्षमता के अवतल लैंस से संशोधित किया जा सकता है।
अभ्यास के प्रश्नों के उत्तर
प्रश्न 1. मानव नेत्र अभिनेत्र लैंस की फोकस दूरी को समयोजित करके विभिन्न दूरियों पर रखी वस्तुओं को फोकसित कर सकता है। ऐसा हो पाने का कारण है–
(a) जरा-दूरदृष्टिता (b) समंजन
(c) निकट-दृष्टि (d) दीर्घ-दृष्टि।
उत्तर-(b) समंजन।
प्रश्न 2. मानव नेत्र जिस भाग पर किसी वस्तु का प्रतिबिंब बनाते हैं, वह है- (H.P. 2009, Set A)
(a) कॉर्निया (b) परितारिका
(c) पुतली (d) दृष्टिपटल।
उत्तर-(d) दृष्टिपटल।
प्रश्न 3. सामान्य दृष्टि के वयस्क के लिए दर्शन की अल्पतम दूरी होती है, लगभग-
(H.P. 2009, Set-B, 2011, Set-B)
(a) 25 m (b) 2.5 cm
(c) 25 cm (d) 2.5 m.
उत्तर-(c) 25 cm.
प्रश्न 4. अभिनेत्र लैंस की फोकस दूरी में परिवर्तन किया जाता है–
(a) पुतली द्वारा (b) दृष्टिपटल द्वारा
(c) पक्ष्माभी द्वारा (d) परितारिका द्वारा।
उत्तर-(c) पक्ष्माभी द्वारा।
प्रश्न 5. किसी व्यक्ति को अपनी दूर की दृष्टि को संशोधित करने के लिए -5.5 डाइऑप्टर क्षमता के लैंस की आवश्यकता है। अपनी निकट की दृष्टि को संशोधित करने के लिए उसे + 1.5 डाइऑप्टर क्षमता के लैंस की आवश्यकता है। संशोधित करने के लिए आवश्यक लैंस की फोकस दूरी क्या होगी?
(i) दूर की दृष्टि के लिए (ii) निकट की दृष्टि के लिए।
उत्तर-(i) दूर की दृष्टि को संशोधित करने के लिए लैंस की क्षमता
P1 = – 5.5 D
इस भाग की फोकस दूरी,
1 1 10
f1 = ___ = ____m = – ____m
P1 -5.5 55
-2 200
= ___ = ____m = – 18.2 cm.
11 11
(ii) निकट दृष्टि के लिए फोकस दूरी
1 1 10
f2 = ___ = ____m = – _______m
P2 1.5 15
2
f2 = ___ =
3
200
= ___ = सेमी०
3
f2 = + 66.7 सेमी०
प्रश्न 6. किसी निकट-दृष्टि दोष से पीड़ित व्यक्ति का दूर बिंदु नेत्र के सामने 80 cm दूरी पर है। इस दोष को संशोधित करने के लिए आवश्यक लैंस की प्रकृति तथा क्षमता क्या होगी? (H.P. 2015 Set-B)
उत्तर-निकट दृष्टि दोष से पीड़ित व्यक्ति के सामने वस्तु अनंत पर होनी चाहिए–
au = – ∞
v = -80 cm
लैंस सूत्र–
1 1 1
___ = ___ – ___
f v u
1 1 1
= ___ = ___ = ___ + 0
80 – ∞ – 80
1 1
= ___ = ___
f – 80
f = – 80 cm.
100 1
∴P = ___ = ___ = – 1.25 D
f – 80
ऋणात्मक चिह्न स्पष्ट करता है कि लैंस अवतल होगा।
प्रश्न 7. चित्र बना कर दर्शाइए कि दीर्घ-दृष्टि दोष कैसे संशोधित किया जाता है। एक दीर्घ दृष्टि दोषयुक्त नेत्र का निकट बिंदु 1 m है। इस दोष को संशोधित करने के लिए आवश्यक लैंस की क्षमता क्या होगी? यह मान लीजिए कि सामान्य नेत्र का निकट बिंद 25 cm है।
उत्तर-दीर्घ-दृष्टि रोग के संशोधन के लिए उचित क्षमता का उत्तल लैंस प्रयुक्त किया जाएगा।
u = -25 cm
v = – 100 cm
लैंस सूत्र से
1 1 1
___ = ___ – ___
f v u
1 1 1 1 -1+4 3
= ___ – = ___ = – ___ + _____ = _____ = ____
-100 -25 100 25 100 100
100 1
f= + ___ cm = ___ M
3 3
1 3
शक्ति, P = ___ + = ___ = + 3 D
f 1
प्रश्न 8. सामान्य नेत्र 25 cm से निकट रखी वस्तुओं को सुस्पष्ट क्यों नहीं देख पाते?
उत्तर-अभिनेत्र लैंस की फोकस दूरी एक निश्चित न्यूनतम सीमा से कम नहीं हो सकती। इसे कम करने के प्रयास से आँखों पर तनाव बढ़ता है और वस्तु धुंधली दिखाई देती है।
इसलिए सामान्य नेत्र 25 cm से निकट रखी वस्तुओं को सुस्पष्ट नहीं देख पाते।
प्रश्न 9. जब हम नेत्र से किसी वस्तु की दूरी को बढ़ा देते हैं तो नेत्र की प्रतिबिंब दूरी का क्या होता है?
उत्तर-जब हम नेत्र से किसी वस्तु की दूरी को बढ़ा देते हैं तो नेत्र के समंजन गुण के कारण रेटिना पर वस्तुओं के बिंब भिन्न-भिन्न स्थानों पर बनते हैं इसलिए नेत्र की प्रतिबिंब दूरी समान रहती हैं।
प्रश्न 10. तारे क्यों टिमटिमाते हैं? (H.P. 2009, 2010 Set-A. C. 2012 Set-B. 2014 Set-B 2015-C)
उत्तर-हमारे नेत्रों को तारों के प्रकाश के वायुमंडलीय अपवर्तन के कारण तारे टिमटिमाते से लगते हैं। तारे का प्रकाश पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश करने के पश्चात् पृथ्वी के पृष्ठ पर पहुँचने तक लगातार अपवर्तित होता है। वायुमंडलीय अपवर्तन उसी माध्यम से होता है जिसका क्रमिक परिवर्ती अपवर्तनांक हो क्योंकि वायुमंडल तारे के प्रकाश को अभिलंब की ओर झुका देता है, इसलिए तारे को आभासी स्थिति उसकी वास्तविक स्थिति से कुछ भिन्न प्रतीत होती है। क्षितिज के निकट देखने पर कोई तारा अपनी वास्तविक स्थिति से कुछ ऊँचाई पर प्रतीत होता है। तारे की यह आभासी स्थिति भी स्थायी न होकर धीरे-धीरे थोड़ी बदलती भी रहती है क्योंकि पृथ्वी के वायुमंडल की भौतिक अवस्थाएं भी बदलती रहती हैं।
तारे बहुत दूर हैं, इसलिए वे प्रकाश के बिंदु स्रोत के निकट हैं। तारों से आने वाली प्रकाश किरणों का पथ थोड़ा-थोड़ा बदलता रहता है, इसलिए तारे की आभासी स्थिति विचलित होती रहती है तथा आँखों में प्रवेश करने वाले तारों के प्रकाश की मात्रा झिलमिलाती रहती है जिसके कारण तारे टिमटिमाते प्रतीत होते हैं। प्रश्न 11. व्याख्या कीजिए कि ग्रह क्यों नहीं टिमटिमाते?
(H.P. 2009 Set-B, 2010 Set-B, 2012 Set-C, 2016 Set-B)
उत्तर-तारों की अपेक्षा ग्रह हमारी पृथ्वी के बहुत निकट हैं। उन्हें विस्तृत स्रोत की तरह मान सकते हैं। यदि ग्रह को बिंदु आकार के अनेक प्रकाश स्रोतों का संग्रह मान ले तो उन सभी से हमारे नेत्रों में प्रवेश करने वाली प्रकाश की मात्रा में कुल परिवर्तन का औसत मान शून्य होगा जिस कारण वे टिमटिमाते नहीं हैं।
प्रश्न 12. सूर्योदय के समय सूर्य रक्ताभ क्यों प्रतीत होता है? (H.P. 2012, Set-B)
उत्तर-प्रातः के समय सूर्य क्षितिज के निकट होता है। सूर्य की किरणों को हम तक पहुँचने के लिए वातावरणीय मोटी परतों से गुज़र कर पहुँचना पड़ता है। नीले और कम तरंगदैर्ध्य के प्रकाश का अधिकांश भाग वहाँ उपस्थित कणों के द्वारा प्रकीर्णित कर दिया जाता है। हमारी आँखों तक पहुँचने वाला प्रकाश अधिक तरंगदैर्ध्य का होता है। इसलिए सूर्योदय और सूर्यास्त के समय सूर्य रक्ताभ प्रतीत होता है।
प्रश्न 13. किसी अंतरिक्ष यात्री को आकाश नीले की अपेक्षा काला क्यों प्रतीत होता है?
