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#HRTC के हाथ खड़े : कोरोना काल में नहीं मिल रही सवारी, 70 रूट बंद करने की तैयारी
Last Updated on October 30, 2020 by
शिमला। देश व प्रदेश में कोरोना का खतरा अभी भी कम नहीं हुआ है और लोग इसे लेकर सावधान भी हैं। बेवजह घर से निकलना लोगों ने कम कर दिया है और ज्यादातर निजी वाहनों का इस्तेमाल कर रहे हैं। हालांकि इस वजह से कोरोना काल में लोगों के लिए शुरू की गई एचआरटीसी (HRTC) की बसों को यात्री भी नहीं मिल पा रहे हैं। कई रूटों पर तो बसें खाली दौड़ रही हैं। आय होना तो दूर डीजल के पैसे निकाल पाना भी मुश्किल हो रहा है। ऐसे में करीब 70 रूटों को बंद करने की तैयारी है। लोगों की मांग के बाद ही इन रूटों (Route) को बहाल किया गया था, लेकिन अब सवारियां नहीं मिल रही हैं। इन रूटों से निगम की 30 फीसदी तक भी आय नहीं हो रही। लिहाजा, एक-एक करके इन रूटों पर बसें भेजना बंद कर दी जाएंगी।
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लॉन्ग रूटों पर मिल रही सवारियां
हिमाचल परिवहन निगम के बेड़े में 3100 बसें हैं जबकि रूटों की संख्या 2900 है। इनमें से 1800 रूटों पर परिवहन निगम की बसें दौड़ रही हैं। निगम का मानना है कि लॉन्ग रूटों पर एचआरटीसी की बसों के लिए सवारियां मिल रही हैं। 30 से 35 किलोमीटर वाले रूटों पर सवारियां (Passenger) नहीं मिल रही हैं। छुट्टी वाले दिन तो ये बसें खाली दौड़ती हैं। इनके अलावा बाहरी राज्यों और नाइट रूटों पर चल रही बसों से निगम को ठीक आय हो रही है। इन दिनों बसों में 70 फीसदी ऑक्यूपेंसी है। प्रदेश के नाइट रूटों वाली बसों में भी सवारियां ठीक हैं। प्रदेश सरकार दिल्ली के लिए भी बसें चलाना चाहती है, लेकिन केजरीवाल सरकार फिलहाल बसें भेजने को मना कर रही है। उम्मीद है दिल्ली रूट शुरू होने से एचआरटीसी की बसों को ज्यादा सवारियां मिलेंगी।
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