-
Advertisement

डॉ जनकराज ने सरकार को भेजा अपना त्यागपत्र, अब राजनीति में आजमाएंगे हाथ
शिमला। प्रदेश के सबसे बड़े अस्पताल आईजीएमसी में एमएस (IGMC MS) के पद पर तैनात डॉक्टर जनकराज अब सियासी पारी खेलने की तैयारी करने लगे हैं। दिमाग की सर्जरी करने वाले डॉक्टर जनकराज ने अब सियासी सर्जरी करने की पूरी तैयारी कर ली है। न्यूरो सर्जन डॉ. जनकराज ने न्यूरो सर्जन पर एमएस पद से त्याग पत्र का नोटिस (Notice) सरकार को दे दिया है। उन्होंने अपना नोटिस स्वास्थ्य सचिव (Health Secretary) को दिया है। उन्होंने बताया कि तीन माह पहले नोटिस देना जरूरी होता है और इसी प्रोटोकॉल को फॉलो करते हुए उन्होंने ये नोटिस दिया है। डॉक्टर जनकराज ने स्वास्थ्य सचिव को सौंपे अपने नोटिस में इन दोनों पदों को छोड़ने की बात लिखी है।
यह भी पढ़ें:कसुम्पटी में बसों की मांग लेकर आए लोगों के साथ एचआरटीसी के एमडी ने की बहसबाजी
बता दें कि डॉ. जनक जनरल सर्जरी में एमएस डिग्री के साथ ही बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी से न्यूरो सर्जरी में एमसीएच यानी सुपर स्पेशिएलिटी डिग्री होल्डर हैं। 2009 से वे प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाएं दे रहे है। इस समय वह प्रदेश के सबसे बड़े आईजीएमसी अस्पताल के एमएस और न्यूरो सर्जरी विभाग के हैड हैं। कोविड के दौरान उनकी सेवाओं को प्रदेश भर में सराह गया था। स्वास्थ्य सेवाएं देने के साथ साथ वे सामाजिक गतिविधियों में भी हिस्सा लेते रहे है और उन्हें मरीजो का मसीहा भी कहा जाता है। लेकिन अब त्यागपत्र देकर वह राजनीति में हाथ आजमाने जा रहे है। हालांकि 2017 में भी उन्होंने चुनावी समय में लंबा अवकाश लिया था और बीजेपी से टिकट (BJP Ticket) की दावेदारी पेश की थी, लेकिन उन्हें टिकट नहीं मिला था। टिकट ना मिलने के बाद वह वापस ड्यूटी पर लौट आए थे। प्रदेश में बीजेपी की सरकार बनने के बाद उन्हें आईजीएमसी का एमएस बनाया गया था।
भरमौर और पांगी में चला रखा है जनसंपर्क अभियान
हिमाचल में अब विधानसभा चुनाव (Vidhan Sabha Election) को कुछ ही माह का समय रह गया है। ऐसे में डॉक्टर जनकराज एक बार फिर से राजनीति में सक्रिय हो गए हैं। वह पिछले काफी समय से भरमौर और पांगी में जन संपर्क अभियान चला रहे हैं और लोगों की नब्ज टटोल रहे हैं। चुनावों में कम समय रहने के चलते ही अब उन्होंने स्वैच्छिक सेवानिवृति के लिए आवेदन किया है। डॉ जनकराज (Dr. Janakraj) ने कहा कि भरमौर पांगी क्षेत्र की जनता चाहती है की वे चुनाव लड़ें। उनकी अपनी भी इच्छा राजनीति के माध्यम से लोगों की सेवा करने की है।
राजनीति में आने पर वह आईजीएमसी में निशुल्क देते रहेंगे सेवाएं
उन्होंने कहा कि डॉक्टर रहते केवल वे स्वस्थ्य सेवाएं ही दे पाते हैं, लेकिन राजनीति (Politics) के माध्यम से व्यापक स्तर पर सेवा कार्य हो सकते हैं। डॉ. जनक ने कहा की भरमौर इलाका जनजातीय है और यहां समय के अनुरूप विकास की सख्त जरूरत है। हालांकि उन्होंने राजनीति में प्रवेश के बावजूद भी मरीजों की सेवा के लिए उपलब्ध रहने की बात कही और निशुल्क ही आईजीएमसी अस्पताल (IGMC Hospital) में न्यूरो सर्जरी विभाग में में या अन्य अस्पतालों में सेवाएं देते रहेंने की बात कही है।
हिमाचल और देश-दुनिया की ताजा अपडेट के लिए join करें हिमाचल अभी अभी का Whats App Group