(H.P. 2009, Set-C, 2013 Set-B, 2014 Set-C)
उत्तर-अंतरिक्ष यात्री आकाश में उस ऊँचाई पर होते हैं जहां वायुमंडल नहीं होता और न ही वहाँ कोई प्रकीर्णन हो पाता है इसलिए उन्हें आकाश नीला नहीं बल्कि काला प्रतीत होता है।
अन्य महत्त्वपूर्ण प्रश्न
(OTHER IMPORTANT QUESTIONS)
दीर्घ उत्तरात्मक प्रश्न
(Long Answer Type Questions
प्रश्न 1. मानव की आँख की आंतरिक संरचना को चित्र बनाकर स्पष्ट करो।
(H.P. Dec. 2008, 2011, Set-B, 2012 Set-A, 2013 Set-B, 2015 Set-C)
अथवा
नामांकित चित्र बनाकर आँख की बनावट का वर्णन करो।
उत्तर-मानव आँख की संरचना-आँख एक ज्ञानेंद्रिय है जिसमें हमें दिखाई देता है। इसके निम्नलिखित भाग होते हैं-
- नेत्र गोलक-आँख छोटे गोलक के रूप में होती है जो खोपड़ी के गर्त (कोटर) में लगी होती है। आँख में बहुत-से सहायक अंग होते हैं जो मुख्य रूप से आँख की रक्षा करते हैं। प्रत्येक नेत्र गोलक को काटने से पता चलता है कि यह तीन भिन्न-भिन्न तहों का बना हुआ होता है जिनके बीच के दो स्थान पारदर्शक पदार्थ द्वारा भरे होते है।
2. दृढ़पटल (Sclerotic)– नेत्र गोलक का सफ़ेद अपारदर्शक भाग दृढ़पटल कहलाता है। नेत्र गोलक के अगले भाग के अतिरिक्त इसके चारों ओर दृढ़पटल होता है। इसका आगे का उभरा हुआ गोल भाग पारदर्शक है। इस भाग को श्वेतमंडल (Cornea) कहते हैं।
3. रक्तकपटल (Choroid)–नेत्र गोलक की दूसरी सतह रक्तकपटल (Choroid) कहलाती है। यह प्रायः भूरे रंग की होती है। यह योजी ऊतकों की बनी होती है। इसमें अनेक रुधिर वाहिकाएं होती हैं जो नेत्रों के लिए पोषक पदार्थ लाती हैं। रक्तकपटल का आगे का भाग कॉर्निया के पीछे एक वृत्ताकार पर्दे के समान भूरे रंग या नीले रंग का होता है। इसे आइरिस (Iris) कहते हैं।
आइरिस के बीच में एक छिद्र होता है जिसे पुतली (Pupil) कहते हैं। आइरिस का कार्य कैमरे के छिद्र पट के समान होता है। कम प्रकाश होने पर पुतली फैल जाती है तथा अधिक प्रकाश के समय सिकुड़ जाती है। इस प्रकार पुतली आंख में प्रवेश होने वाले प्रकाश को नियंत्रित रखती है। पुतली के पीछे उभयोत्तल पारदर्शक लैंस (Crystalline Convex lens) होता है। दूर की वस्तुओं को देखने के लिए लैंस की फोकस दूरी अधिक हो जाती है तथा समीप की वस्तुओं को देखने के लिए लैंस की फोकस दूरी कम हो जाती है। लैंस तथा श्वेतमंडल के बीच में तरल पदार्थ भरा होता है।
- दृष्टिपटल (Retina) (H.P. 2010, Set-A)–नेत्र गोलक की तीसरी तथा भीतरी यह दृष्टिपटल होती है। इस पर एक बिंदु होता है जिस पर प्रकाश पड़ने से कोई संवेदन उत्पन्न नहीं होता। इस बिंदु को अंध-बिंदु (Blind Spot) कहते हैं। इसके विपरीत एक और बिंदु होता है जहाँ दर्शन शक्ति सबसे अधिक होती है। इसे पीत बिंदु (Yellow Spot) कहते हैं।
- दृष्टि तंत्रिकाएं (Optic Nerves)-मस्तिष्क से बहुत-सी तंत्रिकाएँ निकलती हैं जो नेत्र गोलक के पीछे वाले भाग में प्रवेश कर जाती हैं। वे दृष्टि तंत्रिकाएं (Optic nerves) कहलाती हैं। ये तंत्रिकाएं नेत्र गोलक की सबसे भीतरी सतह बनाती हैं। इसी तंत्रिका की सतह को दृष्टिपटल कहते हैं।
जब कोई वस्तु आँख के सामने होती है तो उसका उल्टा प्रतिबिंब दृष्टिपटल पर बनता है। दृष्टि तंत्रिका तंतु दृष्टि संवेदन को मस्तिष्क में स्थित दृष्टि नेत्र की कोशिकाएं उल्टे प्रतिबिंब को सीधा करके उसका विश्लेषण कर देती हैं।
प्रश्न 2. मानव आँख (Human Eye) के दोषों (Defects of Eye) को रेखांकित चित्रों की सहायता से दूर करने के उपाय समझाएँ।
(H.P. Dec. 2008, 2012 Set C 2015)
उत्तर-आँख के दोष-एक सामान्य स्वस्थ आँख अपनी फोकस दूरी को इस प्रकार संयोजित करती है कि पास तथा दूर की सभी वस्तुओं का प्रतिबिंब दृष्टिपटल (Retina) पर बन जाए। परंतु कभी-कभी आँख की इस संयोजन शक्ति में कमी आ जाती है। इससे दृष्टिपटल पर ठीक से प्रतिबिंब नहीं बनता है। इससे दूर दृष्टि (Long Sightedness) तथा निकट दृष्टि (Short Sightedness) के दोष हो जाते हैं। इनके अतिरिक्त प्रेस्बायोपिया, रंगांधता और एस्टग्माटिज्म रोग भी बहुत सामान्य है।
- दूर दृष्टि दोष (Long Sigh-tedness) (H.P. 2013, Set-A) –इस दोष के व्यक्ति को दूर की वस्तुएं तो स्पष्ट दिखाई देती हैं परंतु समीप की वस्तुएं स्पष्ट दिखाई नहीं देती हैं। इसका कारण यह है कि समीप की वस्तुओं का प्रतिबिंब रेटिना के पीछे बनता है जैसा कि चित्र में दिखाया गया है।
दूर दृष्टि दोष के कारण(1) नेत्र गोलक का छोटा होना। (i) आँख के क्रिस्टलीय लैंस का पतन होना या इनकी फोकस दूरी का अधिक हो जाना। बच्चों में यह रोग प्रायः का गोलक के छोटा होने के कारण होता है।
दूर दृष्टि दोष को दूर करना-इस दोष को दूर करने के लिए उत्तल लैंस (Convex Lens) का प्रयोग किया जाता है। इस लैंस के प्रयोग से निकट बिंदु से आने वाली प्रकाश किरणें किसी दूर के बिंदु से आती हुई प्रतीत होती हैं तथा समीप पड़ी वस्तुएं स्पष्ट दिखाई देने लगती हैं।
निकट दृष्टि दोष (Short Sightedness or Myopia) (H.P. 2008, 2013 Set-C, 2014 Set-B, 2015 Set-B)-इस दोष वाली आँख के पास की वस्तुएँ तो स्पष्ट दिखाई देती हैं परंतु दूर की वस्तुएँ ठीक दिखाई नहीं देती या धुंधली दिखाई देती हैं। इसका अभिप्राय यह है कि दूर बिंदु अनंत की तुलना में कम दूरी पर आ जाता है।
निकट दृष्टि दोष के कारण इस दोष के उत्पन्न होने के कारण–
(i) क्रिस्टलीय लैंस का मोटा हो जाना या इसकी फोकस दूरी का कम हो जाना।
(ii) आँख के गोले का लंबा हो जाना अर्थात् रेटिना तथा लैंस के बीच की दूरी का अधिक हो जाना होता है। अनंत से आने वाली समानांतर किरणें रेटिना के सामने मिलती हैं तथा प्रतिबिंब रेटिना पर नहीं बनता जैसा कि ऊपर चित्र में दिखाया गया है।
निकट दृष्टि दोष को दूर करना-इस दोष को दूर करने के लिए अवतल लैंस (Concave Lens) का प्रयोगा करना पड़ता है जिसकी फोकस दूरी आँख के दूर बिंदु जितनी होती है।
III. रंगांधता (Colour Blindness)– यह एक ऐसा रोग है जो जैविक कारणों से होता है। यह वंशानुगत होता है। इस रोग में रोगी विशेष रंगों की पहचान नहीं कर पाता क्योंकि उसकी आँखों में रेटिना पर शंकु (cone) जैसी संरचनाएं अपर्याप्त होती हैं। आँखों में लाल, नीले और हरे रंग को पहचानने वाली कोशिकाएं होती हैं। रंगांध व्यक्ति की आँख में कम शंक्वाकार रचनाओं के कारण वह विशेष रंगों को नहीं पहचान पाता। इस रोग का कोई उपचार नहीं है। ऐसा व्यक्ति हर वस्तु ठीक प्रकार से देख सकता है पर कुछ रंगों की पहचान नहीं कर पाता। परमाणु सिद्धांतों का जनक डाल्टन भी इस रोग से ग्रस्त था।
- प्रेस्बायोपिया (Presbyopia)- यह रोग आयु से संबंधित है। लगभग सभी व्यक्तियों को यह रोग 40 वर्ष की आयु के बाद हो जाता है। आँख के लैंस की लचक आयु के साथ कम हो जाती है। सिलियरी माँसपेशियाँ आँख के लैंस की फोकस दूरी को परिवर्तित नहीं कर पाती जिस कारण निकट की वस्तु स्पष्ट दिखाई नहीं देती। निकट दृष्टि और दूर दृष्टि के मिले-जुले इस रूप को दूर करने के लिए उत्तल और अवतल लैंस से युक्त दो चश्मों या बाइफोकल चश्मे में दोनों लैंसों के साथ प्रयोग से इसे सुधारा जा सकता है।
- एस्टेग्माटिज्म (Astigmatism)-एस्टेग्माटिज्म से ग्रस्त व्यक्ति एक साथ अपनी दोनों आँखों का फोकस नहीं कर पाता। कॉर्निया के पूर्ण रूप से गोलाकार न होने के कारण यह रोग होता है। विभिन्न दिशाओं में वक्रता भिन्न होती है। व्यक्ति लंबाकार दिशा में ठीक प्रकार से दृष्टि फोकस नहीं कर पाता। इस रोग को सिलेंडीकल चश्मे से सुधारा जा सकता है।
लघु उत्तरात्मक प्रश्न
(Short Answer Type Questions)
प्रश्न 1. मनुष्य की आँख को ईश्वर के श्रेष्ठतम उपहारों में से एक क्यों माना जाता है?
