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विज्ञान विषयः अध्याय-7……… नियंत्रण एवं समन्वय
Last Updated on February 10, 2020 by Sintu Kumar
प्रश्न 1. प्रतिवर्ती क्रिया और टहलने के बीच क्या अंतर है? (H.P. 2015)
उत्तर-प्रतिवर्ती क्रिया मस्तिष्क की इच्छा के बिना होने वाली अनैच्छिक क्रिया है। यह स्वायत्त प्रेरक की प्रत्युत्तर है। यह बहुत स्पष्ट और यांत्रिक प्रकार की है। ये मेरूरज्जू द्वारा नियंत्रित पेशियों द्वारा कराई जाती है जो प्रेरक के प्रत्युत्तर में होती है जबकि ‘टहलना’ एक ऐच्छिक क्रिया है जो मनुष्य सोच-विचार कर ही करता है।
प्रश्न 2. दो तंत्रिका कोशिका (न्यूरॉन) के मध्य अंतर्गंथन (सिनेप्स) में क्या होता है?
(H.P. 2013 Set-B, 2014 Set-B)
उत्तर-प्राणियों के शरीर में दो तंत्रिका कोशिका (न्यूरॉन) एक-दूसरे के साथ जुड़कर श्रृंखला बनाते हैं और सूचना आगे प्रेषित करते हैं। सूचना एक तंत्रिका कोशिका के द्रुमाकृतिक सिरे द्वारा उपार्जित की जाती है और एक रासायनिक क्रिया के द्वारा एक विद्युत आवेग उत्पन्न करती है। यह आवेग द्रुमिका से कोशिकाओं तक पहुँचता है और तंत्रिकाक्ष में होता हुआ इसके अंतिम सिरे तक पहुँच जाता है। तंत्रिकाक्ष के अंत में विद्युत आवेग के द्वारा कुछ रसायनों को उत्पन्न कराया जाता है जो रिक्त स्थान (सिनेप्टिक दरार) को पार कर अपने से अगली तंत्रिका कोशिका की द्रुमिका में इसी प्रकार विद्युत आवेश को आरंभ कराते हैं। यह शरीर में तंत्रिका आवेग की मात्रा की सामान्य योजना है। इसी प्रकार का एक अंतर्ग्रथन (Synapse) ऐसे आवेगों को तंत्रिका कोशिका से अन्य कोशिकाओं या ग्रंथियों तक ले जाता है।
प्रश्न 3. मस्तिष्क का कौन-सा भाग शरीर की स्थिति तथा संतुलन का अनुरक्षण करता है?
(H.P. Model Q. Paper 2009, 2011, Set-A, 2013 Set-C)
उत्तर-अनुमस्तिष्क (cerebellum) शरीर की स्थिति तथा संतुलन का अनुरक्षण करता है। यह प्रमस्तिष्क के पिछले भाग में नीचे की ओर स्थित होता है। यही ऐच्छिक पेशियों की गति को नियंत्रित करता है।
प्रश्न 4. हम एक अगरबत्ती की गंध का पता कैसे लगाते हैं?
उत्तर -हमारी नाक में गंध ग्राही होते हैं। इनके संवेदी न्यरान अगरबत्ती की गंध को ग्रहण हैं और अनुक्रिया को प्रेरकक्षेत्र तक पहुँचाते हैं। अग्र मस्तिष्क (Cerebrum) में ग्राही से संवेदी आवेग प्राप्त करने का क्षेत्र होता है जो सूंघने के लिए विशिष्टीकृत है। वही गंध का निर्णय लेकर अगरबत्ती की सुगंध का हमें अनुभव कराता है।
प्रश्न 5. प्रतिवर्ती क्रिया में मस्तिष्क की क्या भूमिका है? (H.P. 2013 Set-A, 2014 Set-A, 2015 Set-C)
उत्तर-प्रतिवर्ती क्रियाएं मस्तिष्क के द्वारा परिचालित नहीं होतीं। ये मेरूरज्जू के द्वारा नियंत्रित पेशियों की अनैच्छिक क्रियाएं होती हैं जो प्रेरक के प्रत्युत्तर में होती हैं। ये क्रियाएं चाहे मस्तिष्क की इच्छा के बिना होती हैं पर मस्तिष्क तक इसकी सूचना पहुँची है जहाँ सोचने-विचारने की प्रक्रिया होती है।
प्रश्न-
प्रश्न 1. पादप हॉर्मोन क्या हैं? (H.P. Dec. 2008)
उत्तर-वे विभिन्न प्रकार के रासायनिक पदार्थ जो पौधों में वृद्धि और विभेदन संबंधी क्रियाओं पर नियंत्रण करते हैं उन्हें पादप हॉर्मोन करते हैं।
पादप हॉर्मोन अनेक प्रकार के होते हैं, जैसे-ऑक्सिन (Auxins), इथाइलीन (Ethylene), जिब्बेरेलिन (Gibberllins), साइटोकाइनिन (Cytokinins), एबसिसिक अम्ल (Abscisic Acid)।
प्रश्न 2. छुई-मुई की पत्तियों की गति, प्रकाश की ओर प्ररोह की गति से किस प्रकार भिन्न है?
उत्तर-छुई-मुई पौधों पर प्रकाशानुवर्तन गति का प्रभाव पड़ता है। पौधे का प्ररोह बहुत धीमी गति से प्रकाश आने की दिशा में वृद्धि करते हैं लेकिन इसके पत्ते स्पर्श की अनुक्रिया के प्रति बहुत अधिक संवेदनशील हैं। स्पर्श होने की सूचना इसके विभिन्न भागों को बहुत तेजी से प्राप्त हो जाती है। पादप इस सूचना को एक कोशिका से दूसरी कोशिका तक संचारित करने के लिए वैदयुत-रसायन साधन का उपयोग करते हैं। उसमें सूचनाओं के चालन के लिए कोई विशिष्टीकृत ऊतक नहीं होते इसलिए वे जल की मात्रा में परिवर्तन करके अपने पत्तों को सिकुड़ कर उनका आकार बदल लेते हैं।
प्रश्न 3. एक पादप हॉर्मोन का उदाहरण दीजिए जो वृद्धि को बढ़ाता है।
(H.P. 2009, Set-A, 2010 Set-B, 2013 Set-B)
उत्तर-ऑक्सिन एक पादप हॉर्मोन है जो पौधों की वृद्धि को बढ़ाता है।
प्रश्न 4. किसी सहारे के चारों ओर एक प्रतान की वृद्धि में ऑक्सिन किस प्रकार सहायक है?
उत्तर-जब वृद्धि करता पादप प्रकाश को संसूचित करता है तब ऑक्सिन नामक पादप हॉर्मोन प्ररोह के अग्रभाग में संश्लेषित होता है तथा कोशिकाओं की लंबाई में वृद्धि करता है जब पादप पर एक ओर से प्रकाश आ रहा होता है। तब ऑक्सिन विसरित होकर प्ररोह के छाया वाले भाग में जा जाता है। प्ररोह की प्रकाश से दूर वाली दिशा में ऑक्सिन का सांद्रण कोशिकाओं को लंबाई में बढ़ने के लिए उद्दीप्त करता है और वह प्रतान की सहायता से किसी दूसरे पादप या बाड़ के ऊपर चढ़ता है। ये प्रतान स्पर्श के लिए संवेदनशील है। जब ये किसी आधार के संपर्क में आते हैं तो प्रतान का वह भाग तेज़ी से वृद्धि करता है जो वस्तु से दूर रहता है और वह वस्तु को चारों ओर से जकड़ लेता है।
प्रश्न 5. जलानुवर्तन दर्शाने के लिए एक प्रयोग की अभिकल्पना कीजिए। (H.P. 2012 Set-A, 2014 Set-B)
उत्तर-लकड़ी का बना एक लंबा डिब्बा लो। इसमें मिट्टी और खाद का मिश्रण भरो। इसके एक सिरे पर एक पौधा लगाओ। डिब्बे में पौधे की विपरीत दिशा में एक कीप मिट्टी में गाड़ दो। पौधे को उसी कीप के द्वारा प्रतिदिन पानी दो। लगभग एक सप्ताह के बाद पौधे के निकट की मिट्टी हटा कर ध्यान से देखो। पौधे की जड़ों की वृद्धि उसी दिशा में दिखाई देगी जिस दिशा से कीप के द्वारा पौधे की सिंचाई की जाती थी।
प्रश्न–
प्रश्न 1. जंतुओं में रासायनिक समन्वय कैसे होता है?
उत्तर-जंतुओं में अंत:स्रावी ग्रंथियाँ विशेष रसायनों को उत्पन्न करती हैं। वे रसायन या हॉर्मोन जंतुओं को सूचनाएँ संचरित करने के साधन के रूप में प्रयुक्त होते हैं। अधिवृक्क ग्रंथि से स्रावित एड्रीनलीन हॉर्मोन सीधा रुधिर में स्रावित होता है और शरीर के विभिन्न भागों तक पहुँच जाता है। ऊतकों में विशिष्ट गुण होते हैं जो अपने लिए आवश्यक हॉर्मोनों की पहचान कर उनका उपयोग बाहरी या भीतरी स्तर पर करते हैं। विशिष्टीकृत कार्यों को करने वाले अंगों से समन्वय कर वे हॉर्मोन अपना विशिष्ट प्रभाव दिखा देते हैं। प्रश्न 2. आयोडीन युक्त नमक के उपयोग की सलाह क्यों दी जाती है?
(H.P. 2009, Set-A 2013 Set-B, 2015 Set-B)
उत्तर-अवटुग्रंथि को थायरॉक्सिन हॉर्मोन बनाने के लिए आयोडीन आवश्यक होता है। हमारे शरीर में प्रोटीन और वसा के उपापचय को थॉयरॉक्सिन कार्बोहाइड्रेट नियंत्रित करता है। यह वृद्धि के संतुलन के लिए आवश्यक होता है। यदि हमारे भोजन में आयोडीन की कमी रहेगी तो हम गॉयटर से ग्रसित हो सकते हैं। इस बीमारी का लक्षण फूली हुई गर्दन या बाहर की ओर उभरे हुए नेत्र-गोलक हो सकते हैं। इस रोग से बचने तथा आयोडीन की शरीर में कमी दूर करने के लिए आयोडीन युक्त नमक के उपयोग की सलाह दी जाती है।
प्रश्न 3. जब एड्रीनलीन रुधिर में स्रावित होती है तो हमारे शरीर में क्या अनुक्रिया होती है?
उत्तर-एड्रीनलीन को ‘आपात्काल हॉर्मोन’ भी कहते हैं। जब कोई व्यक्ति भय या तनाव की स्थिति में होता है तब शरीर स्वयं एड्रीनलीन हॉर्मोन को बड़ी मात्रा में स्रावित कर देता है ताकि व्यक्ति आपात्काल का सामना कर सके। इससे हृदय की धड़कन बढ़ जाती है ताकि हमारी पेशियों को अधिक ऑक्सीजन की आपूर्ति हो सके। पाचन तंत्र तथा त्वचा में रुधिर की आपूर्ति कम हो जाती है। इन अंगों की चोटी धमनियों के आसपास की पेशी सिकुड़ जाती है। यह रुधिर की दिशा हमारी कंकाल पेशियों की ओर कर देती है। डायाफ्राम तथा पसलियों की पेशी के संकुचन से साँस तेज़ चलने लगती है। ये सभी अनुक्रियाएँ मिलकर जंतु शरीर को स्थिति से निपटने के लिए तैयार करती हैं।
प्रश्न 4. मधुमेह के कुछ रोगियों की चिकित्सा इंसुलिन का इंजेक्शन देकर क्यों की जाती है?
(H.P. 2009, Set B, 2012, Set-A, 2013 Set B, C)
उत्तर-इंसुलिन वह हॉर्मोन है जो अग्नाशय में उत्पन्न होता है। यह रुधिर में शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में सहायता देता है। यदि यह उचित मात्रा में स्रावित नहीं होता तो रुधिर में शर्करा का स्तर बढ़ जाता है जिस कारण शरीर पर अनेक हानिकारक प्रभाव पड़ते हैं। इसीलिए मधुमेह के कुछ रोगियों को चिकित्सक इंसुलिन का इंजेक्शन देते हैं। इससे उनके रुधिर में शर्करा का स्तर नियंत्रित रहता है।
अभ्यास के प्रश्नों के उत्तर प्रश्न
- निम्नलिखित में से कौन-सा पादप हॉर्मोन है?
