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धर्मशाला। परिवहन मंत्री जीएस बाली को जितनी बार भी हिमाचल परिवहन निगम के पेंशनरों ने अपनी समस्याओं से अवगत करवाया,उतनी ही बार मंत्री ने हाई पावर कमेटी के गठन की बात कही। अब सरकार के नकारात्मक रवैये से परेशान हो चुके पेंशनरों की मांग है कि हाई पावर कमेटी का गठन होना चाहिए जो कि एचआरटीसी की पूरी कार्यप्रणाली की जांच करे।
यह शब्द हिमाचल परिवहन सेवानिवृत कर्मचारी कल्याण मंच के प्रदेशाध्यक्ष बलराम पुरी ने धर्मशाला में आयोजित पत्रकार वार्ता के दौरान कहे। पुरी ने कहा कि प्रदेश के परिवहन मंत्री हर जगह यह बयान देते फिरते हैं कि एचआरटीसी ने करोड़ों रुपए का लाभ कमाया है लेकिन जब निगम के पेंशनरों की बात आती है तो मंत्री घाटे की बात कहते हैं। इसलिए अब इस बात की उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिए की निगम को कितनी आय हो रही है और कहां कहां खर्च हो रही है। साथ ही यह भी जांच का विषय है कि निगम में सभी प्रकार की हो रही भर्तियों में घोटाले के आरोप क्यों लग रहे हैं।
बलराम पुरी ने कहा कि निगम से मार्च 2016 में सेवानिवृत्त हुए कर्मचारियों को आज एक वर्ष बाद भी न तो पेंशन लगी है और न ही अन्य प्रकार के कोई वित्तीय लाभ प्रदान किए गए हैं। जिन पूर्व कर्मचारियों को पेंशन लगी भी है उन्हें भी तीन माह से कोई पैसा निगम ने नहीं दिया है। निगम से सेवानिवृत्त कर्मचारी पाई पाई को मोहताज हो चुके हैं लेकिन बार बार आग्रह करने के बाद भी सरकार ने इनकी कोई सुध नहीं ले रही है। पुरी ने कहा कि सरकार के इसी नकारात्मक रवैये के प्रति रोष जताते हुए निगम के सेवानिवृत्त कर्मचारी 8 मार्च को प्रदेश विधानसभा शिमला में धरना प्रदर्शन करेंगे। उन्होंने निगम में कार्यरत सभी संगठनों से भी अपने हितों के लिए पेंशनरों का साथ देने की अपील की है।
पुरी ने कहा कि निगम के जो पेंशनर हाईकोर्ट में जा रहे हैं उन्हें निगम ब्याज सहित पैसे दे रहा है और ऐसे मामलों में निगम अब तक करीब 4 करोड़ रुपए बतौर ब्याज ही अदा कर चुका है। यह निगम की लचर कार्यप्रणाली को दर्शाता है कि किस तरह बिना किसी नीती के पैसा बांटा जा रहा है। बलराम ने सरकार से मांग की है कि सुप्रीम कोर्ट ने भी सरकार को आदेश दिए हैं कि हर हाल में 7 तारीख से पहले पेंशन का भुगतान हो जाना चाहिए। सरकार कोर्ट के आदेशों की भी अनुपालना नहीं कर रही है। पुरी ने कहा कि एचआरटीसी जनसेवा का उपक्रम है और इसमें घाटे और मुनाफे की बात कहीं नहीं आती है। प्रदेश में बिजली बोर्ड और परिवहन निगम ही ऐसे दो विभाग हैं जहां कर्मचारियों को पेंशन का प्रावधान है इसलिए सरकार बजट में पेंशन का प्रावधान करे ताकि समस्या का स्थायी समाधान हो सके।
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