उत्तर-कहा जाता है कि आँख है तो जहान है। ईश्वर के द्वारा आँखों से ही मनुष्य देख पाता है। वह अलग-अलग वस्तुओं की ठीक प्रकार से पहचान कर पाता है। रंगों को पहचान सकता है। बिना छुए छोटे-बड़े में भेद कर सकता है, पढ़-लिख सकता है और संसार के सभी आश्चर्यों को जान सकता है। इसीलिए आँखों को ईश्वर के श्रेष्ठतम उपहारों में से एक माना जाता है।
प्रश्न 2. आँख की तुलना कैमरे से क्यों की जाती है?
उत्तर-आँख में लगे लैंस से प्रकाश की किरणें प्रविष्ट होकर रेटिना पर उल्टा, छोटा और वास्तविक बिंब बनाती वैसे ही किसी कैमरे के आगे लगे उत्तल लैंस के द्वारा यह कार्य किया जाता है।
प्रश्न 3. मनुष्य की आँख और फ़ोटोग्राफिक कैमरे में कोई तीन समानताएं लिखो।
उत्तर-(1) ये अंदर से दोनों ही काले होते हैं।
(ii) इन दोनों में एक-एक उत्तल लैंस लगा होता है।
(ii) इन दोनों में प्रतिबिंब वास्तविक, छोटे और उल्टे बनते हैं।
प्रश्न 4. मनुष्य की आँख और फ़ोटोग्राफिक कैमरे में अंतर लिखिए। (H.P. 2010, Set-B)
उत्तर–
मनुष्य की आँख | फ़ोटोग्राफिक कैमरा |
(1) यह सजीव है।
(2) यह गोलाकार है। (3) पेशियों की सहायता से इसकी उत्तलता को कम या अधिक किया जा सकता है। (4) लैंस, एक्वस तथा विटरस ह्यूमर मिलकर संयुक्त लैंस का कार्य करते हैं। (5) प्रतिबिंब अज्ञातविधि से मस्तिष्क में स्थायी बनता है। (6) पुतली के द्वारा लैंस द्वार नियंत्रित किया जाता है। |
(1) यह निर्जीव है।
(2) यह चौरस है। (3) इसकी उत्तलता को कम या अधिक नहीं किया जा सकता। (4) एक या अनेक लैंसों का प्रयोग किया जाता है।
(5) प्रतिबिंब रासायनिक पदार्थों में स्थायी बनता है।
(6) एक छिद्र के द्वारा लैंस द्वार को छोटा या बड़ा किया जाता है। |
प्रश्न 5. किसी अंधेरे कमरे में प्रविष्ट करते ही हमें कुछ देर कुछ भी दिखायी नहीं देता और अंधेरे में देर तक रहने के बाद अचानक तेज़ प्रकाश में भी हमारी आंखें कुछ देर देख नहीं पातीं। क्यों?
उत्तर-कार्निया के पीछे आइरिस (Iris) होती है जो पुतली के आकार को नियंत्रित करती है। इसके द्वारा आंख में जाने वाले प्रकाश की तीव्रता पर नियंत्रण रखा जाता है। जब हम किसी अंधेरे कमरे में प्रविष्ट होते हैं तो रेटिना पर बनने वाले बिंब के लिए अधिक प्रकाश की आवश्यकता होती है। इसे भीतर प्रकाश भेजने के लिए कुछ फैलना पड़ता है जिसके लिए कुछ समय लगता है उस समय हमें दिखायी नहीं देता। इसी प्रकार अंधेरे में बैठे रहने से पुतलियाँ फैल जाती हैं ताकि अधिक प्रकाश भीतर जा सके। अचानक तेज़ प्रकाश आ जाने की स्थिति में इसे सिकुड़ने में समय लगता है।
प्रश्न 6. नेत्र गोलक के आगे लगा लैंस कैसा होता है? इसका मुख्य काम क्या है? (H.P. 2010, Set-C)
उत्तर-मानवीय आँख में नेत्र गोलक के आगे लगा लैंस रेशेदार जैली जैसा उत्तल होता है। इसकी वक्रता सिलियरी मांसपेशियों से नियंत्रित होती है। कॉर्निया और एक्वस ह्यूमर प्रकाश की अधिकांश किरणों का अपवर्तन कर देती है क्रिस्ट्रलीय लैंस उनकी फोकस दूरी को सुनिश्चित उचित रूप प्रदान करता है ताकि वे रेटिना पर वस्तु का बिंब बना सकें।
प्रश्न 7. दृष्टि पटल (Retina) का कार्य लिखिए।
उत्तर-नेत्र के उचित कार्य के लिए दृष्टि पटल (Retina) अत्यंत महत्त्वपूर्ण है। ये नेत्र गोलक का भीतरी पर्दा है जिसका रूप अत्यंत कोमल झिल्ली के समान होता है। इस पर असंख्य प्रकाश संवेदी कोशिकाएं होती हैं। इस पर दंड और शंकु जैसी रचनाएं होती हैं जो प्रकाश और रंगों के प्रति संवेदनशील होती हैं। यही प्रकाश की संवेदना को संकेतों के रूप में मस्तिष्क तक दृष्टि तंत्रिका के माध्यम से भेजती हैं जिससे हमें दिखाई देता है।
प्रश्न 8. हम बहुत निकट से पढ़ने में कठिनाई क्यों अनुभव करते हैं?
उत्तर-नेत्र लैंस अपनी क्षमता और गुणों के कारण फोकस दूरी को कुछ सीमा तक बदलता है पर एक निश्चित सीमा से नीचे तक फोकस दूरी को यह नहीं बदल सकता। यदि कोई वस्तु आँख के बहुत निकट हो तो इसमें इतना परिवर्तन नहीं होता कि उसे ठीक-ठीक देखने में सहायता दे। इसीलिए हमें बहुत निकट से पढ़ने में कठिनाई अनुभव होती है। ऐसा करने से आँखों पर दबाव पड़ता है और धुंधला दिखाई देता है।
प्रश्न 9. वृद्ध लोगों को पढ़ने के लिए प्रायः चश्मा लगाना पड़ता है। क्यों?
उत्तर-लगभग साठ वर्ष की आयु में दृष्टि का निकट बिंदु 200 सेमी० हो जाता है जो युवावस्था सामान्य दृष्टि रखने वालों में 25 सेमी० होता है। ऐसा होने से पढ़ने में कठिनाई होती है और उत्तल लैंस का चश्मा लगाना पड़ता है।
प्रश्न 10. सिनेमा की रील में सभी लोग स्वाभाविक रूप से हिलते-डुलते क्यों दिखाई देते हैं जबकि वास्तव में वे स्थिर ही होते हैं।
उत्तर-मनुष्य की आँख में गुण है कि रेटिना पर बने बिंब की संवेदना एक सैकिंड के सोलहवें भाग तक बनी रहता है। यदि इस वेग से जल्दी एक-सी तस्वीरें आँख के सामने से गुज़ारी जाएँ तो वे चलती फिरती और सहज रूप से गति करती प्रतीत होती हैं। सिनेमा की रील फिल्म में एक सैकिंड में 24 या इससे अधिक तस्वीरें ली जाती हैं और जब उन्हें आँख के सामने से गुजारते हैं तो वे चलती-फिरती दिखायी देती हैं।
प्रश्न 11. हमारी आँख रंगों की पहचान किस प्रकार करती है?
उत्तर-रेटिना पर बड़ी संख्या में दंड (Rods) और शंकु (Cones) होते हैं जो प्रकाश संवेदी होते हैं। दंड (Rods रंगों को नहीं पहचानते पर शंकु (Cones) रंगों के प्रति संवेदनशील होते हैं। जैसे ही उन पर प्रकाश पड़ता है वे रंगों के प्रति आग्रह को संभव बना देते हैं। ये लाल, हरे और नीले रंग के प्रति विशेष रूप से सुग्राही होते हैं। अनेक लोग जैविक कारणों से रंग नहीं भी पहचान पाते। इस दोष को दूर नहीं किया जा सकता।
प्रश्न 12. मोतिया बिंद (Cataract) किसे कहते हैं? इसका क्या उपचार होता है?
उत्तर-आँख के लैंस के पीछे अनेक कारणों से एक झिल्ली-सी जम जाती है जिस कारण पारदर्शी लैंस के पार प्रकाश की किरणों के गुज़रने में रुकावट उत्पन्न होती है। कभी-कभी लैंस पूरी तरह अपारदर्शी भी बन जाता है। शल्या चिकित्सा के द्वारा उस खराब लैंस को बाहर निकाल दिया जाता है। उसके स्थान पर उचित शक्ति का कांटेक्ट लैंस लगाने या शल्य चिकित्सा के बाद चश्मा लगाने से ठीक दिखाई देने लगता है।
प्रश्न 13. रेटिना से मस्तिष्क तक संकेत कैसे पहुँचते हैं? (H.P. 2015, Set-A)
उत्तर- पुतली से प्रकाश-किरणें नेत्र में प्रवेश कर अभिनेत्र लैंस के माध्यम से रेटिना पर किसी वस्तु का उल्टा, छोटा तथा वास्तविक प्रतिबिंब बनाती हैं। रेटिना पर बहुत बड़ी संख्या में प्रकाश सुग्राही कोशिकाएँ होती हैं जो सक्रिय होकर विद्युत् सिग्नल उत्पन्न करती है। ये सिग्नल दृक तंत्रिकाओं के द्वारा मस्तिष्क तक पहुँचा दिए जाते हैं और मस्तिष्क उनकी व्याख्या कर लेता है।
प्रश्न 14. चाक्षुष विकृति किस-किस कारण संभव हो सकती है?