(अ) इंसुलिन (ब) थायरॉक्सिन
(स) एस्ट्रोजन (द) साइटोकाइनिन। (H.P. 2015)
उत्तर-(द) साइटोकाइनिन।
प्रश्न 2. दो तंत्रिका कोशिका के मध्य खाली स्थान को कहते हैं–
(अ) द्रुमिका (ब) सिनेटिक दरार
(स) एक्जान (द) आवेग।
उत्तर-(ब) सिनेटिक दरार।
प्रश्न 3. मस्तिष्क उत्तरदायी है–
(अ)सोचने के लिए (ब) हृदय स्पंदन के लिए
(स) शरीर का संतुलन बनाने के लिए (द) उपरोक्त सभी। (H.P. 2014 Set)
उत्तर-(द) उपरोक्त सभी।
प्रश्न 4. हमारे शरीर में ग्राही का क्या कार्य है ? ऐसी स्थिति पर विचार कीजिए जहाँ ग्राही उचित प्रकार से कार्य नहीं कर रहे हों। क्या समस्या उत्पन्न हो सकती है?
उत्तर-पर्यावरण में प्रत्येक परिवर्तन की अनुक्रिया से एक समुचित गति उत्पन्न होती है जो हमारे आसपास होने की स्थिति में हमें प्रभावित करती है। हमारे शरीर के ग्राही उन सूचनाओं को इकट्ठा करते हैं और उन्हें केंद्रीय तंत्रिका तंत्र तक भेज देते हैं। तंत्रिका तंत्र में मस्तिष्क और सुष्मुना उचित संदेश शरीर के विभिन्न अंगों और ग्रंथियों को प्रेषित कर देते हैं। यदि ग्राही उचित प्रकार से कार्य न कर रहे हों तो वे पर्यावरण में होने वाले परिवर्तनों को न तो समझ पाएंगे और न ही उनके प्रति ठीक प्रकार से कोई प्रतिक्रिया कर सकेंगे।
प्रश्न 5. एक तंत्रिका कोशिका (न्यूरॉन) की संरचना बनाइए तथा इसके कार्यों का वर्णन कीजिए।
(H.P. Model Q. Paper 2009, 2010 Set-A, 2011, Set-A, 2012, Set-B 2013 Set-B, C)
उत्तर-तंत्रिका कोशिका (न्यूरॉन) संदेशों का संवहन करने वाली मूल इकाई है। यह विशेष रूप से लंबी होती है। इसमें जीव द्रव्य से घिरा हुआ केंद्रक होता है। जीव द्रव्य से डेंड्राइटस नामक अनेक छोटी-छोटी शाखाएँ निकलती है। इन शाखाओं में से एक शाखा अधिक लंबी होती है। इसे एक्सॉन कहते हैं। यह संदेशों को कोशिका से दूर ले जाती है। कोई भी तंत्रिका कोशिका सीधी दूसरी तंत्रिका कोशिका से जुड़ी हुई नहीं होती। इनके बीच कुछ रिक्त स्थान होता है जिसमें बहुत-ही समीप का संवहन होता है। इसे अंतर्ग्रथन कहते हैं। यदि हमारे पैर में दर्द है तो इसकी सूचना पैर में स्थित संवेदी तंत्रिका कोशिका के डेंड्राइट ग्रहण करते हैं। तंत्रिका कोशिका उसे विद्युत् संकेत में बदल देती है। यह विद्युत् संकेत तंत्रिकाक्ष के द्वारा प्रवाहित होता है। अंतर्ग्रथन में होता हुआ यह मस्तिष्क तक पहुँचता है। मस्तिष्क संदेश ग्रहण कर उस पर अनुक्रिया करता है। प्रेरक तंत्रिका इस अनुक्रिया को पैर की पेशियों तक पहुँचाती है और पैर कर पेशियां उचित अनुक्रिया करती हैं। तंत्रिका कोशिका (न्यूरॉन) तीन प्रकार की हैं-
(i) संवेदी तंत्रिकोशिका-शरीर के विभिन्न भागों से यह संवेदनाओं को मस्तिष्क की ओर ले जाती है।
(ii) प्रेरक तंत्रिकोशिका-यह मस्तिष्क से आदेशों को पेशियों तक पहुँचाती है।
(ii) बहुध्रुवी तंत्रिकोशिका-यह संवेदनाओं को मस्तिष्क की तरफ और मस्तिष्क से पेशियों की ओर ले जाने का कार्य करती है।
प्रश्न 6. पादप में प्रकाशानुवर्तन किस प्रकार होता है? (H.P. 2008, 2009, Set-B, 2010 Set-C)
उत्तर-पादप के प्ररोह तंत्र के द्वारा प्रकाश स्रोत को दिशा की ओर गति करना प्रकाशानुवर्तन कहलाता है। प्ररोह तंत्र का प्रकाश के प्रति धनात्मक अनुवर्तन होता है।
यदि किसी पादप को गमले में लगा कर इसे किसी अंधेरे कमरे में रख दें जिसमें प्रकाश किसी खिड़की या दरवाजे की ओर से भीतर आता हो तो कुछ दिन के बाद प्ररोह का अग्रभाग स्वयं उसी दिशा में मुड़ जाता है जिस तरफ से प्रकाश कमरे में प्रवेश करता है। ऐसा इसलिए होता है कि प्ररोह शीर्ष केवल उसी दिशा में स्रावित होने बले अधिक ऑस्किन के प्रभाव से नष्ट हो जाता है जबकि विपरीत दिशा की तरफ हॉर्मोन उपस्थित रहता है। स कारण प्ररोह प्रकाश की दिशा में मुड़ जाता है।
प्रश्न 7. मेरुरज्जु आघात में किन संकेतों को आने में व्यवधान होगा? (H.P. 2009, Set C, 2015)
उत्तर-मेरुरज्जु आघात में प्रतिवर्ती क्रियाएँ तथा अनौच्छिक क्रियाओं के लिए आने वाले संकेतों में व्यवधान होगा। पर्यावरण की कोई भी सूचना आगत-निर्गत तंत्रिकाओं के बंडल से होती हुई मस्तिष्क में पहुँच जाएंगी। वह तुरंत प्रभावित अंगों में न पहुँचकर मस्तिष्क के द्वारा उस अंग तक पहुँचेगी। ऐसा होने से अधिक देर लगेगी और तब तक अंग कुप्रभावित हो जाएगा।
प्रश्न 8. पादप में रासायनिक समन्वय किस प्रकार होता है?
उत्तर-पादपों में रासायनिक समन्वय पादप हॉर्मोन के कारण होता है। पादप विशिष्ट हॉर्मोनों को उत्पन्न करते हैं। जो उसके विशेष भागों को प्रभावित करते हैं। पादपों में प्ररोह प्रकाश के आने की दिशा की ओर ही बढ़ता है। गुरुत्वानुवर्तन ज़ड़ों को नीचे की ओर मुड़ कर अनुक्रिया करता है। इसी प्रकार जलानुवर्तन और रासायनावर्तन होता है। पराग नलिका का बीजांड की ओर वृद्धि करना रसायनानुवर्तन का उदाहरण है।
प्रश्न 9. एक जीव में नियंत्रण एवं समन्वय तंत्र की क्या आवश्यकता है?
उत्तर-बहुकोशकीय जीवों की संरचना बहुत जटिल होती है। उनके शरीर के विभिन्न बाहरी और भीतरी अंगों की विशिष्ट कार्यप्रणालियों और गतिविधियों में तालमेल की परम आवश्यकता होती है। अंगों के नियंत्रण और समन्वय के द्वारा ही उनकी आवश्यकताओं की पूर्ति संभव हो सकती है। जीवों की जटिल प्रकृति के कारण ही वे उन तंत्रों का उपयोग करते हैं जो नियंत्रण एवं समन्वय कार्य करते हैं। विशिष्टीकरण ऊतक का उपयोग नियंत्रण और समन्वय सहायक सिद्ध होता है।
प्रश्न 10. अनैच्छिक क्रियाएँ तथा प्रतिवर्ती क्रियाएँ एक-दूसरे से किस प्रकार भिन्न हैं?
(H.P. Model Q. Paper 2009)
उत्तर-प्रतिवर्ती क्रियाएं वे क्रियाएँ हैं जो बाहरी संवेदना के उत्तर में तुरंत और अपने-आप हो जाती हैं। इन पर मस्तिष्क का कोई नियंत्रण नहीं होता। ये मेरुरज्जु के द्वारा नियंत्रित की जाती है। प्रतिवर्ती क्रियाएँ स्वायत्त प्रेरक के प्रत्युत्तर होती हैं। अनौच्छिक क्रियाएँ भी प्राणियों की इच्छा से चालित नहीं होती लेकिन इनका संचालन मध्यमस्तिक और पश्चमस्तिष्क के द्वारा किया जाता है।
प्रश्न 11. जंतुओं में नियंत्रण एवं समन्वय के लिए तंत्रिका तथा हॉर्मोन क्रियाविधि की तुलना तथा व्यतिरेक (Contrast) कीजिए। (H.P. 2009, Set–C)
उत्तर–
तंत्रिका क्रिया विधि | हॉर्मोन क्रिया विधि |
1. यह एक्सॉन के अंत में विद्युत आवेग का परिणाम है जो कुछ रसायनों का विमोचन कराता है।
2. सूचना अति तीव्रगति से आगे बढ़ती है। 3. सूचना विशिष्ट एक या अनेक तंत्रों, कोशिकाओं, न्यूरानों आदि को प्राप्त होती है। 4. इसे उत्तर शीघ्र प्राप्त हो जाता है। 5. इसका प्रभाव कम समय तक रहता है। |
1. यह रक्त के द्वारा भेजा गया रासायनिक संदेश है।
2. सूचना धीरे-धीरे गति करती है। 3. सूचना सारे शरीर को रक्त के माध्यम से प्राप्त हो जाती है जिसे कोई विशेष कोशिका या तंत्र स्वयं प्राप्त कर लेता है। 4. इसे उत्तर प्रायः धीरे-धीरे प्राप्त होता है। 5. इसका प्रभाव प्रायः देर तक रहता है। |
प्रश्न 12. छुई-मुई पादप की गति तथा हमारी टांग में होने वाली गति के तरीके में क्या अंतर है?
