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शिमला। बर्फबारी (Snowfall) के बाद मंगलवार को वाहनों के लिए बहाल हुए रोहतांग दर्रे पर बर्फीले तूफान ने एक बार फिर वाहनों के पहिये रोक दिए हैं। मंगलवार दोपहर आए इस तूफान के बाद दोनों छोर से वाहन पीछे लौट गए हैं। रोहतांग दर्रे में ढ़ाई फीट तक बर्फबारी (Snowfall) हुई है। हालांकि कृषि मंत्री रामलाल मार्कंडेय और प्रशासन की पहल से पिछले दो दिन में एक हजार से अधिक लोगों को सुरंग के रास्ते रेस्क्यू किया गया है। लेकिन अभी भी रोहतांग के दोनों ओर हजारों लोग अपने गंतव्य तक पहुंचने के इंतजार में हैं। बता दें कि मंगलवार सुबह ही मौसम साफ रहने के चलते दर्जनों वाहनों ने मनाली से लाहुल का रुख किया। हालांकि सड़क पर अभी भी जोखिम बरकरार है। बर्फ की सफेद चादर चालकों के लिए मुश्किल खड़ी कर रही है।
वहीं इसी बीच मौसम विभाग ने भी तीन दिन तक प्रदेश के अधिकांश हिस्सों में बारिश और बर्फबारी (Snowfall) की चेतावनी जारी कर दी है। मौसम विभाग के अनुसार बुधवार को मौसम साफ रहेगा। लेकिन 14 से 16 नवंबर तक शिमला, सोलन, सिरमौर, मंडी (Mandi), कुल्लू, चंबा (Chamba) और उच्च पर्वतीय क्षेत्रों किन्नौर और लाहुल-स्पीति (Lahul-Spiti) में बारिश और बर्फबारी के आसार हैं। वहीं, मैदानी क्षेत्रों ऊना, बिलासपुर, हमीरपुर और कांगड़ा में मौसम साफ बना रहने का पूर्वानुमान है। मौसम विभाग ने कुल्लू (Kullu) घाटी में बारिश और बर्फबारी की चेतावनी जारी है। ऐसे में प्रशासन ने सैलानियों व आम लोगों को 15 नवंबर तक जिले के संवेदनशील इलाकों की ओर न जाने की हिदायत दी है।
मंगलवार दोपहर बाद बारालाचा, कुंजुमदर्रा और रोहतांग दर्रा के आसपास की ऊंची पहाड़ियों में हल्का हिमपात होने से घाटी में कड़ाके की ठंड बढ़ गई है। जिला प्रशासन ने मौसम के बदलते मिजाज को देखते हुए पर्यटकों व आम लोगों को रोहतांग, जलोड़ी दर्रा व अन्य संवेदनशील इलाकों की ओर न जाने की हिदायत दी है। वहीं मौसम को देखते हुए एचआरटीसी भी अलर्ट है। बस चालकों-परिचालकों को सुरक्षा की दृष्टि से सुरक्षित जगहों तक बसों को ले जाने की हिदायत दी है।
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