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मंडी। कमांद स्थित आईआईटी मंडी में हुई अनियमितताओं की गूंज दिल्ली तक पहुंच गई है। वहां से एक टीम मंडी जांच पड़ताल के लिए आने वाली है। एचआरडी मिनिस्टर प्रकाश जावडेकर ने इस टीम को पूरे मामले की जांच के लिए भेजने के आदेश जारी कर दिए हैं। यह टीम यहां पर प्रबंधन पर पिछले कुछ समय से लग रहे आरोपों की जांच करेगी। जाहिर है कि वर्ष 2009 में जब मंडी जिला के कमांद में आईआईटी जैसे प्रतिष्ठित संस्थान को स्थापित किया गया तो इससे प्रदेश का मान और सम्मान बढ़ा था। अपनी स्थापना के छठे वर्ष में ही इस प्रतिष्ठित संस्थान के दामन पर दाग लगने लग गए।
सबसे पहले 20 जून 2015 को आईआईटी के नार्थ कैंपस में भीषण गोलीकांड हुआ और ठेकेदार द्वारा पंजाब से लाए गए 4 बाउंसरों को भीड़ ने मौत के घाट उतार दिया। लंबे समय तक आईआईटी में घटी यह घटना सुर्खियों में रही और संस्थान का नाम बदनाम हुआ। अब एक बार फिर से यह संस्थान सुर्खियों में है। और इस बार आरोप लगे हैं संस्थान के प्रबंधन पर। संस्थान के ही एक कर्मचारी सुजीत स्वामी ने आरटीआई और अपने स्तर पर जुटाई जानकारियों से इस बात का खुलासा किया है कि किस प्रकार से संस्थान में भाई -भतीजावाद चल रहा है। चहेतों को नौकरियां भी दी जा रही हैं और कम समय में उनके वेतन में 500 गुणा तक बढ़ोतरी भी की जा रही है। जब साधारण कर्मचारी वर्षों से छोटी-छोटी वेतन वृद्धियों के लिए तरस रहा है।
आईआईटी मंडी में बतौर जूनियर असिस्टेंट कार्यरत राजस्थान के कोटा निवासी सुजीत स्वामी को आईआईटी प्रबंधन ने फिलहाल चार्जशीट कर दिया है। चार्जशीट इसलिए किया गया है क्योंकि सुजीत ने आईआईटी के गोलमाल को मीडिया के साथ सांझा किया। आईआईटी के नियमों के तहत वो मीडिया में इन बातों को नहीं ले जा सकता था। 21 मई 2018 को सुजीत स्वामी ने मंडी में पत्रकार वार्ता बुलाकर आईआईटी में चल रहे गोलमाल और भाई-भतीजावाद का पूरा खुलासा किया था।
सुजीत स्वामी ने केंद्र सरकार को भी कई बार अपनी शिकायतें भेजी लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। मंडी के सांसद राम स्वरूप शर्मा के ध्यान में यह विषय पहले से ही था। सांसद ने कई बार आईआईटी के साथ पत्राचार भी किया लेकिन प्रबंधन ने कोई जबाव नहीं दिया। स्थानीय लोग भी संस्थान के बारे में कई शिकायतें सांसद को कर रहे थे। इन सब बातों पर गौर फरमाते हुए सांसद राम स्वरूप शर्मा ने सदन में इस विषय को प्रमुखता से उठाया।
केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री प्रकाश जावडेकर ने केंद्र से एक टीम इस पूरे मामले की जांच के लिए भेजने के आदेश जारी कर दिए हैं। हालांकि अभी टीम पहुंची नहीं है लेकिन उससे पहले ही आईआईटी मंडी में लीपापोथी का दौर शुरू हो गया है। सांसद राम स्वरूप शर्मा के अनुसार संस्थान का प्रबंधन अपनी गलतियों का ठीकरा निचले स्तर के अधिकारियों और कर्मचारियों पर फोड़ने की तैयारी में है।
सांसद का कहना है कि जो गलतियां की हैं उनपर कार्रवाई होकर रहेगी और दोषियों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा। आईआईटी मंडी के डायरेक्टर प्रो. टीमोथी ए.गोंजालविस का कहना है कि संस्थान पर लगाए जा रहे आरोप निराधार हैं और इन आरोपों की अपने स्तर पर जांच करवाई जा रही है। उन्होंने कहा कि सदन में जो विषय उठाया गया था उसका जवाब दे दिया गया है और बाकी कार्रवाईअभी जारी है।
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