उत्तर-छुई-मुई पादप स्पर्श करते ही पत्तियों को झुका कर या बंद कर संवेदनशीलता का परिचय दे देती है। पादप हॉर्मोन के प्रभाव के कारण पादप कोशिकाएं यह परिवर्तित कर देती हैं जबकि हमारी टांग में होने वाली ऐच्छिक क्रिया का परिणाम है जो अनुमस्तिष्क के दवारा संचालित होती है। इसमें तंत्रिका नियंत्रण का सहयोग प्राप्त किया जाता है।
अन्य महत्त्वपूर्ण प्रश्न
(OTHER IMPORTANT QUESTIONS)
दीर्घ उत्तरात्मक प्रश्न
(Long Answer Type Questions)
प्रश्न 1. मानव के मस्तिष्क के प्रमुख भागों का वर्णन कीजिए।
(H.P. 2009, Set-B, 2010 Set-B, 2011 Set-C, 2012 Set-A, 2013 Set-A, 2014 Set-B)
उत्तर-मस्तिष्क-मानव मस्तिष्क अत्यंत विकसित कोमल अंग है जो खोपड़ी की हड्डियों (Skull) में सुरक्षित रहता है। इसके चारों ओर तीन झिल्लियां होती हैं जो एक तरल पदार्थ से घिरी रहती हैं। मस्तिष्क के प्रमुख तीन भाग होते हैं-
(i) अग्रमस्तिष्क (Fore Brain)
(ii) मध्यमस्तिष्क (Mid Brain)
(iii) पश्च मस्तिष्क (Hind Brain)
(i) अग्रमस्तिष्क (Fore Brain)-पूरे मस्तिष्क का दो-तिहाई भाग अग्रमस्तिष्क ही जाता है। यह मस्तिष्क का प्रमुख भाग है। इसलिए कई लोग इसे बड़ा मस्तिष्क भी कहते हैं। इसके दो हिस्से हैं-प्रमस्तिष्क तथा डाइएन सिफेलॉन।
प्रमस्तिष्क (Cerebrum)-प्रमस्तिष्क निपुणता, बुद्धिमता, चेतना और स्मरण शक्ति का आधार है। आंख, नाक, कान, त्वचा और जिह्वा नामक पाँचों ज्ञानेंद्रियों का सीधा संबंध इसी से होता है। यही उनसे प्राप्त प्रेरणाओं का विश्लेषण और समन्वय करता है। ऐच्छिक क्रियाओं को कराने वाला मख्य तंत्र यही है।
इसी के कारण हम घृणा, द्वेष, प्रेम, सहानुभूति आदि संवेदनाओं को प्रकट करते हैं। यही हमें नई-पुरानी बातों को याद कराता है या भुला देता है। यह बाहर से भूरा और भीतर से सफेद होता है।
प्रमस्तिष्क में दो गोलार्ध होते हैं जिन्हें सेरिब्रल-गोलार्ध कहते हैं। इनमें गहरी दरारें-सी होती हैं जो इसे विभिन्न चार भागों में बांट देती हैं। वे भाग हैं-फ्रन्टल पालि, पैराइटल पालि, टैंपोरल पालि और ऑक्सीपीटल पालि।
(a) फ्रंटल पालि (Frontal Lobe)-इसके द्वारा मांस-पेशियों पर नियन्त्रण रखा जाता है। यही ऐच्छिक पेशियों की क्रियाओं का आधार है।
(b) पैराइटल पालि (Parietal Lobe)-इसका संबंध हमारी संवेदनाओं से होता है। स्पर्श, गंध, तापमान, दर्द आदि संवेदनाओं को कराने वाला यही भाग होता है।
(c) ऑक्सीपीटल पालि (Occipital Lobe)-इसका संबंध हमारी दृष्टि से है। यह दृश्य संवेदनाओं को ग्रहण करता है।
(d) टेंपोरल पालि (Temporal Lobe)—इसका संबंध सुनने से है। हम इसी की सहायता से विभिन्न ध्वनियाँ सुन पाते हैं और उनमें भेद कर सकते हैं।
डाइएनसिफेलॉन-मस्तिष्क का यह भाग अत्यन्त महत्त्वपूर्ण कार्य कराता है। इसमें उपस्थित थेलेमस हमें दर्द, ठंडा-गर्म, चुभन, जलन आदि का अहसास कराता है। इसी भाग में उपस्थित हाइपोथेलेमस हमारी भूख, प्यास, घृणा, प्यार, ताप आदि पर नियंत्रण करता है। यही भाग वसा और कार्बोहाइड्रेट्स के उपापचय पर भी नियन्त्रण करता है।
अग्रमस्तिष्क के कार्य–
(i) यह सभी संवेदी अंगों के संदेशों को प्राप्त करता है।
(ii) यह सभी पेशियों, ग्रंथियों, अंगों को उचित कार्यवाही का आदेश देता है।
(iii) यह उद्दीपनों और क्रियाओं के बीच संतुलन करता है।
(iv) यह पिछले अनुभव और स्मृतियों के आधार पर हमारे व्यवहार में परिवर्तन लाता है।
(v) यह सभी सूचनाओं और ज्ञान को प्राप्त करता है और उनका संग्रह कर लेता है।
(ii) मध्य मस्तिष्क (Mid Brain)-मध्य मस्तिष्क दो भागों में बंटा होता है-बारपोरा क्वार्डीजेमिना और सेरीब्रल पेडंकल। बारपोरा क्वार्डीजेमिना में चार ठोस पिंड होते हैं पर सेरीब्रल पेडंकल में अनेक तंतु होते हैं।
(iii) पश्च मस्तिष्क (Hind Brain)-इसे अनुमस्तिष्क भी कहते हैं। इसकी रचना करने वाले मेडला ऑब्लाँगेटा तथा सेरीबेलम हैं।
सेरीबेलम की रचना बहुत जटिल है। यह ठोस होता है। यह प्रमस्तिष्क के बिल्कुल नीचे होता है। यह गतियों का ठीक प्रकार से नियंत्रण करता है। हमारा चलना, दौड़ना, भागना, उठना, बैठना, नाचना आदि इसी के द्वारा नियन्त्रित होता है।
मस्तिष्क के पीछे के त्रिभुजाकार भाग को मेडूला ऑब्लाँगेटा कहते हैं। यह हृदय की धड़कन, श्वसन, पाचन आदि अनैच्छिक क्रियाओं को नियन्त्रित करता है।
प्रश्न 2. मेरुरज्जु का संक्षिप्त वर्णन कीजिए। (H.P. 2010, 2011, Set-B)
उत्तर-मेरुरज्जु (Spinal Cord)-मेडूला ऑब्लाँगेटा खोपड़ी के महारंध्र से निकल कर रीढ़ की हड्डी की कशेरूकाओं के बीच में से निकल कर नीचे तक फैली रहती है। इसी को मेरुरज्ज या रीढ रज्जु कहते हैं। इसके ऊपर ड्यूरामेटर, ऐरेक्रॉइड और पिओमेट नामक तीन झिल्लियां उसी प्रकार होती हैं जैसी मस्तिष्क में ऊपर होती हैं। मेरुरज्जु से निश्चित दूरियों पर जोड़े मेरू तंत्रिकाएँ निकलती हैं। इसकी लम्बाई लगभग 45 सेमी होती है।
मेरुरज्जु के कार्य–
(1) यह साधारण प्रतिवर्ती क्रियाओं जैसे घुटने के झटके का प्रत्युत्तर, स्वयं चालित प्रतिक्रियाएं जैसे मूत्राशय का सिकुड़न आदि के समन्वय केंद्र का कार्य करती है।
(2) यह मस्तिष्क और सुषुम्ना के मध्य संचार का कार्य करती है।
प्रश्न 3. स्वायत्त तंत्रिका तंत्र का वर्णन कीजिए।
उत्तर-स्वायत्त तंत्रिका तंत्र विभिन्न स्थितियों में शरीर के भीतरी-बाहरी अंगों को भिन्न-भिन्न प्रकार से प्रभावित करता है और उनकी क्रियाशीलता को नियंत्रित करता है। स्वायत्त तंत्रिका तंत्र के दो भाग होते हैं-
(क) अनुकंपी तंत्र के कार्य–
(i) नेत्र पुतलियों को फैलाता है।
(ii) आँखों में अश्रु-स्राव को उत्तेजित करता है।
(iii) हृदय के स्पंदन की गति को बढ़ाता है।
(iv) रक्त-वाहिनियों को सिकोड़ता है।
(v) मुँह में लार के स्राव को कम करता है।
(vi) मूत्राशय को शिथिल करता है।
(vii) बाह्य जनन अंगों को उत्तेजित होने से रोकता है।
(ख) परानुकंपी तंत्र के कार्य–
(i) नेत्र पुतलियों को सिकोड़ता है।
(ii) अश्रु स्राव को कम करता है।
(iii) हृदय के स्पंदन की गति को घटाता है।
(iv) रक्त वाहिनियों को फैलाता है।
(v) मुँह में लार के स्राव को बढ़ाता है।
(vi) मूत्राशय को मूत्र त्याग के लिए सिकोड़ता है।
(vii) बाह्य जनन अंगों को उत्तेजित करता है।
प्रश्न 4. प्रतिवर्ती क्रिया को उपयुक्त उदाहरण के साथ परिभाषित कीजिए। (H.P. 2009, Set-A, 2010 Set-B)
उत्तर-बाह्य परिवर्तनों अर्थात् उद्दीपनों के प्रति प्राणियों की प्रक्रियाएं दो प्रकार की होती हैं- ऐच्छिक एवं अनैच्छिक (Involuntary) । अनैच्छिक क्रियाएं प्राणी की चेतना या इच्छा शक्ति के अधीन नहीं होती हैं। ये दो प्रकार की होती हैं-स्वायत्त या स्वतंत्र तथा प्रतिवर्ती (Automatic & Reflex)|
प्रतिवर्ती क्रियाएँ दैहिक (Somatic) होती हैं अर्थात् रेखित पेशियों एवं ग्रंथियों से संबंधित होती हैं इस क्रिया मेरुरज्जु भाग लेती हैं। यदि शरीर के किसी भाग में सुई चुभ जाए तो शरीर उस भाग को वहाँ से हटा लेता है। प्रत्येकस्पाइनल तंत्रिका के दो मूल होते हैं-
संवेदी तंतुओं से बना पृष्ठ मूल (Dorsal root) तथा चालक तंतुओं से बना अधरमूल (Ventral root) त्वचा पर पिन चुभाने का उद्दीपन इसमें उपस्थित संवेदांग को उत्तेजित करता है और ये इस संवेदना को सम्बन्धित सोमेटिक संवेदी तंतुओं के डेंड्राप्स में प्रसारित कर देते हैं। ये तन्तु इस संवेदी प्रेरणा को पास की तंत्रिका के पृष्ठ मूल (Dorsal root) के पृष्ठ गुच्छक में उपस्थित न्यूरॉन्स कोशिकाओं में ले जाते हैं। इनमें एक्सॉन फिर इस प्रेरणा को मेरुरज्जु के धूसर द्रव्य (grey matter) तक ले जाते हैं। यहाँ एक एक्सॉन की अंतिम बटनों से ये प्रेरणा निकट की चालक तंत्रिकाओं के डेंड्राइट्स में जाती है। यहाँ संवेदी प्रेरणा चालक प्रेरणा बन जाती है। चालक कोशिकाओं के ऍक्सान अधर मूल (Ventral root) के तंतु होते हैं। वे इस प्रेरणा को पादों तक ले जाते हैं। पेशियाँ सिकुड़ती हैं जोकि पादों को गति प्रदान करती हैं। संवेदगों से लेकर अपवाहक अंग तक के पूरे प्रेरणा पथ को प्रतिवर्ती चाप (Reflex arc) कहते हैं।
प्रश्न 5. मनुष्य के मस्तिष्क के कार्यों को समझाइए। (H.P. 2012, Set-A)
उत्तर-मस्तिष्क के विभिन्न कार्य निम्नलिखित हैं-
(1) सभी संवेदी अंगों से आवेश ग्रहण करना।
(2) संवेदी अंगों से प्राप्त आवेश पर प्रेरित तंत्रिकाओं द्वारा ग्रंथियों और पेशियों को निर्देश भेजना जिससे वे उचित अनुक्रिया करें।
(3) विभिन्न संवेदी अंगों एवं विभिन्न प्रकार के उद्दीपनों में संबंध स्थापित कर इस प्रकार समन्वय करना जिससे शरीर अधिक क्षमता से क्रियाकलाप कर सके।
(4) सूचनाओं को ज्ञान या चेतना रूप में एकत्रित करना और व्यवहार में पूर्व अनुभव के आधार पर परिवर्तन करना।
प्रश्न 6. पादप हॉर्मोन को कितने वर्गों में बाँटा गया है? प्रत्येक के कार्य लिखिए।
उत्तर-पौधे कुछ विशेष प्रकार के रासायनिक पदार्थ उत्पन्न करते हैं जो पूरे पौधे के विभिन्न जैविक क्रियाओं नियंत्रित करते हैं। ये रासायनिक पदार्थ पादप वृद्धि नियंत्रक या पादप हार्मोंस कहलाते हैं। इनको चार वर्गों में विभाजित किया जा सकता है।
(1) ऑक्सिन्स प्रमुख कार्य
(a) कोशिकाओं का दीर्धीकरण करना। (b) कोशिका विभाजन में सहयोग करना।| (c) पत्तियों को गिरने से रोकना।
(d) पौधों की गतियों पर नियंत्रण रखना।
(e) बीजरहित फलों के उत्पादन में सहायक होना। |
(2) जिबरलिन
a) पत्ती की पलक बढ़ाने में। (b) पौधों की मोटाई बढ़ाने में। (c) पुष्प वृंत लंबा करने करने में।|
(d) कुछ पौधों में आनुवंशिक बौनापन को दूर करने में।| (e) किण्वन क्रिया को तेज़ करने में। |
(3) साइटोकाइनिन्स
(a) प्रोटीन के उत्पादन में सहायता करना। (b) कोशिकाओं की लंबाई में वृद्धि करना। (c) अंकुरण के समय उत्प्रेरक उत्पन्न करना।
(d) मूल की वृद्धि को रोकना।
(e) पत्तियों की वृद्धि को रोकना। |
(4) वृद्धि रोधक
(a) पौधों की वृद्धि की गति को कम करना। (b) पतझड़ की क्रिया को बढ़ाना। (c) पत्तियों के खुलने एवं बंद करने की क्रिया को नियंत्रित करना। (d) फूलों के खुलने एवं बंद करने की क्रिया को नियंत्रित करना। |
प्रश्न 7. प्रतिवर्ती क्रिया क्या है? चित्र की सहायता से इसका वर्णन करिए।
उत्तर-प्रतिवर्ती क्रियाएं स्वायत्त प्रेरक के प्रत्युत्तर हैं। ये क्रियाएं मस्तिष्क की इच्छा के बिना होती हैं। इसलिए ये अनैच्छिक क्रियाएं हैं। यह बहुत स्पष्ट और यांत्रिक प्रकार की हैं। जैसे-जब हमारी आंखों पर तेज़ रोशनी पडती है तो हमारी आंख की पुतली अचानक छोटी होने लगती है। यह क्रिया तुरंत और हमारे मस्तिष्क पीछे की इच्छा के बिना होती है।
प्रतिवर्ती क्रियाएँ मेरुरज्जु द्वारा नियंत्रित पेशियों द्वारा अनैच्छिक क्रियाएं होती हैं जो प्रेरक के प्रत्युत्तर में होती हैं।
यदि शरीर के किसी भाग में अचानक एक पिन चुभोया जाए तो संवेदियों द्वारा प्राप्त यह उद्दीपक इस क्षेत्र के एफैरेंट तंत्रिका तन्तु को उद्दीपित करता है। तंत्रिका तंत्र मेरु तंत्रिका के पृष्ठीय पथ द्वारा इस उद्दीपक को मेरुरज्जु तक ले जाता है।
मेरुरज्जु से यह उद्दीपन के अधरीय पथ द्वारा एक या अधिक इफैरेंट (Efferent) तंत्रिका तंतु में पहुंचता है। इफैरेंट तंत्रिका तंतु प्रभावी अंगों को उद्दीपित करता है। पिन चुभोने के तुरंत बाद इसी कारण प्राणी प्रभावी भाग हटा लेता है। उद्दीपक का संवेदी अंग से प्रभावी अंग तक का पथ प्रतिवर्ती चाप कहलाता है।
प्रतिवर्ती चाप तंत्रिका तंत्र की क्रियात्मक इकाई बनाती है। प्रतिवर्ती चाप में होता है
(i) संवेदी अंग-वह अंग या स्थान जो प्रेरक को प्राप्त करता है।
(ii) एफैरेंट तंत्रिका तन्तु (Afferent Nerve Fibre)– यह संवेदक प्रेरणा को संवेदी अंग से केंद्रीय तंत्र तक ले जाता है जैसे मस्तिष्क या मेरुरज्जु।
(ii) केंद्रीय तंत्रिका तंत्र-मस्तिष्क या मेरुरज्जु का कुछ भाग।
(iv) इफैरेंट अथवा मोटर तंत्रिका (Efferent Or Motor Nerve) यह केंद्रीय तंत्रिका तंत्र से मोटर प्रेरणाओं को प्रभावी अंगों तक लाता है जैसे पेशियां अथवा ग्रंथियां।
(v) प्रभावी अंग (Effector)—यह तंत्रिका विहीन भाग जैसे ग्रंथियों की पेशियां जहां मोटर प्रेरणा खत्म होती है और प्रत्युत्तर दिया जाता है।
कार्य-प्रतिवर्ती क्रिया प्रेरक को तुरंत प्रत्युत्तर देने में सहायता करती है और मस्तिष्क को भी अधिक कार्य से मुक्त करती है।
प्रश्न 7. जंतु हार्मोन से क्या तात्पर्य है? इनके प्रमुख गुण क्या होते हैं?
