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सही देखभाल नहीं करने के चलते हम कई बीमारियों के शिकार हो जाते हैं। आज हम बात करते हैं हड्डियों में ट्यूमर की। हालांकि हड्डियों में ट्यूमर कॉमन है, लेकिन ज्यादातर ट्यूमर्स (Tumors) में कैंसर नहीं होता मतलब वे शरीर के दूसरे हिस्से में नहीं फैलते। लेकिन इनसे हड्डियां कमजोर हो जाती हैं। बोन कैंसर नॉर्मल बोन टिश्यू को भी खराब कर देता है। यह किसी बोन से शुरू हो सकता है या शरीर के दूसरे हिस्से से हड्डियों (Bones) तक पहुंच सकता है। बोन कैंसर या हड्डियों का कैंसर, कैंसर का बहुत ही खतरनाक रूप है जो कि किसी को और किसी भी उम्र में हो सकता है। बोन कैंसर ज्यादातर हाथ और पैर की हड्डी में होता है।
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बोन कैंसर शरीर के किसी भी हिस्से में हो सकता है लेकिन कमर के पास का हिस्सा, हाथ और पैर की सबसे लंबी बोन शरीर के ऐसे हिस्से हैं जहां यह सबसे ज्यादा कॉमन है। वैसे बाकी कैंसरों से तुलना की जाए तो बोन कैंसर के मामले कम देखने को मिलते हैं। कैंसर (Cancer) के सेल्स का सबसे ज्यादा बुरा प्रभाव हड्डियों के टीश्यूज पर पड़ता है जिसकी वजह से हड्डियां कमजोर हो जाती हैं। अगर आपको भी हड्डियों में दर्द की शिकायत है तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए क्योंकि ये बोन कैंसर का लक्षण हो सकते हैं। हम आपको बोन कैंसर के बारे में और जानकारी देते हैं।
बोन कैंसर की वजह तो अब तक साफ नहीं हो पाई है, लेकिन कुछ बोन कैंसर अनुवांशिक वजहों से होते हैं तो कुछ रेडिएशन एक्सपोजर (Radiation exposure) के चलते। बोन कैंसर तीन प्रकार के होते हैं – कॉन्ड्रोसारकोमा, इविंग सारकोमा और ऑस्टियोसारकोमा।
कमजोरी या बुखार – महिलाओं में बोन कैंसर होने पर हड्डियों में हमेशा दर्द रहता है। हल्का सा चलने और काम करने में थकान महसूस होने लगती है। शरीर में अक्सर हल्का फीवर रहता है और बोन कैंसर ज्यादा प्रभावी होने पर बुखार तेज हो जाता है और उल्टी भी शुरू हो जाती है।
हड्डी टूटना – सामान्य तौर पर हड्डी बहुत मजबूत होती है, जो आसानी से नहीं टूटती, लेकिन अगर किन्हीं कारणों से हड्डी कमजोर हो गई है तो यह आसानी से टूट सकती है।
वजन पर असर – बोन कैंसर होने पर आदमी का वजन सामान्य नहीं रह पाता है और वजन कम होने लगता है। कैंसर होने पर सामान्य दिनों की अपेक्षा आदमी को भूख नहीं लगती है जिसकी वजह से भी वजन कम होने लगता है। खाने के प्रति आदमी की रुचि समाप्त होने लगती है।
पेशाब और शौच पर असर – बोन कैंसर का प्रभाव जब रीढ़ की हड्डी या श्रोणि (पेल्विक बोन) पर होता है तब आदमी को पेशाब करने में दिक्कत होने लगती है क्योंकि बोन कैंसर के कारण आंत और मूत्राशय प्रभावित होते हैं। बार-बार पेशाब लगना और बार-बार पेशाब करने से बोन कैंसर बहुत तेजी से फैलने लगता है। रीढ़ की हड्डी में फैला ट्यूमर पेशाब और शौच क्रिया को अनियमित कर देता है।
हड्डी में गांठ या सूजन – हड्डियां हो जाती है कमजोर पांव के ज्वॉइंट अथवा हड्डी में गांठ या सूजन अगर किसी भी हड्डी में गांठ या सूजन है तो हड्डी के विशेषज्ञ को अवश्य दिखाएं। अगर वह गांठ समय के साथ बढ़ रही हो तो वह हड्डी का कैंसर भी हो सकती है। दर्द का होना हड्डी या जोड़ में दर्द बने रहना, रात में दर्द होना या आराम करने में भी दर्द रहना। अगर ये लक्षण कम उम्र, खासकर बच्चों या युवाओं में दिखें तो तुरंत जांच कराएं।
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