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J&K जब तक केंद्रशासित प्रदेश रहेगा तब तक विधानसभा चुनाव नहीं लड़ूंगा: पूर्व CM उमर
श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir) के पूर्व सीएम और नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला (Omar Abdullah) ने कहा है कि वह तब तक कोई विधानसभा चुनाव (Assembly elections) नहीं लड़ेंगे जब तक जम्मू-कश्मीर केंद्रशासित प्रदेश बना रहेगा। उमर ने कहा कि बीजेपी (BJP) द्वारा अनुच्छेद-370 और 35ए हटाया जाना आश्चर्य की बात नहीं थी, लेकिन जम्मू-कश्मीर को 2 केंद्रशासित प्रदेशों में बांटना एक ‘अपमान’ था। एक निजी समाचार पत्र में छापे अपने एक लेख उन्होंने कहा पिछले साल पांच अगस्त को आनन-फानन में केंद्र सरकार द्वारा जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म करने के बाद घाटी के लोगों के सामने उत्पन्न हुईं भयावह प्रताड़नाओं के दौर को बयां करते हुए अब्दुल्ला कहा कि राज्य के साथ जो कुछ किया गया है, उसे स्वीकार करना नामुमकिन है।
पांच अगस्त 2019 को जो कुछ हुआ वो किसी भी तरह जायज नहीं
My piece: “J&K participated in democratic processes,shared in nation’s development but the promise made with it wasn’t kept.Removing 370 may have been the popular thing to do,but going back on a nation’s sovereign commitments was not the right thing to do” https://t.co/VISBMOAgSA
— Omar Abdullah (@OmarAbdullah) July 27, 2020
पूर्व सीएम ने आगे लिखा कि भारत की संसद ने लोकसभा और राज्यसभा में कुल मिलाकर एक दिन से भी कम समय में पिछले 70 सालों से अधिक समय के इतिहास को बदल दिया और जम्मू-कश्मीर के लोगों के साथ किए गए संप्रभु वादों को तोड़ दिया गया। उस सुबह मैंने टेलीविजन सेट पर जो देखा, उसके स्वीकार करना असंभव है। नेशनल कॉन्फ्रेंस नेता ने कहा कि नरेंद्र मोदी को दोबारा पीएम चुनने के बाद ये अफवाह जरूर उड़ी थी कि बीजेपी अब अनुच्छेद 370 और 35 ए को खत्म कर देगी। घाटी के लोगों में उस समय भय और बढ़ गया था, जब केंद्रीय अर्धसैनिक बलों की टुकड़ियां यहां भेजी जानी लगीं। इसे लेकर जनता द्वारा सवाल किए जाने पर राज्य के सर्वोच्च पद पर बैठे गवर्नर ने झूठ बोला और कहा विधानसभा चुनावों को देखते हुए अधिक फोर्स भेजी गई हैं। उन्होंने आगे कहा कि जम्मू-कश्मीर के साथ पांच अगस्त 2019 को जो कुछ हुआ वो संवैधानिक, कानूनी, आर्थिक या सुरक्षा के दृष्टिकोण से किसी भी तरह जायज नहीं है।
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पीएम मोदी के साथ हुई इस बैठक को मैं भूल नहीं सकता हूं
उमर अब्दुल्ला ने आगे लिखा कि जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म करने को लेकर बीजेपी कई सालों से कोशिश कर रही थी। इसलिए यह चौंकाने वाली बात नहीं थी और यह उनका चुनावी एजेंडा भी कई दशकों से था। हैरान करने वाली बात ये थी कि सरकार ने राज्य का दर्जा कम करके और इसे दो भागों में बांटकर यहां की जनता को अपमानित महसूस कराया है। उन्होंने कहा कि पांच अगस्त को इस तरह का फैसला लिए जाने से पहले पीएम ने जम्मू कश्मीर के कुछ वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात की थी। इस बैठक को मैं भूल नहीं सकता हूं और कभी न कभी इसके बारे में लिखूंगा। बैठक में शामिल हममें से किसी को भी आभास नहीं था कि अगले 72 घंटों में ऐसा कुछ हो जाएगा। उन्होंने आगे कहा, ‘जहां तक मेरा सवाल है, जब तक जम्मू-कश्मीर केंद्रशासित प्रदेश रहेगा, मैं कोई भी विधानसभा चुनाव नहीं लडूंगा। बेहद दुखद है कि एक साल पहले संवैधानिक अधिकारों को ध्वस्त कर लिया गया। दर्जनों नेताओं को हिरासत में डाल दिया गया और कई लोगों को गैर कानूनी तरीके से नजरबंद किया गया।’