उत्तर-जंतुओं में शरीर की विभिन्न क्रियाओं को नियंत्रित करने के लिए विशेष रसायन स्रावित होते हैं जिन्हें हॉर्मोन कहते हैं। बेलिस और स्टारलिंग ने सब से पहले ‘हॉर्मोन’ शब्द का प्रयोग किया था। ये विशिष्ट अंतःस्रावी ग्रंथियों से उत्पन्न होते हैं जिनमें वाहिनियां नहीं होती। कुछ विशेष अंत: स्राकी ग्रंथियाँ हैं-पीयूष, पीनियल, थॉयरॉइड, पैराथॉय रॉइड, थाइमस, एड्रीनल, वृषण, अंडाशय आदि।
हॉर्मोन के प्रमुख गुण होते हैं–
1.ये अंतःस्रावी ग्रंथियों से उत्पन्न होते हैं।
- ये विशिष्ट रासायनिक संदेश वाहक हैं।
- ये सीधा रक्त प्रवाह में स्रावित होते हैं।
- ये लक्ष्य अंगों की कोशिकाओं को ही प्रभावित करते हैं।
प्रश्न 8. पीयूष ग्रंथि (Pituitary Gland) को अति महत्त्वपूर्ण क्यों कहा जाता है?
उत्तर-पीयूष ग्रंथि शरीर के लिए अति महत्त्वपूर्ण हॉर्मोन स्रावित कर शरीर की विभिन्न क्रियाओं को प्रभावित और नियंत्रित करती है। इससे तेरह से भी अधिक हॉर्मोनों का स्रावण होता है। यह अंतःस्रावी ग्रंथियों को भी नियंत्रित करती है इसलिए इसे मास्टर ग्रंथि कहते हैं।
प्रश्न 9. मनुष्य के शरीर के कुछ आवश्यक हॉर्मोनों की सारणी बनाइए।
उत्तर-मनुष्य के कुछ आवश्यक हॉर्मोन–
ग्रंथि | हॉर्मोन | कार्य |
(1) थाइराइड
(Thyroid)
(2) अग्न्याशय (Pancreas)
(3) अधिवृक्क (Adrenal)
(4) पीयूष (मास्टर ग्रंथि) (Pituitary Gland) (H.P. Dec. 2008, 2010, 2014 Set-III)
(5) अंडाशय (Ovary) (6) वृषण (Testis) (H.P. 2010 Set-II) (7) पैराथायरॉड (8) एड्रीनल |
थायराक्सिन
इंसुलिन ग्लूकागोन
कॉर्टिसोन
ऐंटी डाईयूरेटिक हार्मोन (ADH)
ATCH
FSH
TSH
कैलिसटोनिन एड्रीनेलिन
कैल्सिटोनिन एड्रीनेलिन
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उपापचय तथा वदधि की दर नियमित करता है। इस हॉर्मोन की कमी से शरीर का भार बढ़ता है सुस्ती आती है। इस हार्मोन की मात्रा अधिक हो जाए तो जीव का भार घटता है तथा शरीर अति सक्रिय हो जाता है।
शक्कर के उपापचय को नियमित करता है। इसकी कमी से रुधिर में शक्कर का स्तर बढ़ जाता है और कमज़ोरी आती है। ऐसी परिस्थिति को मधुमेह कहते हैं। इस ग्रंथि का बाहरी भाग कॉर्टेक्स हॉर्मोन उत्पन्न करता है। यह प्रोटीन को शक्कर में बदलने में सहायता करता है। पीयूष ग्रंथि कॉर्टेक्स को उत्तेजित करती है। हड्डी तथा ऊतकों की वृद्धि को नियमित करती है। वृक्क द्वारा पुनः अवशोषित पानी की मात्रा को नियमित करती है। कार्टिसोन बनाने के लिए अधिवृक्क कॉर्टेक्स को उत्तेजित करता है। एस्ट्रोजन बनाने के लिए अंडाशय को उत्तेजित करता है। थायराक्सिन बनाने के लिए थाइरॉइड को उत्तेजित करता है। बहुत से कार्य करता है जैसे स्तनों का विकास करना। पुरुष के बहुत से नर लक्षण जैसे मूंछ तथा दाढ़ी में वृद्धि करना। रक्त में कैल्सियम तथा फॉस्फेट का नियंत्रण करता है। रक्त दाब, हृदय की धड़कन, खनिज संतुलन और कार्बोहाइड्रेट उपापचय को नियंत्रित करता है।
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लघु उत्तरात्मक प्रश्न
(Short Answer Type Questions)
प्रश्न 1. तंत्रिकोशिका क्या है?
उत्तर-प्राणियों के तंत्रिका तंत्र की संरचनात्मक और कार्यात्मक इकाई को तंत्रिकोशिका कहते हैं।
प्रश्न 2. किन्हीं दो प्रकार के अनुवर्तन के नाम बताइए।
उत्तर-(i) प्रकाश अनुवर्तन गति।
(ii) गुरुत्वानुवर्तन गति।
प्रश्न 3. पादप हॉर्मोन क्या हैं? किन्हीं दो पादप हॉर्मोनों के नाम बताइए।
उत्तर-वे विभिन्न प्रकार के रासायनिक पदार्थ जो पौधों में वृद्धि और विभेदन संबंधी क्रियाओं पर नियंत्रण करते हैं, उन्हें पादप हॉर्मोन कहते हैं।
पादप हॉर्मोन अनेक प्रकार के होते हैं, जैसे-ऑक्सिन (Auxins), इथाइलीन (Ethylene), जिबरेलिन (Gibberllins), साइटोकाइनिन (Cytokinins), एबसिसिक अम्ल (Abscisic Acid)।
प्रश्न 4. प्राणियों में प्रकाश तथा ध्वनि ग्राहियों के नाम बताइए।
उत्तर-प्रकाश – प्रकाशग्राही
ध्वनि- ध्वनिग्राही
प्रश्न 5. पादप में नियंत्रण एवं समन्वय कैसे होता है?