उत्तर-नेत्र बहुत कोमल और संवेदनशील ज्ञानेंद्रिय है और यह दृष्टितंत्र के किसी भी भाग के क्षतिग्रस्त होने से सदा के लिए खराब हो सकते हैं। कॉर्निया, पुतली, अभिनेत्र लैंस, नेत्रोद, काचाभ द्रव, रेटिना, दृक तंत्रिका आदि किसी के भी क्षतिग्रस्त होने से चाक्षुष विकृति संभव हो सकती है।
प्रश्न 15. कभी-कभी कुछ लोग दूर या निकट की वस्तुओं को स्पष्ट रूप से देखने के लिए आँखें सिकोड़ कर देखते हैं। क्यों?
उत्तर-हमारी आँख का लैंस रेशेदार जेली जैसा होता है जिसकी वक्रता को कुछ सीमा तक पक्ष्माभी पेशियों से बदला जा सकता है। इसकी वक्रता में परिवर्तन से इसकी फोकस दूरी बदल जाती है। जब पेशियां शिथिल होती हैं तो लैंस पतला हो जाता है। उसकी फोकस दूरी बढ़ जाती है हमें दूर की वस्तु कुछ साफ़ दिखाई देने लगती है। पक्ष्माभी पशियों को सिकोड़ लेने से अभिनेत्र लैंस की वक्रता बढ़ जाती है और यह मोटा हो जाता है जिस कारण लैंस की फोकस दूरी घट जाती है। इससे हम निकट रखी वस्तु को साफ-साफ देख सकते हैं।
प्रश्न 16. हमारी आँखें किस प्रकार किसी वस्तु की लंबाई, चौड़ाई और गहराई को प्रकट कराती हैं?
उत्तर-हमारी आँखें सिर के सामने की ओर स्थित होती हैं। इससे हमारा दृष्टि क्षेत्र अवश्य कुछ कम हो जाता है पर हमें इससे त्रिविय चाक्षुकी का लाभ मिल जाता है। हमारी आँखों के बीच कुछ सेंटीमीटर का अंतर होता है इसलिए दोनों आँखों से किसी भी वस्तु का थोड़ा-सा भिन्न प्रतिबिंब दिखता है। हमारा मस्तिष्क दोनों प्रतिबिंबों का संयोजन करके एक प्रतिबिंब बना देता है जिससे उस वस्तु की निकटता या दूरी का ज्ञान हो पाता है। इससे लंबाई, चौड़ाई और महराई का ज्ञान हो जाता है।
प्रश्न 17. नेत्रदान की क्या आवश्यकता है? स्पष्ट कीजिए। (H.P. 2010, Set-C)
उत्तर-नेत्रदान को महादान कहा जाता है। बिना आँखों के संसार का अंधेरा बहुत दुःखद है। इस संसार में लगभग 3.5 करोड़ लोग नेत्रहीन हैं जिनमें से लगभग 45 लाख कॉर्निया अंधता से पीड़ित हैं। इन 45 लाख में 60% तो वे बच्चे हैं जिनकी आयु 12 वर्ष से भी कम है। इनको कॉर्निया प्रतिरोपण से संसार का उजाला दिया जा सकता है। इसलिए मृत्यु के बाद हमें अपनी और अपनों की आँखें दान करने से किसी को रोशनी मिल सकती है।
प्रश्न 18. नेत्रदान करते समय किन-किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?
उत्तर-(1) मृत्यु के बाद 4 से 6 घंटे के भीतर ही नेत्रदान हो जाना चाहिए।
(2) नेत्रदान समीपवर्ती नेत्र बैंक को दिया जाना चाहिए। उनकी टीम दिवंगत व्यक्ति के घर या निकटवर्ती अस्पताल 110-15 मिनट में नेत्र निकाल लेती है।
(3) नेत्रदान एक सरल प्रक्रिया है और इससे किसी प्रकार का विरुपण नहीं होता।
प्रश्न 19. वे कौन-कौन से व्यक्ति हो सकते हैं जिन्हें नेत्रदान नहीं करना चाहिए?
(H.P. Model Q. Paper 2009)
उत्तर-निम्नलिखित रोगों से ग्रस्त व्यक्तियों को नेत्रदान नहीं करना चाहिए-
(i) एड्स (AIDS)
(ii) हेपेटाइटिस B या C (Hepatitis B or C)
(iii) जलभीति (Robies)
(iv) तीव्र ल्यूकीमिया (Acute Leukaemia)
(v) धनुस्तंभ (Tetanus)
(vi) हैजा (Cholera)
(vii) तानिका शोध (Meningitis)
(viii) मस्तिष्क शोध (Encephalitis)।
प्रश्न 20. कौन-कौन व्यक्ति नेत्रदान कर सकते हैं?
उत्तर-(i) किसी भी आयु वर्ग के व्यक्ति।
(ii) किसी भी लिंग के व्यक्ति।
(iii) चश्मा लगाने या चश्मा न लगाने वाले।
(iv) मोतियाबिंद का ऑपरेशन करा चुके व्यक्ति।
(v) उच्च रक्त चाप से पीड़ित।
(vi) मधुमेह रोगी।
(vii) दमे के रोगी।
(viii) जिन्हें कोई संक्रामक रोग न हो।
प्रश्न 21. नेत्रदान के लिए नेत्र बैंक क्या-क्या करते हैं?
उत्तर-(1) नेत्र बैंक दान दिए गए नेत्रों को एकत्रित करता है।
(ii) दान में प्राप्त नेत्रों का मूल्यांकन करता है।
(iii) नेत्रहीनों को सूचित करता है और कॉर्निया प्रतिरोपण का प्रबंधन करता है।
(iv) प्रत्यारोपण के लिए प्रयुक्त न किए जा सकने वाले नेत्रों को अनुसंधान एवं चिकित्सा शिक्षा के लिए भिजवाता है।
(v) दानकर्ता और नेत्र लेने वालों की पहचान को गुप्त रखता है।
प्रश्न 22. आपतन कोण, निर्गत कोण, प्रिज्म के कोण तथा विचलन कोण में क्या संबंध है? इसे प्रयोग द्वारा सिद्ध करो।
उत्तर-आपतन कोण (i) निर्गत कोण (e) प्रिज्म के कोण (A) तथा विचलन कोण (D) में निम्नलिखित संबंध है-
∠i + ∠e = ∠A + ∠D
प्रायोगिक पड़ताल-ड्राईंग बोर्ड पर एक कागज़ लगाओ और तिकोने आधार पर प्रिज्म खड़ा करो। उसकी सीमा ABC खींच लो। AB किनारे के सामने दो पिनें P तथा Q लगाकर उनके प्रतिबिंबों को AC किनारे से देखो। प्रतिबिंबों की पंक्ति में दो पिन R तथा S लगाएं। पिनों के नुकीले स्थलों पर वृत्ताकार लगाकर प्रिज्म को तथा पिनों को हटा दो।
ऊपर दिए चित्र के अनुसार PL, LM तथा MS क्रमशः आपतित किरण, अपवर्तित किरण तथा निर्गत किरण हैं। L तथा M बिंदुओं पर अभिलंब GH तथा EF खींच लीजिए। आपतन कोण ∠GLP = ∠i, अपवर्तन कोण ∠MLH= ∠r तथा निर्गत कोण ∠EMS ∠e हैं। PL को K तक बढ़ा लो। SR को बढ़ाएं ताकि यह PLK को T पर मिले। ∠KTS = ∠D विचलन कोण हैं। चारों कोण ∠i, ∠e तथा ∠A तथा ∠D को नाप लीजिए। हम देखते हैं कि ∠i + ∠e = ∠A + ∠D.
इसी प्रयोग को तीन बार दुहराएं। प्रत्येक बार ∠i+ ∠e = ∠A + ∠D होगा। र
प्रश्न 23. प्रकाश किन-किन सात रंगों का बना है, सफ़ेद प्रकाश को आप किस प्रकार विभिन्न रंगों में विभाजित करोगे?
उत्तर-प्रकाश सात रंगों का बना है-
बैंगनी, नीला, आसमानी, हरा, पीला, नारंगी, लाल।
श्वेत प्रकाश सात रंगों का मिश्रण है-इसे निम्नलिखित प्रयोगों द्वारा सिद्ध किया जा सकता है-
प्रयोग 1. सूर्य के प्रकाश की किरण को एक रेखा छिद्र S द्वारा प्रिज्म के फलक AB पर फेंको। फलक AC में से निकल कर प्रकाश किरण सात विभिन्न रंगों में विभाजित हो जाती है। रंगों की पट्टी को पर्दे पर या दीवार पर प्राप्त किया जा सकता है। सात रंगों का क्रम इस प्रकार होता है। बैंगनी (Violet), नीला (Indigo), आसमानी (Blue), हरा (Green), पीला (Yellow), नारंगी (Orange) तथा लाल (Red)। लाल रंग सबसे कम तथा बैंगनी रंग सबसे अधिक विचलित होता है क्योंकि प्रत्येक रंग का प्रकाश अपवर्तनांक अलग-अलग होता है। इस क्रम को अंग्रेजी के शब्द VIBGYOR तथा हिंदी में बैंनी आह पीना ला द्वारा याद रख सकते हैं।
प्रश्न 24. न्यूटन ने किस आधार पर सिद्ध किया था कि कोई भी प्रकाश जो सूर्य के प्रकाश के सदृश स्पेक्ट्रम बनाता है वह श्वेत प्रकाश कहलाता है?
