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AIIMS बिलासपुर भवन निर्माण में लगे सैकड़ों मजदूरों का टूटा सब्र, घर भेजने की उठाई मांग
बिलासपुर। कोठीपुरा में निर्माणाधीन एम्स में कार्यरत सैकड़ों प्रवासी मजदूर(Migrant labor) शनिवार को घर जाने की मांग को लेकर कैंपों से निकल आए, जिससे निर्माणाधीन एम्स (AIIMS) स्थल पर अफरा-तफरी मच गई। जानकारी के अनुसार निर्माणाधीन एम्स में करीब 2500 के करीब प्रवासी मजदूर कार्यरत हैं। शनिवार सुबह करीब 1700 प्रवासी मजदूर निर्माणाधीन स्थल से बाहर निकल पड़े तथा गेट तक पहुंच गए। मामला बिगड़ता देख निर्माणाधीन कंपनी ने इसकी सूचना जिला प्रशासन को दी।
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सूचना मिलते ही डीसी बिलासपुर ने एडीएम बिलासपुर (Bilaspur) विनय धीमान व एएसपी अमित शर्मा सहित पुलिस को मौके पर भेजा। वहीं, एसपी बिलासपुर दिवाकर शर्मा भी मौके पर पहुंचे तथा हालात का जायजा लिया। पुलिस प्रशासन ने किसी भी अप्रिय घटना से निपटने के लिए मौके पर पुलिस बल तैनात कर दिया। मौके पर पहुंचे जिला के प्रशासनिक अधिकारियों ने स्थिति को संभाला तथा इस मामले को लेकर निर्माणाधीन कंपनी के अधिकारियों, एम्स के डिप्टी डायरेक्टर सहित मजदूरों से बातचीत की तथा उन्हें समझाया। इसके बाद मजदूर अपने कैंपों में वापस गए।
एम्स में कार्यरत उत्तर प्रदेश के देवरिया के सुनील व शिवानंद, बिहार के विकास, बिहार के राजीव कुमार, झारखंड के बंटू यादव ने बताया कि यहां से कुछ मजूदरों को उनके घर भेज दिया गया तथा उन्हें जाने नहीं दिया जा रहा है। इन प्रवासी मजदूरों ने बताया कि उन्हें पिछले 40 दिन की पगार भी नहीं दी गई है तथा जो खाने का सामान दिया गया है, उसके पैसे भी उनकी पगार से काटे गए हैं। उन्होंने बताया कि यहां पर सामाजिक दूरी का पालन नहीं हो पा रहा है। यहां पर एक कमरे में 10 मजदूर रह रहे हैं।
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इसके अतिरिक्त एक ही बाथरूम में 200 से ज्यादा मजदूर नहा रहे हैं। उन्होंने बताया कि यहां पर सभी मजदूरों को मास्क भी नहीं दिए गए हैं तथा ना ही सैनिटाइजर ही दिया गया है। मजदूरों ने कहा कि उनके परिजन उन पर निर्भर हैं। ऐसे में जब उन्हें पगार नहीं मिलेगी तो वे अपने परिजनों को पैसे कैसे भेज पाएंगे। मजदूरों ने जिला प्रशासन से अपनी पगार दिलवाए जाने तथा उन्हें उनके घरों को वापस भिजवाने की मांग की है। मजदूरों का यह भी कहना है कि उनका अभी तक मेडिकल परीक्षण भी नहीं करवाया गया है।
एम्स के नोडल ऑफिसर एवं एडीएम बिलासपुर विनय धीमान ने बताया कि सूचना मिलने के बाद वे मौके पर पहुंचे तथा निर्माणाधीन कंपनी व मजदूरों से बातचीत की। उन्होंने बताया कि संबंधित कंपनी को मजदूरों के पैसे का भुगतान करने के निर्देश दिए गए हैं तथा यह पैसा उनके बैंक खातों में डालने की हिदायत दी गई है। उन्होंने बताया कि मजदूरों की सुविधा के लिए निर्माणाधीन स्थल पर चार रजिस्ट्रेशन काउंटर खोले जा रहे हैं तथा रजिस्ट्रेशन हो जाने के बाद इसका सारा रिकॉर्ड सरकार द्वारा नियुक्त किए गए नोडल ऑफिसर को भेजा जाएगा। सरकार के स्तर पर इनकी ट्रासपोर्टेशन की व्यस्था हो जाने के बाद इन्हें इनके घर भिजवा दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि संबंधित कंपनी को सामाजिक दूरी बनाए रखने की सख्त हिदायत दी गई है।