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शिमला। भई, स्टेशन आ गया.. चलो ऊतरो…. और प्रचंड ठंड…..जंगल के बीच का करीब एक किलोमीटर सफर लोगों को पैदल ही तय करना पड़ा। मामला धामी के साथ लगते चनावग का है। बुधवार रात परिवहन निगम की बस सवारियों को लेकर चनावग के लिए निकली तो जरूर पर, चनावग नहीं पहुंची,चालक ने गंतव्य से करीब एक किलोमीटर पीछे ही लोगों को उतार दिया।
जब सवारियों ने इसका विरोध किया तो चालक ने कहा कि चनावग यहीं है, बस आगे नहीं जाएगी। मजबूरन लोगों को जंगल से होते हुए ठंड में एक किलोमीटर का सफर पैदल ही तय करना पड़ा। उधर, पीड़ित लोगों का कहना है कि उन्होंने इस बारे में आरएम शिमला (लोकल) को शिकायत कर दी है और आरोपी बस ड्राइवर के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग भी की है।
वहीं बस के चालक प्यार शर्मा का कहना है कि सवारियों को एक किलोमीटर पीछे नहीं बल्कि 100 मीटर पीछे उतारा था। उन्होंने कहा कि आगे बस को मोड़ने के लिए पर्य़ाप्त जगह नहीं थी, सड़क किनारे गाड़ियों का जमावड़ा लगा रहता है। इसलिए सवारियों को 100 मीटर पीछे ही उतार दिया था। वहीं, आरएम शिमला लोकल विनोद कुमार शर्मा का कहना है कि सवारियों ने उन्हें फोन पर यह जानकारी दी थी, उन्होंने इस बारे में लिखित शिकायत मांगी है। इस विषय में जांच की जाएगी उसके बाद जो दोषी होगा उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। गौरतलब है कि चनावग में बस स्टैंड राजकीय माध्यमिक पाठशाला से ऊपर बनाया गया है, लेकिन वहां बस मोडऩे में कोताही बरती जाती है।
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