उत्तर-पादप हॉर्मोन के द्वारा।
प्रश्न 6. विभिन्न पादप हॉर्मोनों का उल्लेख कीजिए।
उत्तर-आक्सिन (Auxins), जिबरेलिन (Gibberellin), साइटोकाइनिन (cytokinin), एबसिसिक अम्ल (Abscisic Acid), इथाइलीन (Ethylene)।
प्रश्न 7. प्रकाशानुवर्तन की विवेचना कीजिए। (H.P. Dec. 2008)
उत्तर-पेड़-पौधों के उगने, बढ़ने, फलने-फूलने, वृद्धि प्रजनन आदि पर प्रकाश का प्रभाव पड़ता है। उनके द्वारा प्राप्त प्रकाश और उसकी अवधि के प्रति अनुक्रिया को प्रकाशानुवर्तन कहते हैं।
प्रश्न 8. अनुवर्तन तथा अनुकुंचन गतियों में अंतर लिखिए।
उत्तर–
अनुवर्तन गति
(Tropism) |
अनुकुंचन गति
(Nastic Movement) |
1. पौधों की उद्दीपन की दिशा में ही गति होती है।
2. प्रकाश, गुरुत्व और रसायनों के प्रभाव से पौधे अनुवर्तन गति करते हैं। |
1. पौधों की उद्दीपन की दिशा में गति नहीं होती, बल्कि पूर्व निश्चित दिशा में होती है।
2. छुई-मुई (Touch-me-not) के पत्तों को छूने पर वे नीचे की ओर ही लटकते हैं, न कि स्पर्श की दिशा में। |
प्रश्न 9. पीयूष ग्रंथी को मास्टर ग्रंथी क्यों कहते हैं? (H.P. Dec. 2008)
अथवा
पीयूष ग्रंथी किन हॉर्मोन को स्त्रावित करती है? (H.P. 2011, Set-A)
उत्तर-पीयूष ग्रंथी एक छोटी गोल ग्रंथी है जो मस्तिष्क के आधार पर तल पर ऑप्टिक काइज्मा के पीछे सेलाटर्सिका की गुहा में बन्द रहती है। शरीर का शायद ही कोई ऐसा अंग हो जो पीयूष ग्रंथी से प्रभावित न होता हो। इसी कारण से इसे मास्टर ग्रंथी भी कहते हैं। पीयूष ग्रंथी से निम्नलिखित हॉर्मोंस स्रावित होते हैं-
- ADH (एंटीडाइ यूरेटिक हॉर्मोन) 2. ACTH
- FSH 4. TSH 5. वृद्धि हॉर्मोंस।
प्रश्न 10. इंसुलिन एवं थॉयराक्सिन की कमी तथा अधिकता से होने वाली एक-एक बीमारी का नाम लिखिए।
उत्तर- इंसुलिन- कमी से होने वाला रोग- मधुमेह
अधिकता से होने वाले रोग- हाइपोग्लाइसेमिया।
थायरॉक्सिन- कमी से होने वाला रोग- सामान्य घेघा रोग।
अधिकता से होने वाला रोग एक्सोप्थैल्पिक गॉइटर।
प्रश्न 11. ऑक्सीन के कार्य लिखिए।
उत्तर-ऑक्सीन (Auxin) एक कार्बनिक पदार्थ है जो कि प्ररोह की कोशिकाओं में दीर्धीकरण को प्रेरित करता है। ऑक्सीन के निम्नलिखित प्रमुख कार्य हैं-
(1) कोशिकाओं का दीर्धीकरण करना।
(2) कोशिका विभाजन में सहयोग करना।
(3) पौधों की गतियों पर नियंत्रण रखना। (Tropic Movements)
(4) पत्तियों को गिरने से रोकना।
(5) बीजरहित फलों के उत्पादन में सहायक होना।
(6) आलू आदि के संचय के समय उपयोग।
(7) अपतृण निवारण (Weed killing) के लिए 2-4D जैसे ऑक्सिन्स का उपयोग करना।
प्रश्न 12. साइटोकाइनिन के कार्य लिखिए।
उत्तर-साइटोकाइनिन के अंतर्गत (i) काइनिन (ii) केलाइन, (iii) जिस्टिन (iv) फ्लोकोजिन आदि पदार्थ आते है जो कि प्रोटीन निर्माण में सहायक होते हैं।
साइटोकाइनिन के निम्नलिखित प्रमुख कार्य हैं-
(1) प्रोटीन के उत्पादन (संश्लेषण) में सहायता करना।
(2) कोशिकाओं की लंबाई में वृद्धि करना।
(3) अंकुरण के समय उत्प्रेरक उत्पन्न करना।
(4) पार्श्व कलिकाओं की वृद्धि करना।
(5) मूल की वृद्धि को रोकना।
(6) पत्तियों की वृद्धि को रोकना।
(7) तने की लंबाई में वृद्धि करना।
(8) जडों एवं तनों में विभज्योतक (Meristems) के निर्माण को प्रेरित करना।
(9) क्लोरोफिल (Chlorophyll) को काफ़ी समय तक नष्ट होने से रोकना।
प्रश्न 13. वृद्धि रोधक (ABA) हॉर्मोन के कार्य लिखिए।
उत्तर-वृद्धि रोधक (ABA) हॉर्मोन के अग्रलिखित कार्य हैं-
(1) पौधों की वृद्धि की गति को कम करना।
(2) पतझड़ की क्रिया को बढ़ाना।
(3) पत्तियों के खुलने एवं बंद करने की क्रिया को नियंत्रित करना।
(4) फूलों के खुलने एवं बंद की क्रिया को नियंत्रित करना।
प्रश्न 14. अनुकंपी तंत्रिका तंत्र के विभिन्न कार्य लिखिए।
उत्तर-अनुकंपी तंत्रिका तंत्र के निम्नलिखित कार्य हैं-
(1) यह त्वचा में उपस्थित रुधिर वाहिनियों को संकुचित करता है।
(2) यह लार ग्रंथियों के स्राव को कम करता है।
(3) यह हृदय स्पंदन को तीव्र करता है।
(4) यह रुधिर चाप को बढ़ाता है।
(5) यह श्वसन दर को तीव्र करता है।
(6) इसके सामूहिक प्रभाव से भय, पीड़ा तथा क्रोध पर प्रभाव पड़ता है।
(7) यह रुधिर में लाल रुधिराणुओं की संख्या बढ़ाता है।
प्रश्न 15. (i) अनुकंपी तंत्र और पराकंपी तंत्र
(ii) हार्मोन और एंजाइम (iii) पौधों में वृद्धि और जंतुओं में वृद्धि
(iv) ऑक्सिन और साइटोकाइनिन।
उत्तर-(i) अनुकंपी तंत्र और पराकंपी तंत्र
अनुकंपी तंत्र | परानुकंपी तंत्र |
(1) यह हृदय की गति को दृढ़ तथा तेज़ करता है।
(2) धमनियों के ल्यूमन को छोटा करता है तथा रुधिर चाप को बढ़ाता है। (3) लार, स्राव तथा पाचक रसों के स्राव को कम करता है। (4) इससे संबंधित क्रियाएँ भय, क्रोध तथा पीड़ा का अनुभव करती हैं। |
(1) हृदय की गति को कमज़ोर तथा मंद करता है।
(2) ल्यूमन को बड़ा तथा रुधिर चाप को कम करता है। (3) लार, स्राव तथा पाचक रसों के स्राव को बढ़ाता है। (4) इससे संबंधित क्रिया शरीर को सुख तथा आराम पहुँचाने का प्रयत्न करती है। |
(ii) हार्मोन और एंजाइम–
हार्मोन | एंजाइम |
1. हार्मोन कार्बनिक यौगिक हैं। ये अंतःस्रावी ग्रंथियों में स्रावित होते हैं।
2. ये रक्त द्वारा गति करते हैं।
3. ये पदार्थों को उत्प्रेरित करते हैं। 4. ये ग्लाइको प्रोटीन, स्टीराइड या पोली पैप्टाइड होते हैं। 5. इनकी अधिकता या कमी से बीमारी होती है। 6. ये उपापचय क्रियाओं में उपयोग होते हैं। |
1. एंजाइम भी कार्बनिक यौगिक होते हैं। ये बाह्यस्रावी ग्रंथियों के पाचक रस में पाये जाते हैं।
2. ये संबंधित ग्रंथि की नलिकाओं द्वारा अंगों तक ले जाये जाते हैं। 3. ये जैव उत्प्रेरक की तरह कार्य करते हैं। 4. ये प्रोटीन ही होते हैं।
5. इनकी कम मात्रा में आवश्यकता होती है। (6) ये उत्प्रेरक की तरह कार्य करते हैं और क्रिया के बाद भी समान रहते हैं। |
(iii) पौधों में वृद्धि और जंतुओं में वृद्धि-
पौधों में वृद्धि | जंतुओं में वृद्धि |
1. इनमें वृद्धि पूरे जीवन काल होती रहती है।
2. वृद्धि क्षेत्र जड़, तने और कैम्बियम के अगले भाग होते हैं। 3. पौधों में द्वितीयक वृद्धि होती है। 4. यह विभज्योतक ऊतकों के कारण होती है। 5. वृद्धि सीमा रहित होती है। |
1. इनमें में वृद्धि एक निश्चित समय तक होती है।
2. समान रूप से पूरे शरीर में वृद्धि होती है।
3. इनमें द्वितीयक वृद्धि नहीं होती है। 4. इनमें विभज्योतक नहीं होते हैं। 5. वृद्धि सीमित होती है। |
(iv) ऑक्सिन और साइटोकाइनिन में अंतर–
ऑक्सिन | साइटोकाइनिन |
1. ऑक्सिन वृद्धि हार्मोन होते हैं।
2. ये तनों के अगले भाग में संश्लेषित होते हैं। 3. ये वृद्धि, जड़ों के निर्माण और अनिषेक फलन के लिये अनिवार्य होते हैं।| |
1. साइटोकाइनिन कोशिका विभाजन के लिये उत्तरदायी होते हैं।
2. ये बीजों के भ्रूणपोष और जड़ों में बनते हैं। 3. ये कोशिका विभाजन, प्ररोह और जड़ों के बनने और अग्रीय प्रभाविकता जैसे कार्य करते हैं। |
प्रश्न 16. एक आदर्श तंत्रिका कोशिका की रचना क्या है?
(M.Q.P. H.P. 2010, Set-A, 2011 Set-A, 2013 Set-B,C, 2015)
उत्तर-एक तंत्रिका कोशिका दो भागों की बनी होती है। कोशिकाकाय और लम्बे धागों जैसा तंत्रिका रेशा (Axon) कोशिकाकाय केंद्रीय तंत्रिका तंत्र में स्थित होता है। कोशिकाकाय में नाभिक और निसल दाने होते हैं। तांत्रिका रेशे (Axon) के बाहर की ओर कभी-कभी मैडुलरी झिल्ली होती है।
प्रश्न 17. छींक आने में होने वाली घटनाओं का मार्ग बताइए।
उत्तर-छींक आना किसी बाहरी अवांछनीय कणों के नाक में जाने से होता है। अवांछनीय कण संवेदक स्पर्शक को उद्दीप्त करते हैं। संवेदना एक प्रेरणा में बदल जाती है। यह प्रेरणा संवेदक तंत्रिका द्वारा मेरुरज्जु को ले जाई जाती है। संवेदना का उद्दीपन एक प्रेरणा के रूप में मोटर तंत्रिका द्वारा मांसपेशी को जाता है जहाँ कार्य होता है। नाक की माँसपेशियां सिकुड़ती हैं जिससे छींक आती है। इस क्रिया को प्रतिवर्ती क्रिया कहते हैं, जो तुरंत होती है और उसे मस्तिष्क से आदेश की आवश्यकता नहीं होती। छींकने के कार्य का मार्ग इस प्रकार है-
उद्दीपन I ग्राही अंग I संवेदी तंत्रिका I मेरुरज्जु I प्रेरक तंत्रिका I पेशीय क्रिया I छींकना।
प्रश्न 18. एब्सेसिक अम्ल के कार्य लिखिए।
उत्तर-एब्सेसिक एसिड के कार्य (Functions of Abscisic Acid)–
(1) कलिका प्रसुप्तता अवस्था (Bud Dormancy)
(2) वृद्धि को रोकना (Inhibition of Growth)
(3) एमिलेज के बनने को रोकना (Checks Amylase Formation)
(4) पत्तों के गिरने की क्रिया को बढ़ाना (Acceleration of Absciss)
(5) स्टोमैटा को बंद करने में सहायक (Favours Stomatal Closure)।
प्रश्न 19. होमियोस्टेसिस क्या है?
उत्तर-नियंत्रण तथा समन्वयन जीव के भीतरी तथा बाहरी वातावरण का संतुलन बनाए रखने में सहायता है। उदाहरण के लिए, पहाड़ों की ऊँचाई चढ़ने वाले पर्वतारोही ऑक्सीजन की कमी अनुभव करते हैं। इससे उनके शरीर में क्रियात्मक परिवर्तन आता है और इस परिस्थिति का मुकाबला करने के लिए उनमें लाल रुधिर कोशिकाएँ अधिक बन जाती हैं। उनका भीतरी वातावरण बाहरी परिवर्तनों को सहने का प्रयत्न करता है जिससे शरीर के कार्य सुचारु रूप से चलते हैं। ऐसी अवस्था जो शरीर को स्वस्थ बनाए रखने में सहायक होती है, को होमियोस्टेसिस कहते हैं।
प्रश्न 20. तंत्रिकाएं और अंतःस्रावी ग्रंथि शरीर के एक भाग से दूसरे भाग में संदेश भेजने का कार्य करती हैं। दोनों तंत्रों में दो अंतर दीजिए।
उत्तर-तंत्रिकाएँ और अंतःस्त्रावी ग्रंथि में अंतर–
तंत्रिकाएँ (Nerves) | अंतःस्त्रावी ग्रंथि (Ductless Gland) |
(1) सूचना के संवहन की मल इकाई न्यूरॉन है।
(2) संवहन प्रेरणा के रूप में होता है जो तंत्रिका रेशे के साथ-साथ चलता है। |
(1) सूचना के संवहन की मूल इकाई हॉर्मोन है।
(2) संदेश का संवहन हॉर्मोन द्वारा होता है जो रुधिर संवहन के साथ होता है। |
प्रश्न 21. संवेदी अंग किसे कहते हैं? विभिन्न संवेदी अंगों का उल्लेख कीजिए।
उत्तर-प्राणियों के शरीर में विद्यमान संवेदी अंग उनमें वातावरण में होने वाले परिवर्तनों से उद्दीपन ग्रहण करते हैं। ये विभिन्न प्रकार के होते हैं-
(i) प्रकाश ग्राही-प्रकाश ग्रहण करने वाली कोशिकाएँ।
(ii) ध्वनिग्राही-ध्वनि ग्रहण करने वाली कोशिकाएँ।
(iii) ध्राणग्राही–किसी भी प्रकार की गंध ग्रहण करने वाली कोशिकाएँ।
(iv) स्पर्शग्राही-स्पर्श से पता लगाने वाली कोशिकाएँ।
(v) स्वादग्राही-स्वाद ग्रहण करने वाली कोशिकाएँ।
प्रश्न 22. तंत्रिका तंत्र (Nervous system) के विभिन्न भाग क्या हैं?