उत्तर-न्यूटन ने कांच की प्रिज्म से सूर्य का स्पेक्ट्रम प्राप्त किया था। उन्होंने एक और प्रिज्म का प्रयोग कर के स्पेक्ट्रम के वर्गों को और अधिक विभक्त करने का प्रयत्न किया था पर उन्हें और अधिक वर्ण नहीं मिले थे। जब उन्होंने दूसरा सर्व सम प्रिज्म पहले प्रिज्म के सापेक्ष उल्टी स्थिति में रखा तो स्पेक्ट्रम के सभी वर्ण दूसरे प्रिज्म से होकर गुज़रे। तब दूसरे प्रिज्म से श्वेत प्रकाश का पुंज निर्गत हुआ।
इससे सिद्ध हुआ कि कोई भी प्रकाश जो सूर्य के प्रकाश के समान स्पेक्ट्रम बनाता है वह श्वेत प्रकाश कहलाता है।
प्रश्न 25. वर्षा के बाद आकाश में इंद्रधनुष क्यों और कैसे बनता है? चित्र सहित स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-इंद्रधनुष वर्षा के बाद कभी-कभी दिखाई देने वाला सुंदर दृश्य है जो आकाश में अपने रंगों की अद्भुत छटा बिखरा देता है। यह प्राकृतिक स्पेक्ट्रम है जो वर्षा के पश्चात् आकाश में जल के सूक्ष्म कणों में दिखाई देता है। यह वायुमंडल में उपस्थित जल की छोटी-छोटी बूंदों द्वारा सूर्य के प्रकाश के परिक्षेपण के कारण प्राप्त होता है। इंद्र धनुष हमेशा सूर्य के विपरीत दिशा में बनता है। जल की सूक्ष्म बूंदें छोटे प्रिज़्मों की तरह कार्य करती है। सूर्य के आपतित प्रकाश को ये बूंदें अपवर्तित तथा विक्षेपित करती है और फिर इसे आंतरिक परावर्तित करती हैं। जल की बूंद से बाहर निकलते समय प्रकाश को पुनः अपवर्तित करती है। प्रकाश के परिक्षेपण तथा आंतरिक परावर्तन के कारण विभिन्न वर्ण प्रेक्षक के नेत्रों तक पहुँचते हैं। इसी को इंद्रधनुष कहते हैं।
प्रश्न 26. भट्टी की आग या किसी ऊष्मीय विकिरक के ऊपर गर्म वायु के विक्षुब्ध प्रवाह में झिलमिलाहट क्यों दिखाई देती है?
उत्तर-भट्टी की आग या किसी ऊष्मीय विकिरक के तुंरत ऊपर की वायु अपने ऊपर की वायु से गर्म होती है। गर्म वायु हल्की होती है तो ठंडी वायु भारी। गर्म वायु का अपवर्तनांक ठंडी वायु की अपेक्षा कुछ कम होता है। वायु की भौतिक अवस्थाएं स्थिर नहीं हैं इसलिए गर्म वायु में से होकर देखने पर वस्तु की आभासी स्थिति बदलती रहती है। यह अस्थिरता प्रकाश के अपवर्तन का एक प्रभाव है।
प्रश्न 27. सूर्योदय और सूर्यास्त के समय सूर्य की चक्रिका चपटी क्यों प्रतीत होती है?
उत्तर-वायुमंडलीय अपवर्तन के कारण सूर्य हमें वास्तविक सूर्योदय से लगभग 2 मिनट पहले दिखाई देने लगता है तथा वास्तविक सूर्यास्त के लगभग 2 मिनट बाद तक दिखाई देता रहता है। वास्तविक सूर्योदय से अर्थ है-सूर्य द्वारा वास्तव में क्षितिज को पार करना। सूर्य की क्षितिज के सापेक्ष वास्तविक तथा आभासी स्थितियाँ चित्र में दर्शायी गयी है। वास्तविक सूर्यास्त और आभासी सूर्यास्त के बीच समय का अंतर लगभग 2 मिनट है। इसी परिघटना के कारण ही सूर्योदय तथा सूर्यास्त के समय सूर्य की चक्रिका चपटी प्रतीत होती है।
प्रश्न 28. टिंडल प्रभाव क्या है? इस प्रभाव के तीन उदाहरण दीजिए।
उत्तर-पृथ्वी के चारों ओर वायुमंडल है जिसमें धूल-कण, जलवाष्प आदि उपस्थित हैं। सूक्ष्मकणों का एक विषमांगी मिश्रण है। जब प्रकाश का किरण पुंज ऐसे सूक्ष्म कणों से टकराता है, तो उस किरण पुंज का मार्ग दिखाई देन लगता है। इन कणों से विसरित प्रकाश परावर्तित होकर हमारे पास तक पहुंचता है। कोलॉइडी कणों द्वारा प्रकाश के प्रकीर्णन को टिंडल प्रभाव कहते हैं।
उदाहरण-(i) धूल या धुएं से भरे कमरे में किसी छिद्र से प्रवेश करने वाले प्रकाश पुंज में कणों को उड़ते हुए देखना।
(ii) घने जंगलों के वितान (Canopy) से सूर्य की किरणों का गुजरना।
(iii) जंगल के कुहासे में जल की सूक्ष्म बूंदों द्वारा प्रकाश का प्रकीर्णन।
प्रश्न 29. प्रकीर्णित प्रकाश का वर्ण किसके कणों पर किस प्रकार निर्भर करता है? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-प्रकीर्णित प्रकाश का वर्ण, प्रकीर्णन करने वाले कणों के आकार पर निर्भर करता है। बहुत ही सूक्ष्म कण मुख्य रूप से नीले प्रकाश को प्रकीर्ण करते हैं। बड़े आकार के कण अधिक तरंगदैर्ध्य के प्रकाश को प्रकीर्ण करते हैं। यदि प्रकीर्णन करने वाले कणों का आकार बहुत अधिक है, तो उस अवस्था में प्रकीर्णित प्रकाश श्वेत प्रतीत हो सकता है।
प्रश्न 30. साफ़ आकाश का रंग नीला प्रतीत होता है। क्यों?
उत्तर-वायुमंडल में वायु के कण बहुत छोटे आकार के होते हैं। वे दृश्य प्रकाश की तरंग दैर्ध्य की अपेक्षा नीले रंग की तरफ के कम तरंग दैर्ध्य के प्रकाश को प्रकीर्णित करते हैं जिस कारण साफ़ आकाश का रंग नीला प्रतीत होता है।
अति लघु उत्तरात्मक प्रश्न
(Very Short Answer Type Questions)
प्रश्न 1. लैंस से गुजरने वाली प्रकाश की किरणें क्या करती हैं?
उत्तर-प्रकाश का अपवर्तन।
प्रश्न 2. मानव नेत्र किसका उपयोग कर वस्तुओं को देखने में हमें समर्थ बनाता है?
उत्तर-प्रकाश का उपयोग।
प्रश्न 3. हमारी ज्ञानेंद्रियों में सबसे सुग्राही अंग कौन-सा है?
उत्तर-नेत्र।
प्रश्न 4. मानव नेत्र की तुलना किससे की जाती है?
उत्तर-कैमरे से।
प्रश्न 5. आँख में कॉर्निया क्या है?
उत्तर-कॉर्निया एक पतली पारदर्शी झिल्ली है जो नेत्र गोलक के अग्र पृष्ठ पर एक पारदर्शी उभार बनाती है। प्रश्न 6. नेत्र गोलक की आकृति कैसी होती है?
उत्तर-लगभग गोलाकार।
प्रश्न 7. नेत्र गोलक का व्यास कितना होता है?
उत्तर-लगभग 2.3 cm.
प्रश्न 8. नेत्र में प्रवेश करने वाली प्रकाश किरणों का अधिकतर अपवर्तन कहां होता है?
उत्तर-कॉर्निया के बाहरी पृष्ठ पर।
प्रश्न 9. क्रिस्टलीय लैंस क्या करता है?
उत्तर-विभिन्न दूरियों पर रखी वस्तुओं को रेटिना पर फोकसित करने के लिए आवश्यक दूरी में सूक्ष्म समायोजन करता है।
प्रश्न 10. परितारिका कहाँ होती है?
उत्तर-कॉर्निया के पीछे।
प्रश्न 11. परितारिका क्या कार्य करती है?
उत्तर-परितारिका गहरा पेशीय डायाफ्राम होता है जो पुतली के आकार को नियंत्रित करता है।
प्रश्न 12. पुतली क्या करती है?
उत्तर-पुतली नेत्र में प्रवेश करने वाले प्रकाश की मात्रा को नियंत्रित करती है।
प्रश्न 13. रेटिना पर वस्तु का प्रतिबिंब कैसा बनता है?
उत्तर-उल्टा और वास्तविक।
प्रश्न 14. रेटिना पर प्रकाश सुग्राही कोशिकाएँ क्या उत्पन्न करती हैं?
उत्तर-विद्युत् सिग्नल उत्पन्न करती हैं।
प्रश्न 15. अभिनेत्र लैंस की वक्रता को किसके द्वारा रूपांतरित किया जाता है?
उत्तर-पक्ष्माभी पेशियों द्वारा।
प्रश्न 16. लैंस की वक्रता में परिवर्तन से किसमें परिवर्तन हो जाता है?
उत्तर-फोकस दूरी में।
प्रश्न 17. अभिनेत्र लैंस कब पतला हो जाता है?
उत्तर-जब पेशियां शिथिल हो जाती हैं।
प्रश्न 18. समंजन क्या है?
उत्तर-अभिनेत्र लैंस की वह क्षमता जिसके कारण वह अपनी फोकस दूरी को समायोजित कर लेता है उसे समंजन कहते हैं।
प्रश्न 19. नेत्र का निकट बिंदु किसे कहते हैं? (H.P. 2013, Set-C)
उत्तर-वह न्यूनतम दूरी जिस पर रखी वस्तु बिना किसी तनाव के अत्यधिक स्पष्ट देखी जा सकती है उसे नेत्र का निकट बिंदु कहते हैं। किसी सामान्य दृष्टि के लिए यह दूरी लगभग 25 cm होती है।
प्रश्न 20. नेत्र का दूर बिंदु किसे कहते हैं?
