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गोहर। हिमाचल पथ परिवहन निगम के एक चालक ने अपने ही विभाग के प्रति मोर्चा खोल दिया है। चालक ने उसके सर्विस रिकॉर्ड से छेड़छाड़ करने का आरोप लगाया है। साथ ही बार-बार रिकॉर्ड मांगे जाने पर भी रिकॉर्ड ने देने की बात भी कही है। चालक ने आरोप लगाया है कि जब भी रिकॉर्ड मांगा जाता है तो उसका तबादला एक डिपो से दूसरे डिपो में कर दिया जाता हैं। हिमाचल पथ परिवहन निगम के चालक तपेन्द्र शर्मा ने बताया कि उन्होंने उपायुक्त मंडी को भी इस बारे में लगभग दस बार पत्राचार किया कि विभाग ने उसके सर्विस रिकॉर्ड के साथ बहुत गड़बड़ की है, मगर वहां भी उसकी कोई सुनवाई नहीं हुई। शर्मा ने बताया कि उसे विभाग की ओर से एक पत्र मिला कि उसके रिकॉर्ड की छानबीन कर ली गई है, जोकि सरासर गलत है। यह छानबीन मात्र पत्राचार में ही की गई। जब उनसे छानबीन का रिकॉर्ड मांगा तो बार-बार टाल दिया गया।
चालक तपेन्द्र शर्मा ने बताया अगर उसका रिकॉर्ड चैक किया जाए तो विभाग को इतना पता ही नहीं है कि चालक सेवा पर है या छुट्टी पर है। जहां वह ड्यूटी पर थे, वहां लीव लगाई गई है, जबकि हाजिरी रजिस्टर में डेश-डेश-डेश लगा दिए गए हैं। विभाग द्वारा उसे अप्रैल 2007 व मई 2007 की पेमेंट अभी तक नहीं दी है। दस साल हो गए हैं, जबकि इस पीरियड में मैंने ड्यूटी दी है। 1998 में में रीढ़ की हड्डी की बीमारी से परेशान था। चिकित्सकों द्वारा लाइट ड्यूटी लिखने के बावजूद मुझसे 10-11 घंटे काम लिया गया। आज भी चालक को बार-बार मेडिकल करवाने के लिए प्रताड़ित किया जा रहा है। इस बारे में क्षेत्रीय प्रबंधक विनोद कुमार का कहना है कि चालक तपेंन्द्र का केस हैड ऑफिस में भेज दिया गया है। इस बारे में हैड ऑफिस से ही पूरी जानकारी मिल सकती है।
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