उत्तर-(i) केंद्रीय तंत्रिका तंत्र (Central nervous system)-इस तंत्र में मस्तिष्क तथा रीढ़ रज्जु (spinal cord) सम्मिलित होते हैं।
(ii) परिधीय तंत्रिका तंत्र (Peripheral nervous system)-इसमें कपालीय तंत्रिकाएँ (cranial nerve स्पाइनल, मेरू तंत्रिकाएँ (spinal nerves) तथा आंतरांगी तंत्रिकाएँ (visceral nerves) सम्मिलित होती हैं।
(iii) स्वायत तंत्रिका तंत्र (Autonomic nervous system)– यह दो प्रकार का स्वीकार किया जाता है-
(क) अनुकंपी तंत्रिका तंत्र (Sympathetic nervous system)
(ख) परानुकंपी तंत्रिका तंत्र (Parasympathetic nervous system)।
प्रश्न 23. CSF का पूरा नाम लिखिए और इसका कार्य क्या है?
उत्तर-CSF का पूरा नाम है-सेरिब्रोस्पाइनल द्रव (Cerebro Spinal Fluid)। यह एक प्रकार का लिम्फ या लसिका है जो मस्तिष्क तथा मेरुरज्जु को ढांपने वाली झिल्लियों के बीच भरा होता है।
कार्य-(i) रक्त एवं मस्तिष्क कोशिकाओं के मध्य पदार्थों का आदान-प्रदान इसी द्रव के माध्यम से होता है। (ii) यह मस्तिष्क एवं स्पाइनल कॉर्ड (मेरुरज्जु) की बाहरी आघातों से रक्षा करता है।
प्रश्न 24. इंसुलिन क्या है? इसका महत्त्व स्पष्ट कीजिए।
अथवा
मधुमेह के कुछ रोगियों की चिकित्सा इंसुलिन का इंजेक्शन देकर क्यों की जाती हैं? (H.P. 2013 Set-II, III)
उत्तर-मानव शरीर के पैंक्रियास के लैंगर हैंस दवीप की बीटा कोशिकाओं के द्वारा उत्पन्न हार्मोन को इंसुलिन कहते हैं। यह रक्त में विद्यमान अतिरिक्त ग्लुकोज़ को ग्लाइकोजन में बदलने में सहायता देता है। इसके कारण रक्त में अतिरिक्त ग्लूकोज़ का स्तर कम हो जाता है।
यदि इंसुलिन की कमी हो जाए तो रक्त में ग्लूकोज़ की मात्रा बढ़ जाती है। इसे हाइपरग्लासीमिया कहते हैं। इसमें रिक्त ग्लूकोज मूत्र के साथ बाहर आने लगता है। इसे मधुमेह रोग का नाम भी दिया जाता है।
प्रश्न 25. मानवीय शरीर में उत्पन्न तीन हार्मोनों के नाम तथा उनके कार्य लिखिए।
उत्तर-(i) एस्ट्रोजन-नर वृषण द्वारा स्रावित यह हार्मोन नर में द्वितीयक लैंगिक लक्षणों के विकास को नियंत्रित करता है।
(ii) थायरॉक्सिन-थायरॉयड ग्रंथि द्वारा स्रावित यह हार्मोन मानव शरीर में उपापचय तथा वृद्धि दर को नियंत्रित करता है।
(ii) इंसुलिन-अग्नाशय में उत्पन्न यह हार्मोन रक्त में विद्यमान अतिरिक्त शर्करा को ग्लाइकोजन में परिवर्तित करके संग्रह करने में सहायक होता है।
प्रश्न 26. थाइराइड तथा पैराथाइराइड ग्रंथियों द्वारा स्रावित हॉर्मोन के नाम तथा उनके कार्य बताइये।
उत्तर-
ग्रंथि का नाम | हॉर्मोन के नाम | कार्य |
1. थाइराइड (अवटु)
2. पैराथाइराइड (परावटु) |
ग्लूकागोन थाइरॉक्सिन
कैल्सिटोनिन
|
रक्त में शर्करा की मात्रा को बढ़ाना तथा कार्बोहाइड्रेट, वसा और प्रोटीन की उपापचय क्रियाओं को नियंत्रित करना।
रक्त में कैल्सियम तथा फास्फोरस की मात्रा को नियंत्रित करना। |
प्रश्न 27. उन अंतःस्रावी ग्रंथियों के नाम लिखिये जिनके द्वारा टेस्टोस्टीरोन तथा ऐस्ट्रोजन स्रावित होते हैं। तथा उनके कार्य लिखिए।
उत्तर-
हॉर्मोन का नाम | अंतःस्रावी ग्रंथि का नाम | कार्य |
1. टेस्टोस्टेरोन
2. ऐस्ट्रोजन |
वृषण (Testis)
अंडाशय (Ovary) |
यह हॉर्मोन नर के द्वितीयक लक्षणों को बढ़ावा देता है जैसे-दाढ़ी, मूंछ तथा भारी आवाज़।
यह हॉर्मोन मादा के सहायक तथा द्वितीयक लक्षणों को नियंत्रित करने का कार्य करता है जैसे-स्तन ग्रंथियों का विकासकेश, विन्यास तथा आवाज़ नियंत्रण। |
प्रश्न 28. अवटु, परावटु तथा अग्नाशय से स्त्रावित होने वाले हॉर्मोन कौन-से हैं?
उत्तर–
ग्रंथि | हॉर्मोन |
(i) अवटु (थायरॉयड)
(ii) परावटु (पैराथायरॉयड) (iii) अग्नाशय |
थायरॉक्सिन
कैल्सिटोनिन ग्लूकागोन |
प्रश्न 29. टेस्टोस्टीरोन और ऐस्ट्रोजन के कार्यों की सूची बनाइए।
उत्तर-(i) टेस्टोस्टीरोन-इस हॉर्मोन का कार्य नर के गौण लैंगिक लक्षणों का प्रकट करना होता है। इसी के कारण युवकों में मूंछे आती हैं, दाढ़ी उगती है और आवाज़ भारी हो जाती है।
(ii) ऐस्ट्रोजन-इस हॉर्मोन का कार्य नारी के गौण लैंगिक लक्षणों को प्रकट करना होता है। इसी के कारण उनके स्तनों के आकार, बालों और आवाज़ में अंतर आता है।
प्रश्न 30. पीयूष ग्रंथि से स्रावित होने वाले तीन हॉर्मोनों के नाम लिखिए।
उत्तर-(i) वृद्धि हॉर्मोन (ii) वेसोप्रेसिन (iii) TSH.
प्रश्न 31. ‘मनुष्य में तंत्रिका और हॉर्मोन तंत्र एक साथ मिलकर नियंत्रण एवं समन्वय का कार्य करते हैं–
इस कथन को प्रमाणित कीजिए।
उत्तर-हमारे शरीर में सदा ही प्रकट और अप्रकट प्रकार के परिवर्तन और क्रियाएं होती रहती हैं, जिन्हें मस्तिष्क, मेरुरज्जु और हॉर्मोन मिल कर करते हैं। ऐच्छिक, अनैच्छिक और प्रतिवर्ती क्रियाओं के अतिरिक्त तरह-तरह के विकास की प्रक्रियाएं सदा होती रहती हैं। अंतःस्रावी ग्रंथियां तरह-तरह के स्रावित हॉर्मोनों की सहायता से ये कार्य कराती हैं। यदि हृदय का धड़कना अनैच्छिक क्रिया है तो रक्त का दबाव, हृदय की धड़कन की लय आदि को एड्रीनेलिन हॉर्मोन प्रभावित करता है। यह सत्य है कि तंत्रिका तंत्र और हॉर्मोन तंत्र मिलकर ही हमारे शरीर का नियंत्रण और समन्वयन करते हैं।
अति लघु उत्तरात्मक प्रश्न
(Very Short Answer Type Questions)
प्रश्न 1. सजीवों का अनुरक्षण क्या है?
उत्तर-सजीवों का रख-रखाव और तरह-तरह के रोगों से बचाव अनुरक्षण है।
प्रश्न 2. पादपों में गतियां किसकी परिणाम मानी जाती हैं?
उत्तर-वृद्धि का परिणाम।
प्रश्न 3. चीखने, फुसफुसाने आदि नियंत्रित गतियों को किससे जोड़ा जाता है?
उत्तर-इन नियंत्रित गतियों को पर्यावरण में भिन्न घटनाओं के अभिज्ञान से जोड़ा जाता है जो अनुक्रिया के अनुरूप गति कराती हैं।
प्रश्न 4. हमें किन तंत्रों का उपयोग करना चाहिए?
उत्तर-उन तंत्रों का जो नियंत्रण एवं समन्वय का कार्य करते हैं।
प्रश्न 5. हमारे पर्यावरण से सभी सूचनाओं का पता किससे लगता है?
उत्तर-कुछ तंत्रिका कोशिकाओं की विशिष्टीकृत सिरों से।
प्रश्न 6. तंत्रिका कोशिका का सिरा कैसा होता है?
उत्तर-द्रुमाकृतिक।
प्रश्न 7. तंत्रिका कोशिका में विद्युत् आवेश कौन उत्पन्न करता है?
उत्तर-रासायनिक क्रिया।
प्रश्न 8. तंत्रिका कोशिका में विद्युत् द्रुमिका से कहाँ तक जाता है?
उत्तर-कोशिकाय तक।
प्रश्न 9. रसायन किसे पार करके अगली तंत्रिका कोशिका की द्रुमिका में विद्युत् आवेग आरंभ करते हैं? उत्तर-रिक्त स्थान या सिनेप्टिक दरार को।
प्रश्न 10. अंतर्ग्रथन (साइनैप्स) क्या करता है?
उत्तर-आवेगों को तंत्रिका कोशिका से अन्य कोशिकाओं तक ले जाता है।
प्रश्न 11. न्यूरॉन किस कार्य के लिए विशिष्टीकृत हैं?
उत्तर-सूचनाओं को विद्युत् आवेग के द्वारा शरीर के एक भाग से दूसरे भाग तक संवहन में विशिष्टीकृत है। प्रश्न 12. विचार करना कैसी क्रिया है?
उत्तर-एक जटिल क्रिया।
प्रश्न 13. हमारे शरीर में सोचने वाले ऊतक किससे बने हुए हैं।
उत्तर-जटिल रूप से व्यवस्थित न्यूरॉन के घने जाल से।
प्रश्न 14. सोचने वाले ऊतक हमारी खोपड़ी के किस हिस्से में स्थित हैं?
उत्तर-खोपड़ी के अग्र सिरे में।
प्रश्न 15. प्रतिवर्ती चाप कहां बनते हैं?
उत्तर-मेरुरज्जु में।
प्रश्न 16. पूरे शरीर की तंत्रिकाएं मेरुरज्जु में कहां मिलती हैं?
उत्तर-पूरे शरीर की तंत्रिकाएं मेरुरज्जु में मस्तिष्क को जाने वाले रास्ते में एक बंडल में मिलती हैं।
प्रश्न 17. केंद्रीय तंत्रिका तंत्र कौन बनाते हैं? (H.P. 2011, Set-C)
उत्तर-मस्तिष्क और मेरुरज्जु।
प्रश्न 18. ऐच्छिक क्रियाओं के चार उदाहरण दीजिए।
उत्तर-ताली बजाना, बात करना, लिखना, भागना।
प्रश्न 19. परिधीय तंत्रिका तंत्र किससे बनता है?
उत्तर-मस्तिष्क से निकलने वाली कपाल तंत्रिकाओं तथा मेरुरज्जु से निकलने वाली मेरु तंत्रिकाओं से बनता है।
प्रश्न 20. मस्तिष्क के तीन प्रमुख भाग कौन-कौन से हैं? (H.P. 2012, Set A)
उत्तर-अग्रमस्तिष्क, मध्यमस्तिष्क, पश्चमस्तिष्क।
प्रश्न 21. अग्रमस्तिष्क किस काम के लिए विशिष्टीकृत है?
उत्तर-सुनने, सूंघने, देखने आदि के लिए।
प्रश्न 22. तीन अनैच्छिक क्रियाओं के उदाहरण लिखिए।
उत्तर-रक्त दाब, लार आना, वमन।
प्रश्न 23. अनैच्छिक क्रियाओं को मस्तिष्क का कौन-सा भाग नियंत्रित करता है?
उत्तर-पश्चमस्तिष्क स्थित मेडुला।
प्रश्न 24. एक सीधी रेखा में चलना, साइकिल चलाना, पेंसिल उठाना आदि क्रियाओं को मस्तिष्क का कौन सा भाग कराता है?