उत्तर-वह दूरतम बिंदु जिस तक कोई नेत्र, वस्तुओं को सुस्पष्ट देख सकता है उसे नेत्र का दूर बिंदु कहते हैं।
प्रश्न 21. सामान्य नेत्र के लिए दूर बिंदु कहाँ होता है?
उत्तर-सामान्य नेत्र के लिए दूर बिंदु अनंत दूरी पर होता है।
प्रश्न 22. मोतिया बिंद क्या है?
उत्तर-कई बार आयु बढ़ने के साथ कुछ लोगों में नेत्र का क्रिस्टलीय लैंस दूधिया तथा धुंधला हो जाता है जिस कारण दृष्टि में कमी या पूर्ण रूप से दृष्टिक्षय हो जाता है। इसे मोतिया बिंद कहते हैं।
प्रश्न 23. मोतिया बिंद का उपचार क्या है?
उत्तर-मोतिया बिंद का उपचार शल्य चिकित्सा है।
प्रश्न 24. एक नेत्र का क्षैतिज दृष्टिक्षेत्र लगभग कितना होता है?
उत्तर-लगभग 150°.
प्रश्न 25. दोनों नेत्रों का एक साथ क्षैतिज दृष्टिक्षेत्र लगभग कितना होता है?
उत्तर-लगभग 180°.
प्रश्न 26. शिकार करने वाले जंतुओं के नेत्र विपरीत दिशाओं में स्थित क्यों होते हैं?
उत्तर-अधिकतम विस्तृत दृष्टि-क्षेत्र प्रदान कराने के लिए।
प्रश्न 27. मानव में दोनों नेत्र सिर पर सामने की ओर स्थित होने का नुकसान है? इसका लाभ क्या है? उत्तर-इससे दृष्टि क्षेत्र कम हो जाता है लेकिन इनसे हमें त्रिविय-चाक्षुकी का लाभ मिल जाता है।
प्रश्न 28. आँखों की सुग्राहिता से क्या अर्थ है?
उत्तर-आँखों की सुग्राहिता का संबंध रंगों से है। आँखें किसी रंग के लिए अधिक सुग्राही होती हैं और किसी के लिए कम।
प्रश्न 29. आँखें किस रंग के लिए अधिक सुग्राही होती हैं?
उत्तर-आँखें हरे रंग के लिए अधिक सुग्राही होती हैं।
प्रश्न 30. हमारी कौन-सी ज्ञानेंद्री देखने का काम करती है?
उत्तर-आँख।
प्रश्न 31. नेत्र गोलक के सफ़ेद अपारदर्शक भाग को क्या कहते हैं?
उत्तर-दृष्टि पटल (Sclerotic)।
प्रश्न 32. पुतली (Iris) किसे कहते हैं?
उत्तर-आँख के बीच के छिद्र को पुतली (Iris) कहते हैं।
प्रश्न 33. आँख के भीतर किस प्रकार का लैंस लगा होता है?
उत्तर-उभयोत्तल लैंस।
प्रश्न 34. मानव नेत्र के किस भाग पर वस्तु का प्रतिबिंब बनता है? (H.P. 2009, Set-A)
उत्तर-आँख में बिंब दृष्टि पटल (रेटिना) पर बनता है।
प्रश्न 35. आँख में किसी बिंदु पर प्रकाश पड़ने से कोई संवेदना उत्पन्न नहीं होती।
उत्तर-आँख में अंध बिंदु पर प्रकाश पड़ने से कोई संवेदना उत्पन्न नहीं होती।
प्रश्न 36. आँख में सबसे अधिक दर्शन शक्ति किस बिंदु पर होती है?
उत्तर-आँख में सबसे अधिक दर्शन-शक्ति पीत बिंदु पर होती है।
प्रश्न 37. दृष्टि संवेदना की ज्ञानेंद्री कौन-सी है?
उत्तर-दृष्टि संवेदना की ज्ञानेंद्री आँख है।
प्रश्न 38. दृष्टि-पटल पर बना प्रतिबिंब किस के द्वारा हमारे मस्तिष्क तक पहुँच जाता है?
उत्तर-दृष्टि पटल पर बना प्रतिबिंब दृष्टि तंत्रिका द्वारा मस्तिष्क तक पहुँच जाता है।
प्रश्न 39. दृष्टि-पटल पर बनने वाला उल्टा प्रतिबिंब सीधा किस प्रकार होता है?
उत्तर-मस्तिष्क में स्थित दृष्टि क्षेत्र की कोशिकाएं, दृष्टि-पटल पर पड़ने वाले प्रतिबिंब को सीधा करती हैं तथा उसका विश्लेषण करके उसके प्रतिबिंब को सीधा करती हैं।
प्रश्न 40. आँख के मुख्य दोषों के नाम लिखो। (H.P. 2009, Set-C)
उत्तर-आँख के मुख्य चार दोष हैं-
(1) निकट दृष्टि दोष (2) दूर दृष्टि दोष (3) प्रेस्बायोपिया (4) एस्टेग्माटिज़्म।
प्रश्न 41. निकट दृष्टि दोष में क्या होता है? (H.P. 2014, Set-B)
उत्तर-निकट दृष्टि रोग में समीप की वस्तुएं स्पष्ट दिखाई देती हैं, दूर की नहीं।
प्रश्न 42. निकट दृष्टि दोष का क्या कारण है?
उत्तर-निकट दृष्टि दोष, नेत्र गोलक के आगे से पीछे तक काफ़ी लंबा हो जाने के कारण होता है।
प्रश्न 43. निकट दृष्टि दोष से छुटकारा पाने के लिए कौन-सा लैंस प्रयोग में लाया जाता है?
(H.P. 2012, Set-B, 2015)
उत्तर-अवतल लैंस द्वारा निकट दृष्टि दोष से छुटकारा पाया जाता है।
प्रश्न 44. दूर दृष्टि दोष में क्या होता है?
उत्तर-दूर दृष्टि में दूर की वस्तुएं स्पष्ट दिखाई देती हैं, समीप की नहीं।
प्रश्न 45. दूर दृष्टि दोष का क्या कारण है?
उत्तर-यह दोष नेत्र गोलक के छोटा होने या समीप की वस्तुएं देखते समय लैंस की आकृति बदलने के कारण होता है।
प्रश्न 46. दूर दृष्टि दोष से छुटकारा पाने के लिए कौन-सा लैंस उपयोग में लाया जाता है?
(H.P. 2015)
उत्तर-उत्तल लैंस द्वारा दूर दृष्टि दोष से छुटकारा पाया जाता है।
प्रश्न 47. निकट दृष्टि रोग से छुटकारा पाने के लिए किस प्रकार के लैंस का प्रयोग किया जाता है?
उत्तर-उचित शक्ति के अवतल लैंस का।
प्रश्न 48. आँख के ठीक सामने उभरा हुआ भाग किस प्रकार का होता है?
उत्तर-पारदर्शक।
प्रश्न 49. नेत्र गोलक का लगभग आकार कैसा होता है?
उत्तर-नेत्र गोलक गोलाकार होता है जिसका व्यास लगभग 2.3 सेमी० होता है।
प्रश्न 50. आँख में होने वाले अपरिवर्तन का मुख्य भाग कौन-सा होता है?
उत्तर-कॉर्निया और एक्वस ह्यूमर।
प्रश्न 51. आँख का लैंस क्या कार्य करता है?
उत्तर-अपवर्तित किरणों को रेटिना पर पड़ने से पहले फोकस दूरी निर्धारित करता है।
प्रश्न 52. आइरिस का आँख में क्या काम है?
उत्तर-आइरिस पुतली के आकार को नियंत्रित करता है।
प्रश्न 53. बहुत तेज़ प्रकाश में पुतली क्या करती है?
उत्तर-बहुत तेज़ प्रकाश में पुतली सिकुड़ जाती है।
प्रश्न 54. कम प्रकाश में पुतली पर क्या प्रभाव पड़ता है?
उत्तर-पुतली फैल जाती है।
प्रश्न 55. रेटिना पर बिंब कैसा बनता है?
उत्तर-रेटिना पर उल्टा, छोटा और वास्तविक बिंब बनता है।
प्रश्न 56. रेटिना किस प्रकार का होता है?
उत्तर-रेटिना पतली झिल्ली के समान होता है जिसमें असंख्य प्रकाश संवेदी कोशिकाएं होती हैं।
प्रश्न 57. प्रकाश संवेदी कोशिकाएं दृष्टि संवेदना को मस्तिष्क के पास किस रूप में भेजती हैं?
उत्तर-विद्युत संकेतों के रूप में दृष्टि तंत्रिका के माध्यम से।
प्रश्न 58. आँख का लैंस किससे बना होता है?
उत्तर-आँख का लैंस तंतुओं के जैली जैसे पदार्थ से बना होता है।
प्रश्न 59. फोकस दूरी को किस प्रकार बदला जा सकता है?
उत्तर-वक्रता के परिवर्तन के द्वारा।
प्रश्न 60. विश्राम अवस्था में आँख के लैंस की फोकस दूरी कितनी होती है?
उत्तर-25 सेमी।
प्रश्न 61. तेज़ प्रकाश में आँख का लैंस फोकस दूरी को क्या करता है?
उत्तर-कम करता है ताकि बिंब रेटिना पर ठीक बन सके।
प्रश्न 62. आँख के बहुत निकट की वस्तु साफ़ दिखाई क्यों नहीं देती?
उत्तर-आँख के लैंस की फोकस दूरी एक निश्चित सीमा से नीचे व्यवस्थित नहीं की जा सकती।
प्रश्न 63. पढ़ने के लिए पुस्तक को आँख से लगभग कितनी दूर रखना चाहिए?
