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लोकिन्दर बेक्टा/ शिमला। हिमाचल प्रदेश अधीनस्थ सेवाएं चयन बोर्ड के अध्यक्ष प्रो. मोहन झारटा को हिमाचल प्रदेश विवि ने वापस बुला लिया है। हिमाचल प्रदेश विवि की आज बुलाई गई ईसी की विशेष बैठक में इस संबंध में फैसला लिया गया। प्रो. मोहन झारटा को वापस बुलाए जाने को लेकर विवि की ईसी ने समाज विज्ञान विभाग में शिक्षकों की कमी को आधार बनाया।
प्रो. मोहन झारटा इसी विषय से संबंधित शिक्षक हैं। उन्हें पूर्व कांग्रेस सरकार ने अधीनस्थ सेवाएं चयन बोर्ड हमीरपुर का अध्यक्ष लगाया गया था। लेकिन, राज्य में सत्ता परिवर्तन होने के बाद इस बोर्ड से कांग्रेस कार्यकाल में की गई तैनाती से प्रो. मोहन झारटा को हटाना था। इसके लिए विवि की ईसी की विशेष बैठक बुलाई गई और प्रो. मोहन झारटा को दी गई एक्स्ट्रा आर्डीनरी लीव (ईओएल) को रद कर उन्हें वापस विभाग में ज्वाइन करने को कहा है।
हिमाचल प्रदेश विवि के वीसी प्रो. राजेंद्र चौहान की अध्यक्षता में हुई ईसी की इस बैठक में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा के भाई प्रो. जेबी नड्डा को प्रतिनियुक्ति पर जाने को मंजूरी दी गई। प्रो. जेबी नड्डा हिमाचल प्रदेश विवि के प्रबंधन स्कूल एमबीए में वरिष्ठ आचार्य के पद पर तैनात हैं। पिछले दिनों यूजीसी के सीईसी में निदेशक पद पर तैनाती हुई है और आज बुलाई गई ईसी की बैठक में प्रो. नड्डा को इस नई तैनाती के मद्देनजर प्रतिनियुक्ति पर जाने को मंजूरी दी गई।
आज की इस बैठक में विवि के मनोविज्ञान विभाग में नियुक्त सहायक आचार्य को समाचार पत्रों के माध्यम से विशेष नोटिस द्वारा सूचना देने का निर्णय लिया। यह शिक्षक पिछले काफी समय से विवि को बिना सूचित किए छुट्टी पर है। विवि प्रशासन ने पहले इनसे पत्राचार किया, लेकिन कोई रिस्पांस नहीं मिला। इसे देखते हुए ईसी ने समाचार पत्र के माध्यम से इसे सूचित करने का फैसला लिया गया। इस बैठक में विशेष सचिव वित्त, डीडी शर्मा, संयुक्त सचिव उच्चतर शिक्षा नरेश ठाकुर, निदेशक उच्चतर शिक्षा डॉ. अमर देव, कुलसचिव कुलवंत पठानिया समेत ईसी के अन्य सदस्य मौजूद थे।
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