उत्तर-पश्चमस्तिष्क में स्थित अनुमस्तिष्क।
प्रश्न 25. शरीर की संस्थिति, संतुलन और ऐच्छिक क्रियाओं की परिशुद्धि के लिए कौन उत्तरदायी होता है?
(H.P. 2011, Set-A, 2013 Set-B, C)
उत्तर-अनुमस्तिष्क।
प्रश्न 26. मस्तिष्क के चारों ओर तरल मस्तिष्क के लिए क्या कार्य करता है?
उत्तर-यह प्रधात अवशोषक का कार्य करता है।
प्रश्न 27. मेरुरज्जु की रक्षा कौन करता है?
उत्तर-कशेरुक दंड।
प्रश्न 28. क्रिया या गति संपन्न होने की अवस्था में अंतिम काम कौन करता है?
उत्तर-पेशी ऊतक।
प्रश्न 29. पादप किसी सूचना को एक कोशिका से दूसरी कोशिका तक कैसे संचरित करते हैं?
उत्तर-वैद्युत् रसायन साधन से।
प्रश्न 30. पादप कोशिकाएं अपनी आकृति किससे बदल लेती हैं?
उत्तर-जल की मात्रा में परिवर्तन करके वे अपनी आकृति बदल लेती हैं।
प्रश्न 31. बेलें तथा कुछ पौधे किसकी सहायता से बाड़ पर चढ़ते हैं?
उत्तर-प्रतान की सहायता से।
प्रश्न 32. पादप किसके प्रति अनुक्रिया करते हैं?
उत्तर-उद्दीपन के प्रति।
प्रश्न 33. रसायनानुवर्तन का एक उदाहरण लिखिए।
उत्तर-पराग नलिका का बीजांड की ओर वृद्धि करना।
प्रश्न 34. प्ररोह के अग्रभाग में कौन-सा हॉर्मोन संश्लेषित होता है?
उत्तर-ऑक्सिन।
प्रश्न 35. पादप की लंबाई में वृद्धि का कारण कौन-सा हॉर्मोन है?
(H.P. 2012, Set-A, 2013 Set-A, 2014 Set-A)
उत्तर-ऑक्सिन।
प्रश्न 36. कोशिका विभाजन को कौन प्रेरित करता है? (H.P. Model Q. Paper 2009)
उत्तर-साइटोकाइनिन।
प्रश्न 37. पादपों की पत्तियां किसके प्रभाव से मुरझाती हैं?
उत्तर-एब्सिसिक अम्ल।
प्रश्न 38. अधिवृक्क ग्रंथि से कौन-सा हॉर्मोन उत्पन्न होता है?
उत्तर-एड्रीनलीन हॉर्मोन।
प्रश्न 39. एड्रीनलीन सीधा किसमें स्रावित होता है?
उत्तर-रुधिर में।
प्रश्न 40. आयोडीन युक्त नमक किस रोग को रोकने में सहायक होता है? (H.P. 2012, Set-A, 2013 Set-B) उत्तर-गायटर।
प्रश्न 41. थायरॉक्सिन हॉर्मोन कहां बनता है?
उत्तर-अवटुग्रंथि में।
प्रश्न 42. कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन और वसा का उपापचय कौन करता है?
उत्तर-थॉयरॉक्सिन।
प्रश्न 43. वृद्धि हॉर्मोन कौन स्रावित करती है? (H.P. 2011, Set-B)
उत्तर-पीयूष ग्रंथि।
प्रश्न 44. यौवन आरंभ होने पर कौन-से दो हॉर्मोन लड़कों और लड़कियों में स्त्रावित होते हैं?
उत्तर-लड़कों में टेस्टोस्टेरोन तथा लड़कियों में ऐस्ट्रोजना।
प्रश्न 45. इंसुलिन का उत्पादन कहां होता है?
उत्तर-अग्नाशय में।
प्रश्न 46. मधुमेह रोग में क्या होता है?
उत्तर-रुधिर में शर्करा का स्तर बढ़ जाता है।
प्रश्न 47. तंत्रिका तंत्र के विभिन्न भागों के नाम बताइए।
उत्तर-मस्तिष्क, रीढ़ रज्जु. तंत्रिकाएं।
प्रश्न 48. तंत्रिका तंत्र के अतिरिक्त कौन-सा तंत्र नियंत्रण और समन्वय का काम करता है?
उत्तर-हॉर्मोंस तंत्र तथा अंत:स्रावी तंत्र।
प्रश्न 49. पादप हार्मोन किसे कहते हैं?
उत्तर-पौधों की वृद्धि और विभेदन क्रिया को कराने वाले पदार्थों को पादप हार्मोन कहते हैं।
प्रश्न 50. पौधों में जैविक क्रियाओं को नियंत्रित करने वाले रसायन को क्या कहते हैं?
उत्तर-पौधों में जैविक क्रियाओं को नियंत्रित करने वाले रासायनिक पदार्थ को पादप वृद्धि नियंत्रक (Piant Growth regulators) या पादप हॉर्मोंस (Plant Harmones) कहते हैं।
प्रश्न 51. पादप हॉर्मोन को किन-किन वर्गों में बाँटा जाता है?
उत्तर-पादप हॉर्मोंस को चार वर्गों में विभाजित किया जा सकता है-
- ऑक्सिन्स (Auxins), 2. जिबरलिन (Gibberallins), 3. साइटोकाइनिन्स (Cytokinins), 4. वृद्धिरोधक (Growth inhibitors)।
प्रश्न 52. जिबरलिन के कार्य लिखिए।
उत्तर-जिबरलिन के निम्नलिखित कार्य होते हैं-
(1) यह तने के पर्व (Internode) की लंबाई बढ़ाने में सहायक होता है।
(2) पौधे की मोटाई बढ़ाने में।
(3) कुछ पौधे के आनुवंशिक बौनापन को दूर करने में।
प्रश्न 53. प्रतिवर्ती क्रियाएँ या स्वप्रेरित क्रियाएँ किन्हें कहते हैं? उदाहरण सहित समझाइए।
उत्तर-प्रतिवर्ती क्रिया में मेरुरज्जु (Spinal Cord) भाग लेती है जबकि मस्तिष्क का इसमें कोई कार्य नहीं होता है। मनुष्य की इच्छा के बिना ये क्रियाएँ बाहरी उद्दीपनों के फलस्वरूप होती हैं। उदाहरण-जैसे कि हम किसी गर्म वस्तु को छूते हैं तो यकायक अपना हाथ हटा लेते हैं।
प्रश्न 54. मनुष्य में पाई जाने वाली अंतःस्रावी ग्रंथियों के नाम लिखिए।
उत्तर-मनुष्य में अग्रलिखित अंतःस्रावी ग्रंथियाँ पाई जाती हैं-
- पीयूष (Pituitary), 2. थायरॉइड (Thyroid), 3. पैराथाइरॉयड (Parathyroid) 4. एड्रिनल (Adrenal), 5. पेंक्रियास (Pancreas), 6. अंडाशय (Ovary), 7. वृषण (Testis)
प्रश्न 55. तंत्रिकाक्ष का कार्य लिखिए।
उत्तर-जब भी हमारे शरीर के किसी भाग को दर्द या क्षति होती है तो सबसे पहले संवेदना डेंड्राइट या न्यूरॉन की बहुशाखित संरचना द्वारा ग्रहण करके तंत्रिकाक्ष द्वारा विद्युत आवेश के रूप में वहन की जाती है। सूत्र युग्मन के द्वारा यह दूसरी तंत्रिका कोशिकाओं में होती हुई अंत में तंत्रिका केंद्र (मस्तिष्क या मेरुरज्जु) तक पहुँच जाती है।
प्रश्न 56. अंडाशय द्वारा स्त्रावित किये जाने वाले हॉर्मोन का नाम लिखिए।
उत्तर-अंडाशय से निम्नलिखित हॉर्मोंस स्रावित होते हैं-
(1) एस्ट्रोजन (Estrogen)
(2) प्रोजेस्टेरोन (Progesterone)
(3) रिलैक्सिन (Relaxin)।
प्रश्न 57. होमियो स्टेसिस किसे कहते हैं?
उत्तर-शरीर में लवण एवं जल की मात्रा में संतलन बनाये रखने को होमियो स्टेसिस कहते हैं।
प्रश्न 58. प्रमस्तिष्क गोलार्ध का कार्य क्या है?
उत्तर-चिंतन केंद्र के रूप में कार्य करना।
प्रश्न 59. स्तनियों में प्रमस्तिष्क को जोड़ने वाली तंत्रिकीय पट्टी का क्या नाम है?
उत्तर-कॉर्पस कैलोसम।
प्रश्न 60. अनुमस्तिष्क का क्या कार्य है?
उत्तर-संतुलन बनाना।
प्रश्न 61. लीडिग कोशिकाएँ कहाँ मिलती हैं?
उत्तर-वृषण में।
प्रश्न 62. वृद्धि हॉर्मोन का स्रावण किससे होता है?
उत्तर-पिट्यूटरी।
प्रश्न 63. रुधिर दाब तथा हृदय स्पंदन किस हॉर्मोन द्वारा बढ़ता है?
उत्तर-एड्रीनेलिन हॉर्मोन।
प्रश्न 64. मादा जनन हॉर्मोन कौन-से होते हैं?
उत्तर-(i) प्रोजेस्टेरॉन, (ii) ऐस्ट्रोजन, (ii) ऐस्ट्रेडियॉल।
प्रश्न 65. तीन प्रकार के न्यूरोन के नाम बताइए।
उत्तर-(i) मोटर न्यूरॉन, (ii) संवेदक न्यूरॉन, (iii) बहुध्रुवी न्यूरॉन।
प्रश्न 66. बहु-कोशिकीय जंतुओं में तंत्रिका नियंत्रण रासायनिक नियंत्रण से कैसे अच्छा है?
उत्तर-तंत्रिका नियंत्रण रासायनिक नियंत्रण से इसलिए अच्छा है क्योंकि यह जल्दी संदेश को पहुँचाता है और बहु-कोशिकीय अंग में समन्वय करता है।
प्रश्न 67. एक कुत्ता अपने घर के बाहर बैठा है, जब वह अचानक एक बिल्ली को बाग के नीचे देखता है। जब वह उसके पीछे दौड़ने के लिए तैयार होता है तो उसका मालिक उसे खाने के लिए अंदर बुलाता है। इसलिए यह बिल्ली पर जल्दी-जल्दी भौंक कर अंदर दौड़ जाता है।
कुत्ते के मस्तिष्क को क्या होता है ?
उत्तर-सेरेब्रम विभिन्न ज्ञानेंद्रियों से प्रेरणा प्राप्त करता है। वह उनको छाँटता है और तब विशेष पेशी को एक प्रेरणा भेजता है जिसके कारण कुत्ता अंदर दौड़ जाता है।
प्रश्न 68. कौन-सी अनुवर्तन गति पृथ्वी के केंद्र से संबंधित है?
उत्तर-गुरुत्वानुवर्तन गति।
प्रश्न 69. प्रकाशअनुवर्तन गति में पौधे का कौन-सा भाग प्रकाश की ओर मुड़ जाता है?
उत्तर-पौधे का प्रारोह तंत्र।
प्रश्न 70. अनुकुंचन गति किस पौधे पर प्रमाणित की जाती है?
उत्तर-छुई-मुई (Touch-me-not)।
प्रश्न 71. नाइडेरिया फाइलम में किस प्रकार का तंत्रिका तंत्र पाया जाता है?
उत्तर-एक जाल के रूप में।
प्रश्न 72. मच्छर, मक्खी, कॉकरोच और टिड्डे के तंत्रिका तंत्र में क्या-क्या होता है?
उत्तर-इनमें तंत्रिकाएँ, द्विपिंडक मस्तिष्क, तंत्रिका रज्जु और तंत्रिका गैंग्लिया होते हैं।
प्रश्न 73. युग्मानु बंधन या साइनेप्स किसे कहते हैं?
उत्तर-तंत्रिका कोशिकाओं के आपसी संबंध को युग्मानु बंधन कहते हैं।
प्रश्न 74. तंत्रिका आवेग किसे कहते हैं?
उत्तर-बाहरी उद्दीपन से प्रभावित होकर जब संवेदी तंत्रिकाएं उद्दीपन को संबंधित तंत्रिका तंतुओं में प्रेरित करती है उसे तंत्रिका तंतुओं का आवेग कहते हैं।
प्रश्न 75. क्रेनियम या करोटि किसे कहते हैं?