उत्तर-लगभग 25 सेमी० दूर।
प्रश्न 64. सामान्य दृष्टि को किस प्रतीक के द्वारा चिह्नित किया जाता है और यह कितनी ली जाती है?
उत्तर-चिह्न = D; इसे 25 सेमी० लिया जाता है।
प्रश्न 65. किसी व्यक्ति की 60 वर्ष की आयु में दृष्टि का निकट बिंदु कितना माना जाता है?
उत्तर-लगभग 200 सेमी।
प्रश्न 66. रेटिना पर कोई बिंब कब तक बना रहता है?
उत्तर-एक सैकिंड के सोलहवें भाग तक।
प्रश्न 67. सिनेमा देखते समय हमारी आँख के सामने से बिंब किस वेग से गुज़र जाते हैं?
उत्तर-एक सैकिंड में 24 या इससे अधिक।
प्रश्न 68. हमारे रेटिना पर प्रकाश संवेदी कोशिकाएं किस प्रकार की होती हैं?
उत्तर-डंड और शंकु आकार की (Rods and Cones)।
प्रश्न 69. डंड आकार की कोशिकाएं क्या करती हैं?
उत्तर-वे प्रकाश कम या अधिक होने की अवस्था में दीप्ति का प्रत्युत्तर देती हैं।
प्रश्न 70. रंगों की संवेदना रेटिना पर कौन प्रदान करता है?
उत्तर-शंकु (Cones)।
प्रश्न 71. कोण किन रंगों के लिए अधिक संवेदनशील होते हैं?
उत्तर-लाल, हरे और नीले रंगों के लिए।
प्रश्न 72. जो लोग रंगों की पहचान ठीक प्रकार से नहीं कर पाते, उनके रोग का नाम लिखिए।
उत्तर-रंगांधता (Colour blindness)।
प्रश्न 73. वाहन चलाने का लाइसेंस किस प्रकार के नेत्र-रोगी को नहीं दिया जाता?
उत्तर-रंगांधता के रोगी को।
प्रश्न 74. पराबैंगनी किरणों की उपस्थिति में हम क्यों नहीं देख पाते?
उत्तर-हमारे रेटिना के शंकु (Cones) इनके प्रति संवेदनशील नहीं हैं।
प्रश्न 75. कौन-सा प्राणी पराबैंगनी किरणों की उपस्थिति में भी देख सकता है?
उत्तर-शहद की मक्खियां (Bees)।
प्रश्न 76. चूज़े सूर्य निकलते ही जाग जाते हैं और सूर्य डूबते ही सो जाते हैं। क्यों?
उत्तर-उनके रेटिना पर बहुत कम डंड (Rods) होते हैं और शंकु (Cones) अधिक होते हैं। शंकु केवल तेज़ प्रकाश के प्रति संवेदनशील होते हैं इसलिए वे सूर्य निकलने के साथ उठ जाते हैं और सूर्य डूबने के साथ सो जाते हैं।
प्रश्न 77. वृद्धावस्था में कुछ लोगों को मोतियाबिंद क्यों हो जाता है?
उत्तर-उनकी आँख के लैंस पर पारभासक या अपादर्शक झिल्ली जम जाती है।
प्रश्न 78. प्रेस बायोपिया किस कारण होता है?
उत्तर-आयु में वृद्धि के साथ यह सिलियरी मांसपेशियों में धीरे-धीरे कमज़ोरी आने से होता है।
- निकट दृष्टि और दूर दृष्टि रोगों के एक साथ होने के कारण किस प्रकार के चश्मे की आवश्यकता होती है?
उत्तर-द्विफोकल (Bifocal)।
प्रश्न 80. किसी बाइफोकल चश्मे में ऊपर और नीचे कौन-कौन से लैंस लगाए जाते हैं?
उत्तर-ऊपर की तरफ अवतल और नीचे उत्तल लैंस लगाए जाते हैं।
प्रश्न 81. एस्टग्माटिज़्म (Astigmatism) का रोगी क्या अनुभव करता है?
उत्तर-एस्टग्माटिज्म का रोगी एक साथ सीधा और ऊपर-नीचे अपनी आँखों को केंद्रित नहीं कर पाता।
प्रश्न 82. एस्टग्माटिज्म के रोगी को किस प्रकार के लैंस से युक्त चश्मा लगाना पड़ता है?
उत्तर-सिलंडरीकल लैंस।
प्रश्न 83. एस्टग्माटिज़म किसकी अनियमता से होता है?
उत्तर-कॉर्निया की अनियमता से।
प्रश्न 84. आजकल चश्मे की जगह नेत्र दोषों को किस प्रकार सुधारा जा सकता है?
उत्तर-कांटेक्स लैंसों के प्रयोग या लेज़र चिकित्सा के द्वारा।
प्रश्न 85. विकासशील देशों में लगभग कितने व्यक्ति दष्टिहीन हैं?
उत्तर-लगभग 3.5 करोड़।
प्रश्न 86. कार्निया-अंधता से पीड़ित व्यक्तियों की संख्या लगभग कितनी है?
उत्तर-लगभग 45 लाख।
प्रश्न 87. मृत्यु के बाद आँख का कौन-सा हिस्सा दान किया जा सकता है? (H.P. 2011, Set-C)
उत्तर-कॉर्निया।
प्रश्न 88. कॉर्निया अंधता से पीड़ित लोगों में 12 वर्ष से कम आयु के बच्चे कितने हैं?
उत्तर-लगभग 60%.
प्रश्न 89. नेत्र दान मृत्यु के कितने घंटे के भीतर हो जाना चाहिए?
उत्तर-4 से 6 घंटों के भीतर।
प्रश्न 90. नेत्र दान के लिए कहाँ सूचित किया जाना चाहिए?
उत्तर-नेत्र बैंक को।
प्रश्न 91. नेत्रदान में कितना समय लगता है?
उत्तर-10 से 15 मिनट।
प्रश्न 92. कौन लोग नेत्र दान नहीं कर सकते? (H.P. Model Q. Paper 2009)
उत्तर-एड्स, हेपेटाइटिस B या C, जल भित्ति तीव्र ल्यूकीमिया, मस्तिष्क शोध के संक्रमण से पीड़ित लोग नेत्र दान नहीं कर सकते।
प्रश्न 93. क्या मधुमेह, उच्च रक्त चाप, दमा से पीड़ित रोगी तथा चश्मा लगाने वाले लोग नेत्र दान कर सकते हैं?
उत्तर-हाँ, वे नेत्र दान कर सकते हैं।
प्रश्न 94. नेत्र दान करने वाले की आयु और लिंग में क्या विशेषता होनी चाहिए?
उत्तर-किसी भी आयु, वर्ग या लिंग का व्यक्ति नेत्र दान कर सकता है।
प्रश्न 95. प्रिज्म में कितने आधार और पृष्ठ होते हैं?
उत्तर-प्रिज्म में दो त्रिभुजाकार आधार और तीन आयातार पार्श्व-पृष्ठ होते हैं।
प्रश्न 96. प्रिज्म कोण किसे कहते हैं?
उत्तर-प्रिज्म के दो पार्श्व फलकों के बीच के कोण को प्रिज्म कोण कहते हैं।
प्रश्न 97. विचलन कोण किसे कहते हैं?
उत्तर-प्रिज्म की विशेष आकृति के कारण निर्गत किरण, आपतित किरण की दिशा से एक कोण बनाती है जिसे विचलन कोण कहते हैं।
प्रश्न 98. श्वेत प्रकाश के विभिन्न वर्गों का क्रम लिखिए। (H.P. 2012, Set-C)
उत्तर-बैंगनी (Violet), जामुनी (Indigo), नीला (Blue), हरा (Green), पीला (Yellow), नारंगी (Orange), लाल (Red)।
प्रश्न 99 श्वेत प्रकाश के लिए परिवर्णी शब्द कौन-सा है?
उत्तर-VIBGYOR.
प्रश्न 100. कौन-सा प्रकाश सबसे कम कोण पर झुकता है?
उत्तर-लाल प्रकाश।
प्रश्न 101. कौन-सा प्रकाश सबसे अधिक कोण पर झुकता है?
उत्तर-बैंगनी।
प्रश्न 102. सबसे पहले सूर्य का स्पेक्ट्रम प्राप्त करने के लिए काँच के प्रिज्म का प्रयोग किसने किया था? उत्तर-आइज़क न्यूटन।
प्रश्न 103. श्वेत प्रकाश किसे कहते हैं?
उत्तर-कोई भी प्रकाश जो सूर्य के प्रकाश के समान स्पेक्ट्रम बनाता है उसे श्वेत प्रकाश कहते हैं।
प्रश्न 104.इंद्रधनुष आकाश में किस दिशा में दिखाई देता है?
उत्तर-सूर्य के विपरीत दिशा में।
प्रश्न 105. इंद्रधनुष किस कारण प्राप्त होता है?
उत्तर-वायुमंडल में उपस्थित जल की सूक्ष्म बूंदों द्वारा सूर्य के प्रकाश के परिक्षेपन के कारण।
प्रश्न 106. आग या भट्टी या किसी ऊष्मीय विकिरक के ऊपर गर्म वायु के विक्षुब्ध प्रवाह में झिलामिलाहट किस कारण दिखाई देती है?
उत्तर-अपवर्तक माध्यम (वायु) की भौतिक अवस्था के स्थिर न होने के कारण।
प्रश्न 107. वायुमंडलीय अपवर्तन के कारण सूर्य वास्तविक सूर्योदय से कितने कितने मिनट बाद दिखाई देता है?
उत्तर-लगभग 2 मिनट बाद।
प्रश्न 108. वास्तविक सूर्यास्त के कितने मिनट बाद सूर्य कितनी देर तक दिखाई देता है?
