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नई दिल्ली। राज्यसभा में धारा 370 को हटाने और जम्मू-कश्मीर के पुनर्गठन का संकल्प पेश करने के बाद विपक्ष ने हंगामा शुरू कर दिया। एमडीएमके के वाइको ने कहा कि देश में फिर से इमरजेंसी के हालात आ गए हैं इसके बाद सभापति ने कहा कि हालात इमरजेंसी के नहीं अरजेंसी के हैं। उन्होंने हंगामा कर रहे सांसदों से अपने सीट पर जाने के लिए कहा लेकिन कोई भी सांसद वापस जाने को तैयार नहीं हुआ। वहीं पीडीपी सांसद मीर फयाज़ और नज़ीर अहमद लावे ने प्रस्ताव के विरोध में राज्यसभा में भारतीय संविधान की कॉपी फाड़ी, जिसके बाद चेयरमैन वेंकैया नायडू ने उन्हें बाहर भेज दिया। इसके बाद प्रस्ताव का विरोध करते हुए पीडीपी सांसदों ने अपने कपड़े भी फाड़े और कहा कि यह कश्मीर के लोगों के साथ विश्वासघात है।
राज्यसभा में गुलाम नबी आजाद (Ghulam Nabi Azad) ने कहा कि अनुच्छेद 370 के तहत ही जम्मू-कश्मीर को भारत के साथ जोड़ा गया था और इसके पीछे लाखों लोगों ने कुर्बानियां दी हैं। उन्होंने कहा कि हजारों नेताओं ने अपने नेता और कार्यकर्ता खो दिए हैं। 1947 से हजारों आम नागरिकों की जानें गई हैं। जम्मू-कश्मीर को भारत के साथ रखने के लिए हजारों बलिदान हुए हैं। जम्मू कश्मीर और लद्दाख के लोग हर हालत में भारत के साथ खड़े रहे। आजाद ने कहा कि यह ऐतिहासिक दिन है और यह कोई आम बात नहीं है। मैं इस कानून (Law) का कड़े शब्दों में विरोध करता हूं और हम भारत के संविधान की रक्षा के लिए अपनी जान की बाजी लगा देंगे लेकिन हम उस एक्ट का विरोध करते हैं जो हिन्दुस्तान के संविधान को जलाते हैं। बीजेपी ने इसी संविधान की हत्या की है और जिसे अनुच्छेद 370 ने भारत को कश्मीर दिया, उसे ही बीजेपी ने खत्म कर दिया है।
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