उत्तर-जिस अस्थि खोल में मस्तिष्क बंद रहकर आघातों और झटकों से सुरक्षित रहता है उसे क्रेनियम या करोटि कहते हैं।
प्रश्न 76. मस्तिष्कावरण किसे कहते हैं?
उत्तर-मस्तिष्क को सब ओर से घेरने वाली तीन झिल्लियों को मस्तिष्कावरण कहते हैं। इनसे मस्तिष्क बाहरी आघातों से सुरक्षित रहता है।
प्रश्न 77. स्थानीय हॉर्मोन किसे कहते हैं?
उत्तर-जो हॉर्मोन स्रावित होने वाले स्थान पर ही प्रयुक्त हों उन्हें स्थानीय हॉर्मोन कहते हैं।
प्रश्न 78. हॉर्मोन के विशेष गुण लिखिए।
उत्तर-हॉर्मोंस रासायनिक संदेश वाहक हैं जो अंत:स्रावी ग्रंथियों के द्वारा उत्पन्न होते हैं। ये रक्त में मिलकर लक्ष्य अंग की कोशिकाओं को प्रभावित करते हैं।
प्रश्न 79. पीयूष ग्रंथि कितने हॉर्मोन स्रावित करती है?
उत्तर-पीयूष ग्रंथि तेरह से भी अधिक हॉर्मोनों को स्रावित करती है।
प्रश्न 80. पीयूष ग्रंथि को अन्य किस नाम से जाना जाता है?
उत्तर-पीयूष ग्रंथि को मास्टर ग्रंथि के नाम से जाना जाता है।
प्रश्न 81. विशिष्ट रासायनिक संदेशवाहक किन्हें माना जाता है?
उत्तर-हॉर्मोनों को।
प्रश्न 82. उस हॉर्मोन का नाम लिखिए जो शुक्राणु उत्पादन को नियंत्रित करता है। (H.P. 2010, Set-B)
उत्तर-टेस्टोस्टेरॉन।
प्रश्न 83. दो तंत्रिका कोशिकाओं के बीच खाली स्थान को क्या कहते हैं?
(H.P. 2013 Set-B,C, 2014 Set-A)
उत्तर-सिनेप्स (दरार)
प्रश्न 84. वृद्धि हॉर्मोन कौन स्रावित करती है? (H.P. 2011, 2014 Set-B)
उत्तर-पीयूष ग्रंथि।
बहु-विकल्पी प्रश्नोत्तर
(Multiple Choice Questions)
- हमारे शरीर में नियंत्रण एवं समन्वय का कार्य किसका होता है?
(A) तंत्रिका तंत्र (B) हॉर्मोन
(C) उपरोक्त दोनों (D) कोई नहीं।
- आधिवृक्क ग्रंथि द्वारा कौन-सा हॉर्मोन मिलता है?
(A) एड्रीनलीन (B) इंसुलिन
(C) थॉयरॉक्सिन (D) उपरोक्त सभी।
- डायाफ्राम तथा पसलियों की पेशी के संकुचन से श्वसन दर में क्या बदलाव आता है?
(A) बढ़ जाती है (B) घट जाती है
(C) समान रहती है (D) उपरोक्त कोई नहीं।
- पादपों में हॉर्मोन किसे नियंत्रित करते हैं?
(A) जड़ वृद्धि (B) दिशिक वृद्धि
(C) जल नियंत्रण (D) उपरोक्त कोई नहीं।
- अवटुग्रंथि को थायरॉक्सिन हॉर्मोन बनाने के लिए किसकी आवश्यकता होती है?
(A) आयरन (B) सोडियम
(C) कैल्सियम (D) आयोडीन।
- हमारे शरीर में प्रोटीन तथा वसा के उपापचय का नियंत्रण कौन करता है?
(A) डायाफ्राम (B) इंसुलिन
(C) थॉयरॉक्सिन कार्बोहाइड्रेट (D) उपरोक्त सभी।
- हमारे आहार में आयोडीन की कमी से क्या होता है?
(A) गॉयटर (B) मलेरिया
(C) टाइफॉइड (D) मधुमेह।
- 10-12 वर्ष की उम्र में नर में कौन-से हॉर्मोन का स्त्रावण होता है?
(A) एस्ट्रोजन (B) एड्रीनलीन
(C) टेस्टोस्टेरोन (D) उपरोक्त सभी।
- निम्नलिखित में से कौन-सा पादप हॉर्मोन है?
(A) इंसुलिन (B) एस्ट्रोजन
(C) थायरॉक्सिन (D) साइटोकाइनिन।
- दो तंत्रिका कोशिका के मध्य खाली स्थान को कहते हैं–
(A) द्रुमिका (B) एक्सॉन
(C) सिनेप्स (D) आवेग।
- रीढ़ की हड्डी किसकी रक्षा करती है?
(A) मेरुरज्जु (B) पेट
(C) मस्तिष्क (D) उपरोक्त सभी।
- निम्नलिखित में से कौन-सा भाग मस्तिष्क के तीन मुख्य भागों में से एक है?
(A) अग्रमस्तिष्क (B) मध्यमस्तिष्क
(C) पश्चमस्तिष्क (D) उपरोक्त सभी।
- जंतुओं में नियंत्रण तथा समन्वय किस के द्वारा किया जाता है?
(A) तंत्रिका (B) पेशी ऊतक
(C) तंत्रिका तथा पेशी ऊतक (D) रक्त।
- तंत्रिका ऊतक किसके एक संगठित जाल से बना होता है?
(A) न्यूट्रॉन (B) पेशी
(C) संवेदी (D) शिरा।
- कौन-सी प्रतिवर्ती क्रिया का उदाहरण है?
(A) बाग में टहलना (B) परीक्षा के लिए पढ़ना
(C) स्वादिष्ट भोजन देख लार टपकना (D) बुखार होने पर दवाई लेना।
- मेरुरज्जु किन सूचनाओं के लिए बनी होती है?
(A) भागने (B) सोचने
(C) सोने (D) जागने।
- शरीर का मुख्य समन्वय केंद्र कौन-सा है?
(A) गुर्दे (B) हृदय
(C) मस्तिष्क (D) पाचनतंत्र।
- मस्तिष्क के मुख्य क्षेत्र संख्या में होते हैं–
(A) एक (B) दो
(C) तीन (D) सात।
- सोचने का कार्य मस्तिष्क का कौन-सा भाग करता है?
(A) अग्र मस्तिष्क (B) मध्यमस्तिष्क
(C) पश्चमस्तिष्क (D) ये सभी।
- रक्त दाब, लार आना और वमन को कौन नियंत्रित करता है?
(A) मेंडुला (B) अग्रमस्तिष्क
(C) मध्यमस्तिष्क (D) ये सभी।
- सीधी रेखा में चलना और साइकिल चलाना किस के द्वारा नियंत्रित किया जाता है?
(A) मेंडुला (B) प्रमस्तिष्क
(C) अनमुस्तिष्क (D) मध्य मस्तिष्क।
- मेरुरज्जु की रक्षा कौन करता है?
(A) खोपड़ी (B) छाती की पसलियां
(C) रीढ़ की हड्डी (D) मज़बूत-लंबी हड्डियाँ।
- प्रतान के द्वारा पौधे बढ़ते हैं–
(A) गन्ना (B) गेहूँ
(C) मटर (D) मकई।
- कोशिका विभाजन को प्रेरित करता है–
(A) ऑक्सीजन (B) साइटोकाइनिन
(C) जिब्बैरालिन (D) एक्सिसिक अम्ल।
- पौधों की वृद्धि का संदमान करने का कार्य को करता है?
(A) जिब्बेरेलिन (B) ऑक्सीजन
(C) साइटोकाइनिन (D) एब्सिसिक अम्ल।
- अधिवक्क ग्रंथि से कौन-सा हॉर्मोन सीधा रुधिर में स्रावित होता है?
(A) एड्रीनलील (B) थायरॉक्सीन
(C) इन्सुलिन (D) वृद्धि हॉर्मोन।
- मधुमेह के रोगी किसका इन्जेक्शन लेते हैं?
(A) इन्सुलिन (B) थायरऑक्सिन
(C) एस्ट्रोजन (D) टेस्टोस्टेरॉन।
निम्नलिखित में रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए–
(i) ………….. अम्ल वृद्धि का संदमन करने वाले हॉर्मोन का एक उदाहरण है।
(ii) …………. हॉर्मोन प्ररोह के अग्रभाग (टिप) में संश्लेषित होता है।
(iii) ऑक्सिन हॉर्मोन कोशिकाओं की ………… में वृद्धि में सहायक होता है।
(iv) मस्तिष्क हमें …………… की अनुमति देता है।
(v) हड्डियों के बॉक्स में …………….. गुब्बारे में मस्तिष्क होता है।
(vi) नवोद्भिद की …………. गति वृद्धि के कारण होती है।
(vii) …………… में स्पर्श की अनुक्रिया की गति बहुत तीव्र है।
(viii) …………… तने की वृद्धि में सहायक होते हैं।
(ix) …………. कोशिका विभाजन को प्रेरित करता है।
- निम्नलिखित में से सही जोड़े बनाइए–
(i) ऑक्सिन (i) गॉयटर
(ii) अधिवृक्क ग्रंथि (ii) इंसुलिन
(ii) पत्तियों का मुरझाना (iii) बोनापन
(iv) आयोडीन (iv) थॉररॉक्सिन कार्बोहाइड्रेट
(v) मादा (v) छुई-मुई
(vi) मधुमेह (vi) एड्रीनलीन
(vii) प्रोटीन और वसा (vii) लंबाई में वृद्धि
(viii) पीयूष ग्रंथि (viii) दिशिक गति
(ix) स्पर्श संबंधित (ix) एस्ट्रोजन
(x) नवोद्मिद (x) एब्सिसिक अम्ल।
- निम्नलिखित में से सही और ग़लत छाँटिए–
(i) संदेश संचारित करने के लिए तंत्रिका तंत्र विद्यत् आवेश को प्रयुक्त करता है।
(ii) हमारे शरीर में नियंत्रण एवं समन्वय का कार्य तंत्रिका तंत्र तथा हॉर्मोन का है।
(ii) मधुमेह के उपचार के रूप में इंसुलिन का घोल पिया जाता है।
(iv) इंसुलिन रुधिर में शर्करा स्तर को नियंत्रित करता है।
(v) मादा में 10-12 वर्ष में टेस्टोस्टेरोम का स्रावण प्रारंभ हो जाता है।
(vi) डायाफ्राम तथा पसलियों की पेशी के संकुचन से श्वसन दर भी घट जाती है।
(vii) एड्रीनलीन सीधा रुधिर में स्रावित हो जाता है।
उत्तर–
- (C) उपरोक्त दोनों 2. (A) एड्रीनलीन 3. (A) बढ़ जाती है 4. (B) दिशिक वृद्धि
- (D) आयोडीन 6. (C) थॉयरॉक्सिन कार्बोहाइड्रेट 7. (A) गॉयटर 8.(C) टेस्टोस्टेरोन
- (D) साइटोकाइनिन 10. (C) सिनेप्स 11. (A) मेरुरज्जु 12. (D) उपरोक्त सभी
- (C) तंत्रिका तथा पेशी ऊतक, 14. (C) न्यूरॉन,
- (C) स्वादिष्ट भोजन देख लार टपकना, 16. (A) सोचने, 17. (C) मस्तिष्क,
- (C) तीन, 19. (A) अग्रमस्तिष्क, 20. (A) मेंडुला, 21. (C) अनुमस्तिष्क,
- (C) रीड़ की हड्डी, 23. (C) मटर, 24. (B) साइटोकाइनिन, 25. (D) एब्सिसिक अम्ल,
- (A) एड्रीनलील, 27. (A) इन्सुलिन। 28. (i) एब्सिसिक (ii) ऑक्सिन (iii) लंबाई (iv) सोचने (v) तरलपूरित (vi) दिशिक (vii) छुई-मुई (viii) जिब्बेरेलिन (ix) साइटोकाइनिन
- (i)-(vii), (ii)-(vi), (iii)-(x), (iv)-(i), (v)-(ix), (vi)-(i), (vii)-(iv), (viii)-(iii),
(ix)-(v), (x)-(viii)
30.(i) ü (ii) ü (iii) x (iv) ü (v) x (vi) x (vii) ü.