उत्तर-लगभग 2 मिनट तक।
प्रश्न 109. सूर्योदय और सूर्यास्त के समय सूर्य की चक्रिका कैसी प्रतीत होती है?
उत्तर-चपटी।
प्रश्न 110. जंगल के कुहासे में जल की सूक्ष्म बूंदें प्रकाश का प्रकीर्णन किस कारण करती हैं?
उत्तर-टिंडल प्रभाव के कारण।
प्रश्न 111. आकाश का नीला रंग, गहरे समुद्र का रंग, सूर्यास्त और सूर्योदय के समय सूर्य का लाल रंग किस कारण दिखाई देता है?
उत्तर- प्रकाश तथा हमारे चारों और वस्तुओं के बीच अन्योन्य क्रिया के कारण।
प्रश्न 112. यदि पृथ्वी के चारों ओर वायुमंडल न होता तो आकाश किस रंग का दिखाई देता?
उत्तर-प्रकीर्णन न होने के कारण आकाश काला प्रतीत होता।
प्रश्न 113. खतरे का संकेत लाल रंग का क्यों होता है?
उत्तर-लाल रंग सबसे कम प्रकीर्ण होता है इसलिए वह दूर से देखने पर भी लाल रंग का ही दिखाई देता है।
प्रश्न 114. दोपहर के समय सूर्य श्वेत प्रतीत क्यों होता है?
उत्तर-क्योंकि दोपहर के समय नीला और बैंगनी वर्ण या बहुत थोड़ा भाग ही प्रकीर्ण हो पाता है।
प्रश्न 115. सूर्योदय और सूर्यास्त के समय सूर्य रक्ताभ प्रतीत क्यों होता है?
उत्तर-प्रकाश की अधिक तरंग दैर्ध्य के कारण।
प्रश्न 116. सूर्य के प्रकाश का स्पेक्ट्रम प्राप्त करने के लिए कांच की प्रिज्म का सर्वप्रथम उपयोग किस वैज्ञानिक ने किया था? (H.P. Model Q. Paper 2009)
उत्तर-न्यूटन।
प्रश्न 117. दूर की चीजें देखने के लिए किस यंत्र का उपयोग किया जाता है?
उत्तर-दूरदर्शी।
प्रश्न 118. लैंस की क्षमता का SI मात्रक क्या है? (H.P. 2013 Set-A)
उत्तर-डाइऑप्टर।
प्रश्न 119. मानव आँख में वस्तु का प्रतिबिंब कहाँ और कैसा बनता है? (H.P. 2014 Set-C, 2015)
उत्तर-रेटिना पर, उल्टा और वास्तविक।
बहु-विकल्पी प्रश्नोत्तर
(Multiple Choice Questions)
- हमारी ज्ञानेंद्रियों के सबसे सुग्राही अंग कौन-सा है?
(A) कान (B) नेत्र
(C) नाक (D) उपरोक्त सभी।
- नेत्र गोलक का व्यास कितना होता है?
(A) लगभग 2.0cm (B) लगभग 2.3cm
(C) लगभग 4.0cm (D) लगभग 4.3cm.
- एक नेत्र का क्षैतिज दृष्टिक्षेत्र लगभग कितना होता है–
(A) 180° (B) 120°
(C) 150° (D) 200°.
- आँख किस रंग के लिए अधिक सग्राही होती है?
(A) लाल (B) गुलाबी
(C) हरा D) पीला।
- नेत्र गोलक के सफ़ेद अपारदर्शक भाग को क्या कहते हैं?
(A) पुतली (B) दृष्टिपटल
(C) नेत्र गोलक (D) उपरोक्त कोई नहीं।
- विश्राम अवस्था में आँख के लैंस की फोकस दूरी कितनी होती है?
(A) 25 mm (B) 25 cm
(C) 25 m (D) 25 km.
- नेत्र दान मृत्यु के कितने घंटे के भीतर हो जाना चाहिए?
(A) 2-3 घंटों में (B) 4-6 घंटों में काम
(C) 6-10 घटों में (D) 1 घंटे में
- खतरे का संकेत किस रंग का होता है?
(A) काला (B) लाल
(C) पीला (D) हरा।
- श्वेत प्रकाश के लिए परिवर्ती शब्द कौन-सा है?
(A) VIBGYOR (B) ROYVIBG
(C) YORGBIV (D) YORVIBG.
- कौन-सा प्रकाश सबसे कम कोण पर झुकता है?
(A) बैंगनी प्रकाश (B) हरा प्रकाश
(C) पीला प्रकाश (D) लाल प्रकाश।
- मोतिया बिंद का उपचार क्या है?
(A) चश्मा (B) संस्पर्श लैंस
(C) शल्य चिकित्सा (D) उपरोक्त सभी।
- परितारिका किसके पीछे स्थित है?
(A) पुतली (B) रेटिना
(C) कॉर्निया (D) नेत्र गोलक।
- दोपहर के समय सूर्य सफ़ेद दिखाई देता है क्योंकि–
(A) प्रकाश सबसे कम प्रकिर्णित होता है
(B) प्रकाश के सभी वर्ण प्रकिर्णित हो जाते हैं
(C) नीला रंग सबसे अधिक प्रकिर्णित होता है
(D) लाल रंग सबसे अधिक प्रर्किर्णित होता है।
- ऊँची इमारतों पर खतरे के संकेत लाल रंग के लगाए जाते हैं। यह रंग अन्य सभी रंगों की अपेक्षा दूरी से अपेक्षाकृत सरलता से देखा जा सकता है क्योंकि यह–
(A) धुएँ या धुंध से सबसे अधिक फैलता है।
(B) धुएँ या धुंध से न्यूनतम फैलता है
(C) धुएं या धुंध से सबसे अधिक अवशोषित होता है
(D) वायु में अधिकतम तेज़ गति करता है।
- गहरे समुद्र के जल के नीले रंग का कारण है–
(A) जल में शैवाल तथा अन्य पौधों के कारण
(B) जल में आकाश की परछाई के कारण
(C) प्रकाश के विक्षेपण के कारण
(D) समुद्र के द्वारा प्रकाश के अवशोषण के कारण।
- निम्नलिखित में रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए–
(i) कोलॉइडी कणों द्वारा प्रकाश के प्रकीर्णन को …………. प्रभाव कहते हैं।
(ii) रेटिना पर बड़ी संख्या में ……….. और ………. होते हैं।
(iii) कार्निया के पीछे …………… होती है जो पुतली के आकार को नियंत्रित करती है।
(iv) प्रेस्बायोपिया रोग …………… से संबंधित है।
(v) आँख के द्वारा अपने लैंस की फोकस दूरी को अपने-आप में परिवर्तित करने की योग्यता को ……… कहते हैं।
(vi) …………… नेत्र गोलक के अग्र पृष्ठ पर उभार बनाती है।
(vii) विकासशील क्षेत्रों में …………… करोड़ व्यक्ति नेत्रहीन है।
(viii) ……………. रंग कुहरे या धुएं से सबसे कम प्रकीर्ण होता है।
निम्नलिखित में से सही जोड़े बनाइए–
(i) फोटोग्राफिक कैमरा (i) अवतल लैंस
(ii) प्रेस्बायोपिया (ii) दृष्टिपटल
(iii) निकट दृष्टि दोष (iii) सुस्पष्ट दर्शन की अल्पतम दूरी
(iv) श्वेतमंडल (iv) चौरस
(v) वस्तु का प्रतिबिंब (v) शल्यचिकित्सा
(vi) 180° (vi) उभरा हुआ गोल भाग
(vii) 25cm (vii) 10-15 मिनट
(viii) मोतियाबिंद (viii) बाइफोकल चश्मा
(ix) नेत्रदान (ix) दो नेत्रों का क्षैतिज दृष्टि क्षेत्र।
- निम्नलिखित में से सही और ग़लत छाँटिए–
(i) रंगों की संवेदना रेटिना पर शंकु प्रदान करते हैं।
(ii) नेत्रदान में 2 घंटे लगते हैं।
(iii) मधुमेह से पीड़ित लोग भी नेत्रदान कर सकते हैं।
(iv) विश्राम अवस्था में आँख के लैंस की फोकस दूरी 25cm होती है।
(v) कोई भी प्रकाश जो सूर्य के प्रकाश के समान स्पेक्ट्रम बनाता है उसे श्वेत प्रकाश कहते हैं।
(vi) मनुष्य की आँख आयताकार है।
(vii) एस्टेग्माटिज्म से ग्रस्त व्यक्ति एक साथ अपनी दोनों आँखों का फोकस नहीं कर पाता।
(viii) तारों की अपेक्षा ग्रह हमारी पृथ्वी से बहुत दूर है।
उत्तर–
- (B) नेत्र 2. (B) लगभग 2.3cm 3. (C) 150° 4 . (C) हरा
- (B) दृष्टिपटल 6. (B) 25cm 7. (B) 4-6 घंटों में 8. (B) लाल
- (A) VIBGYOR 10. (D) लाल प्रकाश 11. (B) शल्य चिकित्सा 12. (C) कॉर्निया
- (A) प्रकाश सबसे कम प्रकीर्णित होता है 14. (B) धुएं या धुंध से न्यूनतम फैलता है
- (C) प्रकाश के विक्षेपण के कारण
- (i) टिंडल (ii) दंड और शंकु (iii) आइरिस (iv) आयु (v) एकीकरण (vi) कॉर्निया (vii) 3.5 (vii) लाल
- (i)-(iv), (ii)-(viii), (iii)-(i), (iv)-(vi), (v)-(ii), (vi)-(ix), (vii)-(iii), (viii)-(v), (ix)-(vii)
- (i) ü (ii) x (iii) ü (iv) ü (v) ü (vi) x (vii) ü (viii) x.